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अन्तर्राष्ट्रीय

इमरान खान पर जवाबी हमले कर रही है पाक सेना, खत्म करेगी राजनीतिक करियर

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pak army chief asim munir Imran Khan

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 2018 में सत्ता में आने से पहले देश के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान की ओर से समर्थन और प्रोत्साहन मिला। हालांकि, खान और उनकी सरकार के सत्ता से हटने के बाद सेना का समर्थन उनको बंद हो गया।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) प्रमुख को अब सेना के जवाबी हमले का सामना करना पड़ रहा है। सेना के साथ उनके मधुर संबंध अब कट्टर दुश्मनी में बदलते जा रहे हैं। खान की 9 मई को इस्लामाबाद से गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों और पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया।

उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला, तोड़फोड़ और लूटपाट करके अपना गुस्सा व्यक्त किया। इस पर सेना ने अपने नए प्रमुख जनरल असीम मुनीर के नेतृत्व में बदला लेने का फैसला किया है। सेना ने न केवल पीटीआई के राजनीतिक अस्तित्व को कुचल कर, बल्कि देश में गृह युद्ध थोपने की धमकियों, जनरल मुनीर और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के खिलाफ खुले आरोपों, उनके सत्ता-विरोधी रवैए को भी गंभीरता से लिया।

क्या होगा इमरान खान का भविष्य?

खान सोचते हैं कि देश की सेना को चुनौती देना और निशाना बनाना, भविष्य के राजनीतिक लाभ के लिए एक विकल्प हो सकता है। खान का राजनीतिक भविष्य कठिन होता जा रहा है, क्योंकि उनके शीर्ष पार्टी के नेता उनसे अलग हो रहे हैं। उन्हें अलग-थलग कर दिया गया है और लाहौर में उनके जमान पार्क निवास की दीवारों के पीछे सीमित कर दिया गया है।

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक तलत हुसैन ने कहा, ‘जिस तरह से उनके शीर्ष पार्टी नेतृत्व ने पार्टी छोड़ दी है और गिरफ्तारी और जेल के दबाव के आगे झुक गए हैं। ऐसा लगता है कि इमरान खान के लिए भविष्य की पटकथा लिखी जा चुकी है।’

‘इमरान का राजनीतिक कब्रिस्तान तैयार’

उन्होंने कहा, ‘उनका राजनीतिक कब्रिस्तान तैयार है और उनकी पार्टी को इसमें दफन किया जा रहा है।’ अलगाव और तेजी से बढ़ते राजनीतिक अकेलेपन के बीच संकट के व्यावहारिक समाधान के लिए बातचीत शुरू करने की इमरान की मांग को सैन्य प्रतिष्ठान नजरअंदाज कर रहा है। इससे लगता है कि वह खान को कोई जगह देने के लिए तैयार नहीं है। सेना यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उनकी सैन्य-प्रतिष्ठान विरोधी राजनीति को कुचल दिया जाए।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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