उत्तर प्रदेश
पैगंबर विवाद: मौलाना तौकीर ने स्थगित किया प्रदर्शन, गंगा दशहरा को बताया कारण
बरेली (उप्र)। भाजपा की निलंबित राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे इत्तेहादुल मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा ने बरेली में 10 जून को घोषित प्रदर्शन स्थगित कर दिया है।
उन्होंने गंगा दशहरा को कारण बताते हुए जल्द दूसरी तारीख घोषित करने की बात कही। बोले, प्रधानमंत्री ने अपने देश के लोगों की सुनने के बजाय दूसरे मुल्कों की सख्ती के बाद नुपुर को निलंबित किया। यह गला है, इससे दूसरों के सामने कमजोरी प्रदर्शित हुई।
उन्होंने यह भी कहा कि यह हमारे देश का अंदरूनी मामला है लिहाजा बाहरी मुल्कों को इसमें दखलंदाजी करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हालांकि, प्रधानमंत्री की चुप्पी अब टूटनी चाहिए।
मौलाना तौकीर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि गंगा दशहरा के मेले में भारी तादाद में बच्चे-बुजुर्ग और महिलाएं रामगंगा स्नान के लिए जाते हैं।
उनके प्रदर्शन के दौरान कानपुर की तरह शरारती तत्व इसका फायदा उठा सकते थे। इसी वजह से उन्होंने प्रदर्शन स्थगित किया है लिहाजा इसे हमारा डर न समझा जाए। जल्द ही प्रदर्शन की दूसरी तारीख का एलान कर दिया जाएगा।
पीड़ितों का हालचाल लेने कानपुर जाएंगे
मौलाना तौकीर ने कहा कि वह 12 जून के बाद जल्द ही कानपुर जाकर पीड़ितों का हालचाल लेंगे। सरकार की एकतरफा कार्रवाई गलत है। जिस आंदोलन का जिक्र किया जा रहा है, उसे जफर हयात ने वीआईपी मूवमेंट के कारण रद्द कर दिया था। इसकी जानकारी प्रशासन और पुलिस को भी थी।
उन्होंने कहा कि शासन बुलडोजर से डराने की कोशिश कर रहा है पर मुसलमान डरने वाला नहीं है। वह कानपुर की रिपोर्ट तैयार कर डीजीपी से भी मिलेंगे।
अब जुमे के दिन प्रदर्शन नहीं
मौलाना ने कहा कि 15 दिन के अंदर प्रदर्शन होगा लेकिन अब तय किया है कि प्रदर्शन जुमे के दिन नहीं होगा। अब तक प्रदर्शनों के लिए जुमे का दिन रखा जाता था, लेकिन अब जुमे को इबादत के लिए छोड़ दिया जाए। जिसे पैंगंबर-ए-इस्लाम से मोहब्बत होगी वह किसी भी दिन समय निकालकर प्रदर्शन में शामिल होने आएगा।
नुपुर को जेल से अच्छी कहीं सुरक्षा नहीं
मौलाना ने नुपुर को अलकायदा की धमकी के संबंध में कहा कि वह तो खुद ही नुपुर को सुरक्षा देने की मांग कर रहे है। शासन ज्यादा से ज्यादा एक-दो कंपनी सुरक्षा में लगा सकता है, लेकिन उन्हें जेल से अच्छी सुरक्षा कहीं नहीं मिल सकेगी। इसलिए बेहतर है कि उन्हें जेल में ही रखा जाए।
उत्तर प्रदेश
डिजिटल महाकुम्भ: तकनीक बनी हथियार, 2,750 एआई सीसीटीवी संदिग्ध गतिविधियों पर रख रहे नजर
महाकुंभ नगर। दिव्य और भव्य महाकुम्भ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए प्रबंधन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस बार एआई तकनीक को पुलिस ने अपना हथियार बनाया है। 2700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी महाकुम्भ नगर में लगाए गए हैं। वह सीधे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को देंगे। मेले के दौरान 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी चौकसी बरत रही हैं। सीसीटीवी और खुफिया एजेंसियों की निगरानी में हर कोना सुरक्षित है। यहां तक कि मेले में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा।
वॉच टावरों से बनाया सुरक्षा का अभेद्य घेरा
पूरे मेला क्षेत्र में अब तक 123 वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां स्नाइपर, एनएसजी, एटीएस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। वॉच टावरों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इनसे दूरबीन की मदद से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके। हर वॉच टावर पर अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं। सभी वॉच टावरों को ऊंचाई और रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया गया है ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो। पुलिस के साथ जल पुलिस और फायर ब्रिगेड भी पूरी तरह मुस्तैद हैं।
स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता
महाकुंभ मेले के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालु, स्नानार्थी, कल्पवासी और पर्यटक आने की संभावना है। ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। मेले के सभी जोन और सेक्टर में अलग-अलग स्थानों पर वॉच टावर बनाए गए हैं। प्रवेश के सात मुख्य मार्गों पर भी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।
मुख्य धार्मिक स्थलों पर कड़ी की सुरक्षा
अखाड़ा क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, परेड मैदान, वीआईपी घाट, अरैल, झूसी, और सलोरी जैसे संवेदनशील स्थानों पर विशेष वॉच टावर बनाए गए हैं। यहां तैनात जवान आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस हैं।
अत्याधुनिक तकनीक से लैस हुई कुम्भ की सुरक्षा
– 2,750 AI आधारित सीसीटीवी कैमरे और 80 VMD स्क्रीन मेले की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
– 3 जल पुलिस स्टेशन और 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम तैनात हैं।
– 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं।
– 4,300 फायर हाइड्रेंट किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
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