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नेशनल

मन की बात में बोले PM मोदी- मिशन चंद्रयान नारीशक्ति का जीवंत उदाहरण, सुनाई कविता

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PM Modi Mann Ki Baat 104th Episode

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 अगस्त यानी रविवार को ‘मन की बात’ के 104वें संस्करण को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सावन महाशिव, उत्सव और उल्लास का महीना है। चंद्रयान की सफलता ने उत्सव के इस माहौल को कई गुना बढ़ा दिया है। चंद्रयान को चंद्रमा पर पहुंचे तीन दिन से ज्यादा का समय हो रहा है। ये सफलता इतनी बड़ी है कि इसकी जितनी चर्चा की जाए कम है।

अभी तो सूरज उगा है

प्रधानमंत्री ने इस दौरान अपनी लिखी कविता भी सुनाई। उन्होंने कहा कि जब आज आपसे बात कर रहा हूं तो एक पुरानी मेरी कविता की कुछ पंक्तियां याद आ रही है।

आसमान में सिर उठाकर

घने बादलों को चीरकर

रोशनी का संकल्प ले

अभी तो सूरज उगा है।

दृढ़ निश्चय के साथ चलकर

हर मुश्किल को पार कर

घोर अंधेरे को मिटाने

अभी तो सूरज उगा है

आसमान में सिर उठाकर

घने बादलों को चीरकर

अभी तो सूरज उगा है।

संकल्प के कुछ सूरज चांद पर भी उगते हैं

पीएम मोदी ने कहा कि 23 अगस्त को भारत ने और भारत के चंद्रयान ने ये साबित कर दिया है कि संकल्प के कुछ सूरज चांद पर भी उगते हैं। मिशन चंद्रयान नए भारत की उस भावना का प्रतीक बन गया है, जो हर हाल में जीतना चाहता है और हर हाल में जीतना जानता भी है।

पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

चंद्रयान मिशन का एक पक्ष ऐसा भी रहा है जिसकी आज मैं आब सब के साथ विशेष तौर पर चर्चा करना चाहता हूं। आपको याद होगा इस बार मैंने लाल किले से कहा कि हमें महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को राष्ट्रीय चरित्र के रूप में सशक्त करना है। जहां महिला शक्ति का सामर्थ्य जुड़ जाता है, वहां असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।

भारत का मिशन चंद्रयान, नारीशक्ति का भी जीवंत उदाहरण है।  इस पूरे मिशन में अनेकों महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर सीधे तौर पर जुड़ी रही हैं। इन्होंने अलग-अलग सिस्टम्स के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, प्रोजेक्ट मैनेजर और ऐसी कई अहम जिम्मेदारियां संभाली है।

भारत की बेटियां अब अनंत समझे जाने वाले अंतरिक्ष को भी चुनौती दे रही हैं। किसी देश की बेटियां जब इतनी आकांक्षी हो जाएं, तो उसे, उस देश को, विकसित बनने से भला कौन रोक सकता है!

चंद्रयान-3 की सफलता से हमारे वैज्ञानिकों के साथ ही दूसरे सेक्टर्स की भी अहम भूमिका रही है। तमाम पार्ट्स और तकनीकी जरूरतों को पूरा करने में कितने ही देशवासियों ने योगदान दिया है। जब सबका प्रयास लगा तो सफलता भी मिली। यही चंद्रयान-3 की सबसे बड़ी सफलता है।

इस बार 15 अगस्त के दौरान देश ने सबका प्रयास का सामर्थ्य देखा सभी देशवासियों के प्रयास ने हर घर तिरंगा अभियान को वास्तव में हर मन तिरंगा अभियान बना दिया। इस अभियान के दौरान कई रिकॉर्ड भी बने।

देशवासियों ने करोड़ों की संख्या में तिरंगे खरीदे। डेढ़ लाख पोस्ट ऑफिस के जरिए करीब डेढ़ करोड़ तिरंगे बेचे गए। इससे हमारे कामगारों की, बुनकरों की और खासकर महिलाओं की सैकड़ों करोड़ रुपये की आय भी हुई।

तिरंगे के साथ सेल्फी पोस्ट करने में भी इस बार देशवासियों ने नया रिकॉर्ड बना दिया। पिछले साल 15 अगस्त तक करीब पांच करोड़ देशवासियों ने तिरंगे के साथ सेल्फी पोस्ट की थी। इस साल ये संख्या 10 करोड़ को भी पार कर गई है।

इस समय देश में ‘मेरी माटी, मेरा देश’ देशभक्ति की भावना को उजागर करने वाला अभियान जोरों पर है। सितंबर के महीने में देश के गांव-गांव में, हर घर से मिट्टी जमा करने का अभियान चलेगा। देश की पवित्र मिट्टी हजारों अमृत कलश में जमा की जाएगी। अक्टूबर के अंत में हजारों अमृत कलश यात्रा के साथ देश की राजधानी दिल्ली पहुंचेंगे। इस मिट्टी से ही दिल्ली में अमृत वाटिका का निर्माण होगा। मुझे विश्वास है, हर देशवासी का प्रयास इस अभियान को भी सफल बनाएगा।

इस बार मुझे कई पत्र संस्कृत भाषा में मिले हैं। इसकी वजह यह है कि सावन मास की पूर्णिमा, इस तिथि को विश्व संस्कृत दिवस मनाया जाता है। सर्वेभ्य: विश्व-संस्कृत-दिवसस्य हार्द्य: शुभकामना: आप सभी को विश्व संस्कृत दिवस की बहुत-बहुत बधाई।

हम सब जानते हैं कि संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है | इसे कई आधुनिक भाषाओं की जननी भी कहा जाता है। संस्कृत अपनी प्राचीनता के साथ-साथ अपनी वैज्ञानिकता और व्याकरण के लिए भी जानी जाती है।

भारत का कितना ही प्राचीन ज्ञान हजारों वर्षों तक संस्कृत भाषा में ही संरक्षित किया गया है। योग, आयुर्वेद और दर्शन शास्र जैसे विषयों पर रिसर्च करने वाले लोग अब ज्यादा से ज्यादा संस्कृत सीख रहे हैं। कई संस्थान भी इस दिशा में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। संस्कृत भारती’ लोगों को संस्कृत सिखाने का अभियान चलाती है। इसमें आप 10 दिन के ‘संस्कृत संभाषण शिविर’ में भाग ले सकते हैं।

मुझे खुशी है कि आज लोगों में संस्कृत को लेकर जागरूकता और गर्व का भाव बढ़ा है। इसके पीछे बीते वर्षों में देश का विशेष योगदान भी है। जैसे तीन संस्कृत डीम्ड यूनिवर्सिटीज को 2020 में सेंट्रल यूनिवर्सिटीज बनाया गया। अलग-अलग शहरों में संस्कृत विश्वविद्यालयों के कई कॉलेज और संस्थान भी चल रहे हैं। आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों में संस्कृत केंद्र काफी पॉपुलर हो रहे हैं।

जब हम अपनी मातृभाषा से जुड़ते हैं तो हम सहज रूप से अपनी संस्कृति से जुड़ जाते हैं, अपने संस्कारों से जुड़ जाते हैं, अपनी परंपरा से जुड़ जाते हैं, अपने चिर पुरातन भव्य वैभव से जुड़ जाते हैं।

ऐसे ही भारत की एक और मातृभाषा है, गौरवशाली तेलुगू भाषा। 29 अगस्त को तेलुगू दिवस मनाया जाएगा। तेलुगू भाषा के साहित्य और विरासत में भारतीय संस्कृति के कई अनमोल रत्न छिपे हैं। तेलुगू की इस विरासत का लाभ पूरे देश को मिले, इसके लिए कई प्रयास भी किये जा रहे हैं।

30 जुलाई को प्रसारित किया था ‘मन की बात’ का 103वां संस्करण

पिछले महीने 30 जुलाई को मन की बात का 103वां संस्करण प्रसारित किया गया था। इस दौरान पीएम मोदी ने पहली बार ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान का जिक्र किया था।

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5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे

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मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।

बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी  1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।

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