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‘जालिमों हम तुम्हारे जुल्म से नहीं डरने वाले’, हैदराबाद में छ्लके ओवैसी के आंसू

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AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। मोदी-शाह की जोड़ी को देख कर उनकी रातों की नींद नदारद है। मोदी की बनाई हुई रणनीतियों को अब जब मुस्लिम समुदाय के लोगों का भी समर्थन मिलने लगा है, तो ओवैसी छटपटा रहे हैं। कौम के नाम पर वोट बटोरने और मुस्लिमों का मसीहा बनने के लिए वो पहले भी तमाम हथकंडे अपना चुके हैं। अब एक बार फिर घड़ियाली आसूं बहा कर जनता का समर्थन ओवैसी बटोर लेना चाहते हैं। देश की एकता और अखंडता से उलट ओवैसी मोदी-शाह के राज में कभी चीख रहा है, कभी धमकी दे रहा है तो कभी रो रहा है।

इसकी वजह साफ़ है, देश के मुस्लिमों को बरगला कर अपने समर्थन में करना। आपको बता दें कि हैदराबाद में नमाज के बाद लोगों से बात करते वक्त AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी रो पड़े। लोगों की हमदर्दी बटोरने के लिए उन्होंने रोते हुए कहा कि खरगोन में मुसलमानों के घर तोड़ दिए, जहांगीरपुरी में उनके साथ हिंसा हुई, लेकिन वे मैदान नहीं छोड़ने वाले हैं। उन्हें मौत से भी डर नहीं लगता है।

मोदी सरकार पर उंगली उठाते हुए ओवैसी ने कहा, ‘देश में एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।’ उनकी नजरों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जहां पर सीधे तौर पर एक धर्म के खिलाफ कार्रवाई की गई। आंसू भरी आखों से उन्होंने कहा- ‘हिम्मत मत खोना आप लोग, जालिमों तुम भी सुनो, मुझे इस मौत से कोई डर नहीं लगता है, हम तुम्हारे जुल्मों से भी नहीं डरने वाले हैं। तुम्हारी हुकूमत भी हमे नहीं डरा सकती है। हम सबर से काम लेंगे, लेकिन मैदान कभी नहीं छोड़ेंगे।’

मुस्लिमों के ऊपर हुईं कार्यवाइयों का हवाला देते हुए पुरे भाषण के दौरान कई बार ओवैसी की आखें नम दिखीं। ये घड़ियाली आसूं महज़ जनता को गुमराह करने और अपने राजनीतिक फायदों के लिए ही बहाए गए। वे काफी भड़के हुए नज़र आए। उनके मुताबिक मुस्लिम समाज के पास सिर्फ ईमान वाली दौलत है, ऐसे में अल्लाह ही उनके लिए रास्ते खोलेगा. किसी को भी मायूस होने की जररूत नहीं है, उतार चढ़ाव आएंगे, लेकिन हर चुनौती का डटकर सामना किया जाएगा।

ओवैसी का रोते हुए जनता को संबोधित करने का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो के वायरल होते हुए उनका मकसद पूरा होता भी दिखाई दे रहा है। उन्हें मुस्लिम समुदाय का समर्थन मिल रहा है। लेकिन मुखौटे के पीछे जो असल मकसद है, उसे अब भी मासूम जनता अनजान है।

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किसान एक बार फिर ‘दिल्ली कूच’ करने को तैयार, क्या है किसानों की मांग

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नई दिल्ली। अपनी मांगें पूरी नहीं होने को लेकर किसान एक बार फिर ‘दिल्ली कूच’ करने की तैयारी में हैं. किसानों ने एक बार फिर सड़कों पर उतरने की योजना बना ली है. नोएडा के आक्रोशित किसान भारी संख्या में सोमवार (2 दिसंबर) को दिल्ली की ओर कूच करेंगे. रविवार को यहां के किसानों और प्राधिकरण के बीच लगभग 3 घंटे तक बैठक चली. लेकिन बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला, जिसके बाद किसानों अपनी मांगों को लेकर 2 दिसंबर को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया. इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य गोरखपुर जैसे चार गुना मुआवजे, भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ और 10% विकसित भूखंड जैसी मांगों को लागू करवाना है.

किसानों की महामाया फ्लाईओवर से दिल्ली कूच की तैयारी

जानकारी के अनुसार, किसान दिल्ली कूच से पहले महामाया फ्लाईओवर के पास दोपहर 12 बजे से जुटना शुरू होंगे. किसान मोर्चा के बैनर तले किसान नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना क्षेत्र के गांव से आएंगे. किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्राली लेकर यहां पर पहुंचेंगे. फिर ये यहां से वह एक साथ दिल्ली की ओर कूच करेंगे. इस वजह से एक्सप्रेस-वे पर भी जाम रह सकता है. पुलिस की कोशिश किसानों को रोकने की रहेगी. ऐसे में एक्सप्रेस-वे, महामाया फ्लाईओवर के आस-पास और डीएनडी, चिल्ला बॉर्डर के रास्तों से आना-जाना मुश्किल होगा. पिछली बार भी किसान जब दिल्ली कूच के लिए जुटे थे तब यहां आस-पास की ट्रैफिक व्यवस्था कई घंटे तक बाधित रही.

क्या है किसानों की मांगें?

किसानों की मांग है कि उनको गौतमबुद्ध नगर में जमीन अधिग्रहण पर पूरे राज्य की तरह की दाम का 4 गुना मुआवजा दिया जाए. किसान कहते हैं कि पिछले 10 सालों में जो सर्किल रेट नहीं बढ़ा है उसे भी बढ़ाया जाए.इसके साथ ही, किसान विकसित भूखंड का 10 फीसदी दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

 

 

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