उत्तर प्रदेश
महाकुंभ 2025: पुलिस के आंख और कान बनेंगे युवा
प्रयागराज। योगी सरकार महाकुंभ 2025 को भव्य और दिव्य बनाने के साथ ही इसे सभी के लिए सुरक्षित बनाने पर भी जोर दे रही है। इसके लिए विभिन्न कार्ययोजना बनाई गई हैं। महाकुंभ पुलिस की ओर से भी तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसी क्रम में महाकुंभ पुलिस द्वारा कम्युनिटी पुलिसिंग पर भी जोर दिया जा रहा है। खासतौर पर युवा वर्ग को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वह आसपास होने वाली गतिविधियों पर पैनी नजर रखें और अगर उन्हें कहीं कोई गड़बड़ दिखाई दे तो वह तत्काल पुलिस को सूचित करें। इसका मतलब ये है कि सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ पुलिस की ही नहीं है, बल्कि प्रयागराज के युवा भी अब पुलिस के आंख और कान बनकर काम करेंगे।
युवाओं की मूवमेंट का मिलेगा लाभ
महाकुंभ के आयोजन को लेकर यूपी पुलिस की ओर से व्यापक तैयारियां की गई हैं। पूरे महाकुंभ को सात स्तरीय सुरक्षा चक्र में विभाजित किया गया है। इसके अलावा आईसीसीसी के माध्यम से एआई से लैस सीसीटीवी कैमरों द्वारा संदिग्धों की निगरानी किए जाने की व्यवस्था की गई है तो वहीं मेला क्षेत्र में 10 प्रकार के सुरक्षा ऑपरेशन भी चलाने की तैयारी है। इसी क्रम में सुरक्षा व्यवस्था को फूल प्रूफ बनाने के लिए कम्युनिटी पुलिसिंग का भी सहारा लिया जा रहा है। सोशल मीडिया और अन्य साधनों से प्रयागराज के जनमानस के साथ संवाद स्थापित किया जा रहा है कि उन्हें कहीं भी किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे तो वह तुरंत पुलिस को सूचित करें। इसमें युवाओं को खासतौर पर सम्मिलित किया जा रहा है, क्योंकि बड़ी संख्या में युवाओं का मूवमेंट स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी के साथ-साथ प्रयागराज के विभिन्न स्थानों पर होता है।
स्वयंसेवकों के रूप में जुड़ेंगे युवा
एसएसपी महाकुंभ राजेश द्विवेदी ने बताया कि महाकुंभ के आयोजन में युवाओं का भी बहुत बड़ा योगदान होगा। वे डिजिटल मीडिया के माध्यम से महाकुंभ को प्रोजेक्ट करने के लिए स्वयंसेवकों के रूप में हमारे साथ जुड़ेंगे और तीर्थयात्रियों व पर्यटकों की आवाजाही समेत भीड़ प्रबंधन में भी पुलिस की सहायता करेंगे। इसके लिए कार्ययोजना बन चुकी है और जल्द ही इसे अमल में लाया जाएगा।
संदिग्ध गतिविधियों पर रखेंगे नजर
उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े आयोजन में कम्युनिटी का सहयोग सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होता है। दुनिया के सबसे बड़े सामूहिक आयोजन महाकुंभ को भी सुरक्षित बनाने के लिए पुलिस को जनपद के नागरिकों का सहयोग चाहिए। खासतौर पर युवा शक्ति का, जो हर कहीं पर सक्रिय है। सोशल मीडिया से लेकर जनपद के किसी भी हिस्से में उन्हें कुछ संदिग्ध नजर आता है तो वह पुलिस को सूचित कर सकते हैं। इसके लिए युवाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है, उन्हें अपनी और आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों की सुरक्षा के प्रति किन किन मूल बातों को ध्यान में रखना है, इसके लिए जागरूक किया जा रहा है। विभिन्न निजी संगठन और संस्थाएं भी इसमें पुलिस का सहयोग कर रही हैं। स्थानीय स्तर पर सेमिनार और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से युवाओं को इसमें पुलिस का सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में कैलाश मानसरोवर शिविर का आयोजन, एनआरआई हरि गुप्ता करेंगे मानसरोवर से जुड़े रहस्यों का पर्दाफाश
महाकुंभ में एनआरआई हरि गुप्ता द्वारा कैलाश यात्रा शिविर कैलाश मानसरोवर से जुड़ी समस्याओं और रहस्यों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए महाकुंभ में एक शिविर का आयोजन किया गया है, जिसमें भारत और विदेश से कई मशहूर हस्तियों, अधिकारियों और सफल व्यवसायियों के शामिल होने की उम्मीद है। जिसमें चर्चित भारतीय फिल्म निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह मौजूद रहेंगे । दुष्यंत प्रताप सिंह अपने बेहतरीन निर्देशन के साथ – साथ पटकथा लेखन के लिए भी मशहूर हैं और साथ ही अमरजीत मिश्रा ट्रस्टी (दिव्य प्रेम सेवा मिशन) हरिद्वार और मशहूर व्यवसायी एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर हलवासिया मौजूद रहेंगे। साथ ही सुधीर हलवासिया ने कहा कि कैलाश मानसरोवर शिविर हमारी भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देगा और उसमें सभी प्रकार से सहयोग करने की बात कही।
इस अवसर पर बॉलीवुड डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह ने कहा कि किसी भी अन्य वासि भारतीयों द्वारा कैलाश मुक्ति अभियान के बैनर तले इतने बड़े अभियान का बीड़ा उठाना अपने आप में ही अद्भुत और बहुत साहस व लगन का विषय है और इस परिपेक्ष में सारे अन्य वासि भारतीयों को तकरीबन 15 से 20 अलग-अलग देशों के भारतीयों को एक झंडे तले लाना और अपने सांस्कृतिक विरासत के लिए आध्यात्मिक विरासत के लिए भोलेनाथ शिव के लिए संघर्ष शुरू करना अपने आप में बहुत ही प्रेरणादायक है और हम लोग भी इस कार्य में जो भी योगदान हमारा हो सकता है वो हम लोग अपना योगदान दे रहे हैं हरि गुप्ता के साथ वहीं दिव्य प्रेम सेवा मिशन के ट्रस्टी अमरजीत मिश्रा जी ने कहा भारत एक सांस्कृतिक व आध्यात्मिक देश के तौर पर वैश्विक रूप से सभी देशों का अगवा है और हरि गुप्ता जी ने यह जो प्रकल्प छेड़ा है l कैलाश मुक्ति अभियान वास्तव में ही बहुत प्रेरणादायक एवं एक अरुण संकल्प है और उन्होंने यह आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास व्यक्त किया की बहुत जल्द ही सभी भारतीयों को जो देश-विदेश पूरे विश्व में जहा जाएं उन्हें अपने आराध्य देव के दर्शन सुगम रूप से उपलब्ध हो सकें।
यह एक विडंबना है कि पिछले 5 सालों से भारतीय पासपोर्ट धारकों को मानसरोवर जाने की अनुमति नहीं है, जबकि अन्य देशों के नागरिक आसानी से वहां जा सकते हैं। किसी भी सरकार द्वारा किसी भी कारण से हिंदू धर्म की तीर्थयात्रा को रोकना उचित नहीं है। यह हिंदू शिवभक्तों के मानवाधिकारों के बिल्कुल खिलाफ है। जबकि भारत सरकार ने 50 किलोमीटर दूर से कैलाश पर्वत को देखने के लिए कुछ मार्ग बनाए हैं, लेकिन यह कुछ ऐसा है जैसे भोजन की थाली को देखना लेकिन उसे सूंघना, छूना, महसूस करना या खाना नहीं। जब भोजन को देखकर सामान्य भूख नहीं मिटती है l तो 50 किलोमीटर दूर से उसे देखने से आध्यात्मिक भूख कैसे मिटेगी।
भले ही यात्रा की अनुमति मिल गई हो, लेकिन वास्तविक यात्रा से भारतीय यात्रियों को कोई लाभ नहीं होगा। उन्हें अभी भी कैलाश की यात्रा के लिए नेपाल और उसके मागों पर निर्भर रहना पड़ता है। भारत से पिथौरागढ़ या सिक्किम के रास्ते बहुत लंबे और उबड़-खाबड़ रास्ते हैं। हरि गुप्ता दिल्ली से कैलाश के लिए सीधी चार्टर उड़ानें शुरू करने के इच्छुक हैं और एयरलाइन ऑपरेटरों से बातचीत कर रहे हैं। दिल्ली से कैलाश तक की केवल 500 किमी की उड़ान है।
आचार्य हरि गुप्ता विदेश में 30 से अधिक वर्षों से रह रहे हैं और एक सफल व्यवसायी है। उन्होंने भोलेनाथ ने कई बार दर्शन किए हैं और कैलाश मुक्ति के लिए आवश्यक कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया है। वे इस अनुभव को भोलेनाथ की लीला के रूप में भी लिख रहे हैं। आचार्य हरि गुप्ता ने कहा कि कैलाश न केवल हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह सिख, जैन और बौद्धों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि सिखों के पहले गुरु गुरुनानक जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी।
पहले जैन गुरु ऋषभदेव जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी। आचार्य हरि गुप्ता को भोलेनाथ ने कई रहस्य बताए हैं जैसे पांच कैलाश हैं, जिनमें भोलेनाथ की अलग-अलग लीलाएं हैं। इनमें से एक मुख्य कैलाश वर्तमान में तिब्बत के अंतर्गत है, जो चीन के अंतर्गत आता है। उन्हें रहस्यमयी तरीके से कई लोगों से मिलने का मौका भी मिलता है, जिनमें से एक ने भगवान शिव के एक मंदिर के बारे में बताया है जो कैलाश के पास है और जिसके बारे में शायद ही कोई जानता हो, जिसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग उनके पास है।
यह अद्भुत शिव मंदिर पास के शहर में एक पहाड़ पर है और सीढ़ियाँ चढ़कर पहुँचा जा सकता है। इसके एक तरफ पानी का झरना है। इसकी परिक्रमा के चारों ओर गहरी घाटी है। भक्तों को खीर का प्रसाद दिया जाता है जिसे चावल को सिर्फ़ इतना पकाकर मीठा किया जाता है कि वह मीठा हो जाए और उसमें कोई मीठा पदार्थ नहीं मिलाया जाता। आगंतुकों को कभी-कभी चार काले कुत्ते भी दिखाई देते हैं जिन्हें चार वेदों का प्रतीक माना जाता है। मंदिर को हर साल पशुपति नाथ मंदिर से पहला एकमुखी रुद्राक्ष भी मिलता है जिस पर नेपाल के राजा का पहला अधिकार होता है।
कुछ साल पहले कैलाश की यात्रा करने वाले संजय जैन ने उन्हें मानसरोवर ताल के बारे में कुछ रहस्य भी बताए हैं। उन्होंने बताया कि मानसरोवर झील में कई पत्थर हैं जिन पर ओम, सांप या डमरू के प्राकृतिक निशान हैं। उन्होंने न केवल उन्हें अपनी आँखों से देखा है बल्कि उन्हें अपने साथ भी लाया है। सत्यापन के लिए दिल्ली में भी ऐसे दो पत्थर उपलब्ध हैं।
दूसरा रहस्य यह है कि मानसरोवर ताल के पास पक्षी किसी से भी भोजन ले लेते हैं जबकि राक्षस ताल के पास पक्षी कोई भी भोजन स्वीकार नहीं करते। यह जानकर आश्चर्य होता है कि यहाँ दो ताल हैं, एक में मीठा और साफ पानी है जबकि दूसरे में वह नहीं है। एक में लहरें हैं और दूसरे में नहीं। एक बर्फ में जम जाता है जबकि दूसरा नहीं। भोलेनाथ द्वारा दी गई एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंत र्दृष्टि यह है कि जब हम गूगल मैप को 180 डिग्री घुमाते हैं- तो हम झीलों के आकार को शिवलिंग और योनि के रूप में पहचान सकते हैं।
आचार्य हरि गुप्ता सभी संतों से संपर्क कर रहे हैं और उन्हें इसके लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए सांसदों को ईमेल के जरिए पत्र भी भेजे हैं। भोलेनाथ की प्रेरणा से उन्होंने जय कैलाश नाम से एक भजन भी लिखा है जिसमें भगवान शिव, कैलाश पर्वत और उसके महत्व के बारे में आसानी से बताया गया है। यह गीत Youtube.com/@JaiKailasha पर है। गौरतलब है कि 60 साल के अपने पूरे जीवन में उन्होंने शायद ही कभी संगीत सुना हो और कभी कोई कविता या गीत नहीं लिखा हो। आचार्य हरि गुप्ता इस उद्देश्य के लिए www.kailashmukti.com के नाम से एक वेबसाइट भी बना रहे हैं।
कैलाश आने वाले कई लोगों ने बताया है कि मानसरोवर और उसके आस-पास के स्थानों पर तीर्थयात्रियों के ठहरने, शौचालय, चिकित्सा और यात्रा के लिए शायद ही कोई सुविधा है। उनका इरादा तीर्थयात्रियों के लिए वहां भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का है और इसके लिए वे भारत और चीन सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। आचार्य हरि गुप्ता को पूरा विश्वास है कि यह काम जल्द ही पूरा हो जाएगा क्योंकि इस आंदोलन का मार्गदर्शन स्वयं भोलेनाथ कर रहे हैं। यह भोलेनाथ की ही कृपा है कि 4 महीने पहले एक व्यक्ति द्वारा शुरू किया गया प्रयास अब करोड़ों लोगों तक पहुँच रहा है। वे सभी शिवभक्तों, मीडिया, अधिकारियों और राजनेताओं से अपील कर रहे हैं कि वे इस बारे में आवाज उठाएं और इसे जल्द से जल्द हल करने के लिए मिलकर काम करें ताकि शिवभक्त बिना किसी प्रतिबंध, भय या परेशानी के इस पवित्र स्थान की यात्रा करके अपने इष्ट देव की पूजा से आध्यात्मिक लाभ उठाएँ।
-
नेशनल2 days ago
कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष
-
नेशनल2 days ago
दिल्ली चुनाव 2025: अखिलेश यादव ने केजरीवाल को समर्थन देने का किया एलान
-
नेशनल2 days ago
भारत में HMPV वायरस से पीड़ितों की संख्या हुई आठ, मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल में छह माह की बच्ची मिली संक्रमित
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
ट्रंप ने हमास को दी चेतावनी, ‘मेरे शपथ ग्रहण से पहले बंधकों को रिहा नहीं किया तो मिडिल ईस्ट में कहर बरपेगा
-
खेल-कूद2 days ago
जसप्रीत बुमराह तीनों फार्मेट के सबसे तेज गेंदबाज : माइकल क्लार्क
-
नेशनल1 day ago
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा दौरे पर, 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का किया उद्घाटन
-
अन्तर्राष्ट्रीय1 day ago
अमेरिका के लॉस एंजिलिस शहर में लगी भीषण आग, बिली क्रिस्टल, मैंडी मूर और पेरिस हिल्टन समेत विभिन्न हस्तियों के मकान जलकर राख
-
खेल-कूद1 day ago
भारत बनाम इंग्लैंड T20I सीरीज का जानें पूरा शेड्यूल