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उत्तर प्रदेश

नई पहल, यूपीपीसीएल में कार्मिकों को रिटायरमेंट के दिन ही प्रदान किए गए देय व पेंशन प्रपत्र

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लखनऊ, । उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन एवं अन्य ऊर्जा निगमों में कार्मिकों के हितों को देखते हुए एक नई शुरूआत की गई है। इसके तहत सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारी एवं कर्मचारियों को पेंशन एवं अन्य लाभों से सम्बन्धित आवश्यक प्रपत्र सेवानिवृत्ति के दिन ही सौंप दिए जाते हैं। इससे उन्हें पेंशन के लिए परेशान न होना पड़े।इसी के तहत बुधवार को उ0प्र0 पावर कारपोरेशन एवं अन्य ऊर्जा निगमों के अध्यक्ष डॉ0 आशीष कुमार गोयल ने शक्ति भवन में आयोजित कार्यक्रम में 18 सेवानिवृत्त कामिकों को पेंशन प्रपत्र भेंट करते हुए उनका अभिनन्दन किया। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार द्वारा विभागों में त्वरित गति से कार्यों के निष्पादन हेतु किए जा रहे प्रयासों का अब सामान्य नागरिकों के साथ ही विभागीय कार्मिकों को भी लाभ मिल रहा है।

प्रदेश में सख्ती से लागू की गई है व्यवस्था

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये डॉ0 गोयल ने कहाकि पहले ऊर्जा निगमों में सेवानिवृत्त के बाद भी कार्मिक पेंशन प्राप्ति के लिए परेशान होते थे। उन्हें कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे। इस समस्या को पहचानकर इस पर गंभीरता से कम किया गया है, जिससे इसे समाप्त करने में सफलता मिली है। सेवानिवृत्ति के दिन ही कार्मिक को मिलने वाली पेंशन और अन्य लाभों के पेपर प्राप्त हो जाते है। पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था सख्ती से लागू की गई है। पेंशन अदालतें चालू की गई है जो प्रत्येक तीन महीने पर लगाई जाती है। उन्होंने कहा कि इस कार्य के साथ इम्पलाइज वेलफेयर नीति भी चलनी चाहिए, जिससे विभाग के किसी भी कर्मचारी को अपने सही कार्यों के लिए परेशान न होना पड़े। सेवानिवृत्त कार्मिकों ने अपने सम्बोधन में सरकार, प्रबन्धन विशेषकर अध्यक्ष महोदय को इसके लिए साधूवाद दिया। कार्मिकों ने कहाकि पूरी नौकरी के दौरान सेवानिवृत्ति पर सम्पूर्ण प्रपत्र मिलता हुआ पहली बार देखा जा रहा है। इससे हम सभी लोग अभिभूत हैं।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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