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उत्तर प्रदेश

₹5 हजार करोड़ से अधिक के निवेश से बदलेगी सहारनपुर मंडल की तस्वीर

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लखनऊ। प्रदेश में ₹10 लाख करोड़ के निवेश धरातल पर उतारे जा चुके हैं। गत माह आयोजित हुए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी 4.0) के बाद प्रदेश के सभी 18 मंडलों में बड़े पैमाने पर निवेश को धरातल पर उतारा गया है। हजारों करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं से मंडलों में न केवल उद्योग का वातावरण बनेगा, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार भी सृजित होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट मंशा है कि प्रदेश के नौजवानों को नौकरी की तलाश में प्रदेश से बाहर न जाना पड़े, ऐसे में राज्य के विभिन्न मंडलों में हो रहे हजारों करोड़ रुपए के निवेश से नई उम्मीद जगी है।

बात करें सहारनपुर मंडल की तो इसमें शामिल तीन जिलों, मुजफ्फरनगर, शामली और सहारनपुर में ₹50 करोड़ से अधिक की 14 बड़ी परियोजनाओं पर सबकी निगाहें टिकी हैं। ₹5435 करोड़ की ये परियोजनाएं अपने साथ 10 हजार से अधिक रोजगार भी लेकर आ रही हैं। इन परियोजनाओं में इथनॉल प्लांट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, विद्युत ट्रांसमिशन, प्राइवेट इंडस्ट्रियल प्लांट, वुडेन हैंडिक्राफ्ट, होटल इंडस्ट्री, डिस्टलरी और सरिया निर्माण जैसे उद्योग शामिल हैं।

मुजफ्फरनगर जिले में सर्वाधिक निवेश

जीबीसी 4.0 के जरिए सहारनपुर मंडल अंतर्गत तीनों जिलों में मुजफ्फरनगर जनपद में सर्वाधिक निवेश धरातल पर उतारने में सफलता मिली है। 50 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली पांच परियोजनाओं से ₹2,811 करोड़ का निवेश धरातल पर उतर रहा है। इससे 1,420 रोजगार सृजित होंगे। मुजफ्फरनगर में जो बड़े उद्योग समूह निवेश कर रहे हैं उनमें सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में जीसी इंडिया सॉल्यूशन प्रा.लि. की ओर से ₹1480 करोड़ का निवेश किया जा रहा है, इससे लगभग 500 रोजगार सृजित होंगे। इसी प्रकार दीपावली पूजा बॉक्स निर्माण के लिए रेशु एडवर्टाइजिंग प्रा.लि. की ओर से ₹600 करोड़ का निवेश हो रहा है, जिससे 150 रोजगार सृजित होंगे। वहीं वुड बेस्ड प्रॉडक्ट मैन्यूफैक्चरिंग में सप्तम डिकोर प्रा.लि. की ओर से ₹301 करोड़ का निवेश हुआ है, जिससे 300 रोजगार सृजित होंगे। वहीं टीएमटी सरिया निर्माण के लिए स्वरूप स्टील इंडस्ट्री प्रा.लि. की ओर से ₹270 करोड़ का निवेश किया गया है। इससे 325 रोजगार के अवसर बनेंगे। इसके अलावा डिस्टलरी निर्माण के लिए अल्कोबुल्स लि. ने ₹160 करोड़ का निवेश किया है, जिससे 145 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

सहारनपुर में सबसे ज्यादा रोजगार

सहारनपुर मंडल के तीनों जनपदों में से मुख्यालय जनपद यानी सहारनपुर में सर्वाधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है। यहां ₹1,314 करोड़ की परियोजनाओं से 7249 रोजगार के अवसर पैदा होंगे। ₹50 करोड़ से अधिक की चार परियोजनाएं यहां मूर्त रूप ले रही हैं। इनमें लकड़ी के हैंडिक्राफ्ट के एक्सपोर्ट के लिए सहारनपुर हैंडिक्राफ्ट डेवलपमेंट सेंटर की ओर से ₹604 करोड़ का निवेश हुआ है, जिससे 2000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसी प्रकार पुलत्स्य इंडस्ट्रियल पार्क लिमिटेड की ओर से प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क के लिए ₹500 करोड़ का निवेश किया गया हे। इससे 5000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इसी के साथ कॉमर्शियल प्लॉट डेवलपमेंट के क्षेत्र में कॉस्मोस इन्फ्रा इंजीनियरिंग इंडिया प्रा.लि की ओर से ₹130 करोड़ का निवेश किया गया है, जिससे 150 रोजगार सृजित होंगे। वहीं सीबीजी प्लांट के लिए सिनर्जी टेलटेक प्रा.लि. की ओर से ₹80 करोड़ का निवेश हुआ है, जिससे तकरीबन 100 की संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

शामली में दो हजार नौकरियां देंगी ये पांच परियोजनाएं

सहारनपुर मंडल के तीसरे जिले शामली में भी निवेशकों ने रुचि दिखाते हुए ₹1,310 करोड़ का निवेश किया है। ₹50 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली पांच कंपनियों के जरिए शामली में दो हजार नौकरियों के अवसर सृजित होंगे। इनमें पेपर एंड पेपर क्रेप्ट के क्षेत्र में सिक्का पेपर प्रा.लि. की ओर से ₹400 करोड़ का निवेश किया गया है, यहां 300 की संख्या में रोजगार का सृजन होगा। इसी प्रकार ज्ञानचेतना एजुकेशनल सोसाइटी की ओर से मेडिकल कॉलेज के लिए ₹300 करोड़ का निवेश किया गया है, यहां 1200 लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं 400केवी मेरठ-शामली डीसी लाइन बिछाने के लिए मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. की ओर से ₹165 करोड़ का निवेश किया जाएगा, इसके लिए 50 की संख्या में रोजगार सृजित होगा। इसके अलावा इथनॉल प्लांट के लिए सुपीरियर बायोफ्यूल्स प्रा.लि. की ओर से ₹125 करोड़ का निवेश किया जाएगा, जिससे 350 लोगों को काम मिलेगा। यही नहीं रेडिसन पैलेस ग्रुप की ओर से ₹110 करोड़ से होटल का निर्माण होगा, जहां 100 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे।

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उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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