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प्रादेशिक

आप प्रवासी नहीं यूपी के ब्रेन और श्रम के इन्वेस्टमेंट और डिपॉजिट हैं- स्वाति सिंह

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लखनऊ। विश्व भर में फैले उत्तर प्रदेश के प्रवासियों को एक धागे में पिरो कर माला बनाने का बीड़ा उठाया है, उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट फोरम ने मुंबई के सहारा स्टार में एक यूपी कनेक्ट कार्यक्रम किया। इसी सिलसिले में मायानगरी मुंबई में पीढियो से आकर बसे उत्तर प्रदेश के लोगों को उनके जमीन से जोडने की प्रक्रिया में प्रदेश की महिला और बाल कल्याण मंत्री श्रीमती स्वाति सिंह के हाथों यूपी कनेक्ट कार्यक्रम का श्री गणेश मुंबई से किया गया। उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट फोरम के चेयरमैन पंकज जयसवाल की अगुवाई में शुरू इस कार्यक्रम को विश्व पटल पर ले जाने का दृढ़ निश्चय भी दिखा। इस समारोह में जहाँ उत्तर प्रदेश के निवासी जिन्होने इस शहर संरचना के विकास में अपना योगदान दिया उसे UPDF संगठन की तरफ से सम्मानित किया गया। संगठन के सम्मानित कार्यकारी मंडल के सदस्य अशोक चौबे आगरा से इस यूपी कनेक्ट के कार्यक्रम में शिरकत करके इसे दिल से दिल जोडने की बात कह कर इसे व्यक्ति के बजाय परिवारों को जोडने की जरूरत बताई।

वहीं मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार में की मंत्री स्वाति सिंह ने अपने सशक्त अंदाज में संगठन के प्रति आभार जाहिर किया और कहा कि उत्तर प्रदेश से निकल कर मुंबई में आकर उन्हें यही लग रहा है कि वो अपने परिवार के बीच में हीं हैं ,ये एक विशाल परिवार है। उन्होंने मुंबईकरों से आवाहन किया कि उत्तरप्रदेश से जुड़िये। वहां के विकास में यहां से या यहां के विकास में वहां से जो, जैसी मदद हो, की जाएगी तो राष्ट्र अवश्य विकास करेगा। इस कार्य में आमजनों से लेकर व्यापारियों तक की सहभागिता आवश्यक है। संक्षिप्त व सारगर्भित वक्तव्य में उन्होंने एक प्रकार से उत्तरप्रदेश की उद्द्यमशीलता, विकास और जहां कमी है, उसे ठीक करने की स्पष्ट बात कही।साथ ही प्रवासी उत्तर प्रदेश के लोगों से आग्रह किया कि आप यहाँ एक दूसरे से तो जुड ही रहे हैं अपनी जड़ों से भी जुड़े रहिए इसमें प्रदेश की सरकार और हर महकमा आपकी मदद के लिए तत्पर है।कार्यक्रम की मूल तथ्य को देखते हुए इस बात को आश्वश्त किया कि जब जब यहाँ उनकी जरुरत होगी निश्चय ही वो मौजूद रहेंगी।

पंकज जयसवाल ने मंत्री महोदया को आश्वश्त किया प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का लोगों को जोड़ने की दिशा में सदैव सहयोगात्मक रवैया रहा है।यूपी डेवलेपमेन्ट फोरम ने अगला कार्यक्रम गुजरात अहमदाबाद,और दुबई में करने की अपनी योजनाओं के बारे में बता कर मंत्री महोदया के जरिए इस बात की स्वीकृति भी ली कि अगले कार्यक्रमों में वो जरूर शिरकत करेंगी । कार्यक्रम को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अमरजीत मिश्र ने संबोधित करते हुऐ कहा मंत्री स्वाति सिंह का मुम्बई आकर अपने लोगों से मिलना बताता है कि हमारी संस्कार की जड़ें कितनी गहरी हैं। आयोजक पंकज जायसवाल ने कहा कि मैडम ने जो आज केक काटकर ग्लोबल यूपी कनेक्ट का शुभारंभ किया है इसकी आवाज और इसका प्रभाव दूर तलक जायेगा और प्रदेश के लिए थिंक टैंक का निर्माण करेगा।

दरअसल उत्तर प्रदेश से बाहर रहकर यूपी डेवलपमेंट फोरम ने असंगठित व्यापार मंडल , रोजगार की तलाश में आए प्रदेश के लोग ,कलाकार और कई अन्य लोगों की मदद करोना संक्रमण काल में करते हुए ये महसूस किया कि जो प्रतिभा प्रदेश की जमीन से दूर हैं उन शाखाओं को अपनी जड़ों से जोड कर मूल विशाल वृक्ष को भी बल दिया जाए और टहनियों को भी मजबूती। इसी मंशा से शुरू इस कार्यक्रम की सफलता की कामना सम्मिलित रूप किया गया।

इस कार्यक्रम में यूपी मूल से जुड़े तमाम समाज की विभूतियां, उद्यमियों, व्यवसाइयों, समाजसेवियों और पत्रकारों के संग यह यूपी कनेक्ट आयोजन ‘सहारा स्टार’ में संपन्न हुआ। शामिल और सम्मानित हुईं। इसमें प्रमुख रूप से मीडिया से सुनील सिंह, राजीव रंजन, इंद्रजीत सिंह, बृजभान जैसवार, सर्वजीत, विजय सिंह, सोनू श्रीवास्तव, आदित्य दुबे, अभय मिश्र, आनंद मिश्र, उद्योग से जनार्दन यादव, दिनेश यादव, अशोक तिवारी, चंदन शर्मा, नरोत्तम शर्मा, वैभव लढ्ढा, राकेश सिंह, अमर प्रजापति, सद्गुरु तिवारी, शुभ्रांशु दीक्षित, सुनील रस्तोगी, अंकुर रस्तोगी, गुजरात से जैनुल आब्दीन, पप्पू तिवारी, अमित मेहरा, वरदान, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, अरविंद शर्मा, जितेंद्र, मनीष चौहान, राजन मट्टा , आसुतोष श्रीवास्तव योगेश सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग कनेक्ट हुये थे। इस कार्यक्रम के संयोजक अजित विक्रम सिंह और अशोक चौबे रहे।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में कैलाश मानसरोवर शिविर का आयोजन, एनआरआई हरि गुप्ता करेंगे मानसरोवर से जुड़े रहस्यों का पर्दाफाश

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महाकुंभ में एनआरआई हरि गुप्ता द्वारा कैलाश यात्रा शिविर कैलाश मानसरोवर से जुड़ी समस्याओं और रहस्यों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए महाकुंभ में एक शिविर का आयोजन किया गया है, जिसमें भारत और विदेश से कई मशहूर हस्तियों, अधिकारियों और सफल व्यवसायियों के शामिल होने की उम्मीद है। जिसमें चर्चित भारतीय फिल्म निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह मौजूद रहेंगे । दुष्यंत प्रताप सिंह अपने बेहतरीन निर्देशन के साथ – साथ पटकथा लेखन के लिए भी मशहूर हैं और साथ ही अमरजीत मिश्रा ट्रस्टी (दिव्य प्रेम सेवा मिशन) हरिद्वार और मशहूर व्यवसायी एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर हलवासिया मौजूद रहेंगे। साथ ही सुधीर हलवासिया ने कहा कि कैलाश मानसरोवर शिविर हमारी भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देगा और उसमें सभी प्रकार से सहयोग करने की बात कही।

इस अवसर पर बॉलीवुड डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह ने कहा कि किसी भी अन्य वासि भारतीयों द्वारा कैलाश मुक्ति अभियान के बैनर तले इतने बड़े अभियान का बीड़ा उठाना अपने आप में ही अद्भुत और बहुत साहस व लगन का विषय है और इस परिपेक्ष में सारे अन्य वासि भारतीयों को तकरीबन 15 से 20 अलग-अलग देशों के भारतीयों को एक झंडे तले लाना और अपने सांस्कृतिक विरासत के लिए आध्यात्मिक विरासत के लिए भोलेनाथ शिव के लिए संघर्ष शुरू करना अपने आप में बहुत ही प्रेरणादायक है और हम लोग भी इस कार्य में जो भी योगदान हमारा हो सकता है वो हम लोग अपना योगदान दे रहे हैं हरि गुप्ता के साथ वहीं दिव्य प्रेम सेवा मिशन के ट्रस्टी अमरजीत मिश्रा जी ने कहा भारत एक सांस्कृतिक व आध्यात्मिक देश के तौर पर वैश्विक रूप से सभी देशों का अगवा है और हरि गुप्ता जी ने यह जो प्रकल्प छेड़ा है l कैलाश मुक्ति अभियान वास्तव में ही बहुत प्रेरणादायक एवं एक अरुण संकल्प है और उन्होंने यह आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास व्यक्त किया की बहुत जल्द ही सभी भारतीयों को जो देश-विदेश पूरे विश्व में जहा जाएं उन्हें अपने आराध्य देव के दर्शन सुगम रूप से उपलब्ध हो सकें।

यह एक विडंबना है कि पिछले 5 सालों से भारतीय पासपोर्ट धारकों को मानसरोवर जाने की अनुमति नहीं है, जबकि अन्य देशों के नागरिक आसानी से वहां जा सकते हैं। किसी भी सरकार द्वारा किसी भी कारण से हिंदू धर्म की तीर्थयात्रा को रोकना उचित नहीं है। यह हिंदू शिवभक्तों के मानवाधिकारों के बिल्कुल खिलाफ है। जबकि भारत सरकार ने 50 किलोमीटर दूर से कैलाश पर्वत को देखने के लिए कुछ मार्ग बनाए हैं, लेकिन यह कुछ ऐसा है जैसे भोजन की थाली को देखना लेकिन उसे सूंघना, छूना, महसूस करना या खाना नहीं। जब भोजन को देखकर सामान्य भूख नहीं मिटती है l तो 50 किलोमीटर दूर से उसे देखने से आध्यात्मिक भूख कैसे मिटेगी।

भले ही यात्रा की अनुमति मिल गई हो, लेकिन वास्तविक यात्रा से भारतीय यात्रियों को कोई लाभ नहीं होगा। उन्हें अभी भी कैलाश की यात्रा के लिए नेपाल और उसके मागों पर निर्भर रहना पड़ता है। भारत से पिथौरागढ़ या सिक्किम के रास्ते बहुत लंबे और उबड़-खाबड़ रास्ते हैं। हरि गुप्ता दिल्ली से कैलाश के लिए सीधी चार्टर उड़ानें शुरू करने के इच्छुक हैं और एयरलाइन ऑपरेटरों से बातचीत कर रहे हैं। दिल्ली से कैलाश तक की केवल 500 किमी की उड़ान है।

आचार्य हरि गुप्ता विदेश में 30 से अधिक वर्षों से रह रहे हैं और एक सफल व्यवसायी है। उन्होंने भोलेनाथ ने कई बार दर्शन किए हैं और कैलाश मुक्ति के लिए आवश्यक कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया है। वे इस अनुभव को भोलेनाथ की लीला के रूप में भी लिख रहे हैं। आचार्य हरि गुप्ता ने कहा कि कैलाश न केवल हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह सिख, जैन और बौद्धों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि सिखों के पहले गुरु गुरुनानक जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी।

पहले जैन गुरु ऋषभदेव जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी। आचार्य हरि गुप्ता को भोलेनाथ ने कई रहस्य बताए हैं जैसे पांच कैलाश हैं, जिनमें भोलेनाथ की अलग-अलग लीलाएं हैं। इनमें से एक मुख्य कैलाश वर्तमान में तिब्बत के अंतर्गत है, जो चीन के अंतर्गत आता है। उन्हें रहस्यमयी तरीके से कई लोगों से मिलने का मौका भी मिलता है, जिनमें से एक ने भगवान शिव के एक मंदिर के बारे में बताया है जो कैलाश के पास है और जिसके बारे में शायद ही कोई जानता हो, जिसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग उनके पास है।

यह अद्भुत शिव मंदिर पास के शहर में एक पहाड़ पर है और सीढ़ियाँ चढ़कर पहुँचा जा सकता है। इसके एक तरफ पानी का झरना है। इसकी परिक्रमा के चारों ओर गहरी घाटी है। भक्तों को खीर का प्रसाद दिया जाता है जिसे चावल को सिर्फ़ इतना पकाकर मीठा किया जाता है कि वह मीठा हो जाए और उसमें कोई मीठा पदार्थ नहीं मिलाया जाता। आगंतुकों को कभी-कभी चार काले कुत्ते भी दिखाई देते हैं जिन्हें चार वेदों का प्रतीक माना जाता है। मंदिर को हर साल पशुपति नाथ मंदिर से पहला एकमुखी रुद्राक्ष भी मिलता है जिस पर नेपाल के राजा का पहला अधिकार होता है।

कुछ साल पहले कैलाश की यात्रा करने वाले संजय जैन ने उन्हें मानसरोवर ताल के बारे में कुछ रहस्य भी बताए हैं। उन्होंने बताया कि मानसरोवर झील में कई पत्थर हैं जिन पर ओम, सांप या डमरू के प्राकृतिक निशान हैं। उन्होंने न केवल उन्हें अपनी आँखों से देखा है बल्कि उन्हें अपने साथ भी लाया है। सत्यापन के लिए दिल्ली में भी ऐसे दो पत्थर उपलब्ध हैं।

दूसरा रहस्य यह है कि मानसरोवर ताल के पास पक्षी किसी से भी भोजन ले लेते हैं जबकि राक्षस ताल के पास पक्षी कोई भी भोजन स्वीकार नहीं करते। यह जानकर आश्चर्य होता है कि यहाँ दो ताल हैं, एक में मीठा और साफ पानी है जबकि दूसरे में वह नहीं है। एक में लहरें हैं और दूसरे में नहीं। एक बर्फ में जम जाता है जबकि दूसरा नहीं। भोलेनाथ द्वारा दी गई एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंत र्दृष्टि यह है कि जब हम गूगल मैप को 180 डिग्री घुमाते हैं- तो हम झीलों के आकार को शिवलिंग और योनि के रूप में पहचान सकते हैं।

आचार्य हरि गुप्ता सभी संतों से संपर्क कर रहे हैं और उन्हें इसके लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए सांसदों को ईमेल के जरिए पत्र भी भेजे हैं। भोलेनाथ की प्रेरणा से उन्होंने जय कैलाश नाम से एक भजन भी लिखा है जिसमें भगवान शिव, कैलाश पर्वत और उसके महत्व के बारे में आसानी से बताया गया है। यह गीत Youtube.com/@JaiKailasha पर है। गौरतलब है कि 60 साल के अपने पूरे जीवन में उन्होंने शायद ही कभी संगीत सुना हो और कभी कोई कविता या गीत नहीं लिखा हो। आचार्य हरि गुप्ता इस उद्देश्य के लिए www.kailashmukti.com के नाम से एक वेबसाइट भी बना रहे हैं।

कैलाश आने वाले कई लोगों ने बताया है कि मानसरोवर और उसके आस-पास के स्थानों पर तीर्थयात्रियों के ठहरने, शौचालय, चिकित्सा और यात्रा के लिए शायद ही कोई सुविधा है। उनका इरादा तीर्थयात्रियों के लिए वहां भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का है और इसके लिए वे भारत और चीन सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। आचार्य हरि गुप्ता को पूरा विश्वास है कि यह काम जल्द ही पूरा हो जाएगा क्योंकि इस आंदोलन का मार्गदर्शन स्वयं भोलेनाथ कर रहे हैं। यह भोलेनाथ की ही कृपा है कि 4 महीने पहले एक व्यक्ति द्वारा शुरू किया गया प्रयास अब करोड़ों लोगों तक पहुँच रहा है। वे सभी शिवभक्तों, मीडिया, अधिकारियों और राजनेताओं से अपील कर रहे हैं कि वे इस बारे में आवाज उठाएं और इसे जल्द से जल्द हल करने के लिए मिलकर काम करें ताकि शिवभक्त बिना किसी प्रतिबंध, भय या परेशानी के इस पवित्र स्थान की यात्रा करके अपने इष्ट देव की पूजा से आध्यात्मिक लाभ उठाएँ।

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