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बिजनेस

RBI का निर्देश- दो हजार के नोट का डेटा करें मेंटेन, बदलने के लिए न करें अफरातफरी

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RBI instructions

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि रोजाना जमा हो रहे दो हजार के नोट का डेटा मेंटेन करें। आरबीआई की ओर से 22 मई को इससे संबंधित निर्देश जारी किए गए हैं। आरबीआई की ओर से कहा गया है कि नियमों के तहत जितने चाहे उतने नोट बदले जा सकते हैं। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि बाजार में दूसरे मूल्य वर्ग के नोटों की कमी नहीं है।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि  आम जनता को काउंटर पर 2000 रुपये के नोट बदलने की सुविधा सामान्य तरीके से प्रदान की जाएगी, जैसा कि पहले प्रदान किया जा रहा था।

नोट बदलने के लिए चार महीने का वक्त दिया जाएगा। दास ने कहा कि दो हजार रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लिया गया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि दो हजार रुपये के नोट बदलने की पूरी तैयारी की गई है।

23 मई से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में बदलने की सीमा 20,000 रुपये तक होगी। दास ने कहा, हम नोट बदलने में आने वाली मुश्किलों को लगातार मॉनिटर कर रहे हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी किया गया सर्कुलर

नोट बदलने के लिए ना करें अफरातफरी

आरबीआई गवर्नर ने लोगों से अपील की है कि वे नोटों की अदला-बदली करने के लिए कतई परेशान ना हों। किसी भी अफरातफरी से बचें। इस बीच वे 2000 रुपये के नोट के साथ 30 सितंबर तक खरीदारी भी कर सकते हैं। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 2000 के नोटों की छपाई बंद हो चुकी है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 4 महीने का समय दिया गया है, कोई जल्दबाजी की जरूरत नहीं है इसलिए आप आराम से बैंक जाए और 2000 रुपए के नोट बदलें। चिंता करने या परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है।

2000 रुपये के नोटों के सर्कुलेशन में आई कमी

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि दो हजार के नोटों को छापने का फैसला 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के दौरान करेंसी की कमी को पूरा करने के लिए लिया गया था। अब यह मकसद पूरा हो चुका है। पर्याप्त मात्रा में | वह उद्देश्य पूरा हो गया है, आज अन्य मूल्यवर्ग के पर्याप्त नोट प्रचलन में हैं।

यहां तक कि 2000 रुपये के नोटों का प्रचलन भी, जैसा कि हमने बताया है, 6 लाख 73 हजार करोड़ के अपने उच्चतम स्तर से घटकर लगभग 3 लाख 62,हजार करोड़ रुपये हो गया है। छपाई भी बंद कर दी गई है। 2000 के नोटों ने अपना जीवन चक्र पूरा कर लिया है।

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हर दिन 48 करोड़ रु, जानिए कौन हैं जगदीप सिंह जिन्हें सालभर में मिलती है 17,500 करोड़ रु की सैलरी

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नई दिल्ली। भारतीय मूल के जगदीप सिंह इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। वह ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने एक दिन में 48 करोड़ रुपये सैलरी पाकर इतिहास रच दिया है। वहीं साल भर में जगदीप सिंह 17,500 करोड़ रुपये सैलरी के रूप में कमाते है। ये अमाउंट कई बड़ी कंपनियों के सालाना टर्नओवर से भी ज्यादा है।

जगदीप सिंह भारतीय मूल के आंत्रप्रेन्योर हैं, जिन्होंने 2010 में क्वांटमस्केप नाम की कंपनी की स्थापना की। यह कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सॉलिड-स्टेट बैटरियों पर काम करती है। उनकी बैटरियों ने ईवी इंडस्ट्री में क्रांति ला दी है। चार्जिंग समय को कम करना और ऊर्जा दक्षता को बढ़ाना, उनकी बैटरियों की सबसे बड़ी खासियत है। इनोवेशन के क्षेत्र में इस तरह के योगदान ने उन्हें वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाई।

जगदीप सिंह की शिक्षा और अनुभव की बात करें तो उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से बीटेक और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से एमबीए की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने कई बड़ी नामी कंपनियों में काम किया और अपनी खुद की कंपनी भी शुरू की। उनकी मेहनत और दूरदर्शिता ने क्वांटमस्केप को न केवल एक सफल व्यवसाय बल्कि टेक्नोलॉजी इनोवेशन की नई परिभाषा बना दिया।

जगदीप सिंह की कंपनी, क्वांटमस्केप, 2020 में अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्ट हुई। निवेशकों का भारी समर्थन मिलने के कारण कंपनी का मूल्यांकन तेजी से बढ़ा। सिंह के सैलरी पैकेज में 2.3 बिलियन डॉलर के शेयर शामिल थे, जिससे उनकी सालाना आय 17,500 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई। यह सैलरी उन्हें न केवल इंडस्ट्री में सबसे अधिक वेतन पाने वाला व्यक्ति बनाती है, बल्कि उनके द्वारा किए गए काम की खासियत को भी दिखाती है।

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