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मोहन भागवत ने की चीफ इमाम से मुलाक़ात, संघ ने बताया सामान्य संवाद प्रक्रिया
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने आज दिल्ली में ऑल इंडिया इमाम आर्गनाइजेशन के चीफ इमाम डॉ. उमर अहमद इल्यिासी से मुलाकात की। इससे पूर्व भागवत से पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग सहित कई मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक समूह ने मुलाकात की थी।
चीफ इमाम इल्यिासी से मिलने के लिए संघ प्रमुख भागवत दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग मस्जिद स्थित उनके कार्यालय पहुंचे। आरएसएस ने हाल ही मुसलमानों से संपर्क बढ़ाया है और भागवत ने समुदाय के नेताओं के साथ कई बैठकें की हैं।
इल्यिासी से मुलाकात सामान्य संवाद प्रक्रिया
इल्यिासी से संघ प्रमुख की मुलाकात को लेकर आरएसएस के अ.भा. प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत सभी क्षेत्रों के लोगों से मिलते हैं। यह एक सतत सामान्य संवाद प्रक्रिया का हिस्सा है।
बता दें कि इसके पहले भागवत ने कुछ मुस्लिम नेताओं से व्यक्तिगत स्तर पर मुलाकात की है। भागवत से मिलने वाले नेताओं में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, जमीरुद्दीन शाह, सईद शेरवानी और शाहिद सिद्दिकी शामिल थे।
भाजपा के पूर्व संगठन महामंत्री रामलाल की पहल पर हुई इस मुलाकात में भी दोनों समुदायों के बीच मतभेद को कम करने के लिए संभावित उपायों पर चर्चा की गई।
मुसलमानों के एक संगठन जमीअत-उलेमा-ए-हिंद के नेता मौलाना अरशद मदनी ने भी 30 अगस्त 2019 को दिल्ली के झंडेवालान स्थिति संघ मुख्यालय पहुंचकर मोहन भागवत से मुलाकात की थी। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के नेता इंद्रेश कुमार की पहल पर हुई इस मुलाकात की भी बहुत चर्चा हुई थी।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या में राम मंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय पर फैसला (9 नवंबर 2019) आने के पहले दोनों शीर्ष नेताओं की इस मुलाकात को फैसला आने के बाद दोनों समुदायों में शांति बनाए ऱखने की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण माना गया था।
चर्चा है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत आने वाले दिनों में कश्मीर के कुछ मुस्लिम नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं। इसे कश्मीर में चुनावी राजनीति की दोबारा शुरुआत के बाद घाटी में शांति बनाए रखने की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। ये नेता कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को घाटी में दोबारा सक्रिय न होने और कश्मीरी युवाओं को नए भारत से जोड़ने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
मुस्लिमों को साधने की कोशिश
माना जा रहा है कि आरएसएस और भाजपा के नेता लगातार मुसलमानों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। भागवत मुसलमानों के बिना हिंदुस्तान के पूरा नहीं होने की बात करते हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा की हैदराबाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एलान कर देते हैं कि पार्टी का मिशन मुसलमानों के करीब तक पहुंचने का होना चाहिए। कश्मीर के नेता गुलाम अली खटाना को राज्यसभा में भेजना भी संघ परिवार की मुसलमानों से करीबी बढ़ाने की इसी सोच की एक मिसाल है।
मुसलमानों के करीब पहुंचने की कोशिश
भाजपा और आरएसएस के मुसलमानों के करीब पहुंचने की यह कोई पहली कोशिश नहीं है। दोनों ही संगठन लंबे समय से हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करते रहे हैं। भाजपा में तो इसके स्थापना काल से ही कई मुस्लिम नेता इसके सर्वोच्च नेताओं में शुमार रहे हैं।
सिकंदर बख्त की लोकप्रियता आम जनता के बीच भले ही कम रही हो, लेकिन पार्टी संगठन में उनकी अहमियत अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसी ही रही। संघ ने भी अनेक मौके पर यह साफ किया है कि उसे उन मुसलमानों से कोई परेशानी नहीं है, जो भारत को अपनी मातृभूमि मानते हैं और यहां की संस्कृति को अपना समझते हैं।
यह क्रम संघ के दूसरे सरसंघ चालक माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरु जी) ने शुरू किया था, जो संघ प्रमुख मोहन भागवत के 2018 के उस बयान में भी दिखाई पड़ा, जब उन्होंने मुसलमानों के बिना हिंदुस्तान अधूरा होने की बात कही।
उन्होंने भी यह बताने की कोशिश की कि हिंदू और मुसलमानों का डीएनए एक है और दोनों ही इस देश के मूल निवासी हैं। इस देश की संस्कृति को बचाए रखना भी दोनों की ही जिम्मेदारी है।
नेशनल
5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे
मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।
बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी 1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।
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