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अन्तर्राष्ट्रीय

इस्राइल हमास युद्ध के चलते गाजा पट्टी में तबाही का मंजर, अब तक 2100 से ज्यादा मौतें

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Israel hamas War

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तेल अवीव। हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के बाद से सबकुछ तबाह हो गया है। 23 लाख की आबादी वाले गाजा पट्टी में इजरायल की वायु सेना ने जवाबी हमले किए, जिसमें अभी तक 900 लोग मारे जा चुके हैं और 4,600 घायल हुए हैं। मरने वालों में 260 बच्चे और 230 महिलाएं शामिल हैं।

मरने वालों की संख्या बढ़कर 2 हजार के पार

गाजा पट्टी में चल रहे इजरायल-हमास संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,100 से अधिक हो गई है। बुधवार को हिंसा का पांचवां दिन है और इसके कारण अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। इजरायल ने गाजा की पूर्ण घेराबंदी कर दी है, जिसके बाद से भोजन, पानी, ईंधन और जरूरी समानों की सप्लाई भी पूरी तरह से बंद कर दी गई है।

गाजा में इजरयाली सैनिक हमास के आतंकियों की तलाशी के लिए छापेमारी कर रही हैं। हमास के हमले में इजरायल के लगभग 1 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है, वहीं कई का अपहरण भी कर लिया गया है। मरने वालों में 156 सैन्यकर्मी भी हैं।

वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को हमास को कड़ी चेतावनी देते हुए एक वीडियो मैसेज जारी किया। इसमें नेतन्याहू ने साफ-साफ एलान कर कहा कि इजरायल ने युद्ध को शुरू नहीं किया है, लेकिन इसे खत्म जरूर करेगा। हमास के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के तहत इजराइल ने 3,00,000 सैनिक जुटाए हैं। नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल युद्ध नहीं चाहता था, यह हम पर सबसे क्रूर तरीके से थोपा गया था।

हमास के सैन्य प्रमुख के पिता के घर पर बमबारी

द टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार सुबह हमास के खिलाफ चल रहे जवाबी हमले के बीच, इजरायल रक्षा बलों (IDF) ने हमास के सैन्य विंग के प्रमुख मोहम्मद दीफ के पिता के घर पर भी बमबारी की है। बता दें कि इसे आतंकवादी हमलों का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है।

हमास पर अपना हवाई हमला जारी रखते हुए, इजरायल रक्षा बलों (IDF) ने बुधवार को घिरे गाजा पट्टी के अल फुरकान पड़ोस में आतंकवादी समूह के 200 से अधिक ठिकानों पर भी हमला किया।

 ‘यहूदी नरसंहार के बाद कभी नहीं देखी गई बर्बरता’

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ फोन पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि फलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास द्वारा किए गए हमले यहूदी नरसंहार के बाद कभी नहीं देखी गई बर्बरता थी।

नेतन्याहू ने कहा, हमने सैकड़ों लोगों का नरसंहार देखा, परिवारों को उनके घरों में ही खत्म कर दिया गया है, महिलाओं के साथ बेरहमी से बलात्कार किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। उन्होंने दर्जनों बच्चों को पकड़ लिया, उन्हें बांध दिया, जला दिया और मार डाला। उन्होंने सैनिकों के सिर काट दिए।

अमेरिकी विदेश मंत्री करेंगे इजरायल की यात्रा

इजरायल-हमास युद्ध के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन कुछ दिनों में युद्धग्रस्त इजरायल की यात्रा करेंगे। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने इसकी जानकारी दी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आने वाले दिनों में इजरायली साझेदारों से सीधे तौर पर बात करने और यह जानने के लिए इजरायल की यात्रा करेंगे कि अमेरिका उन्हें कैसे समर्थन देना जारी रख सकता है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे जो बाइडेन

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अमेरिका। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन आगामी 14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे। यही उनका विदाई भाषण भी होगा। इसके लिए ह्वाइट हाउस ने तैयारी शुरू कर दी है। नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पांच दिन पहले यानि बुधवार को ओवल ऑफिस से बाइडेन का यह विदाई भाषण होगा। बीस जनवरी को पद छोड़ने से पहले यह राष्ट्रपति के तौर पर अमेरिकियों और दुनियाभर के लोगों के लिए बाइडेन का यह अंतिम भाषण होगा, जो रात आठ बजे आरंभ होगा।

इससे पहले बाइडेन सोमवार को विदेश मंत्रालय में अपने कार्यकाल की विदेश नीति पर केंद्रित एक भाषण देंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन जीन-पियरे ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि बाइडेन सोमवार को अपने भाषण में ‘‘50 से अधिक वर्षों के अपने सार्वजनिक जीवन’’ पर बात करेंगे। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हुई ‘डिबेट’ में बाइडन (82) का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था, जिसके बाद से उनकी ही पार्टी के सदस्य बाइडेन के इस पद की दौड़ से हटने की बात करने लगे थे और अंतत: बाइडेन ने ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया था।

बाइडेन की जगह कमला हैरिस से हुआ ट्रंप का मुकाबला

बाइडेन की पीछे हटने के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। इसके बाद अमेरिकियों को देश की पहली महिला राष्ट्रपति मिलने की उम्मीद भी जगी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें चुनाव में हरा दिया। इस प्रकार ट्रंप दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति चुन लिए गए। हालांकि बाइडेन का दावा है कि यदि वह नैतिक दबाव में पीछे नहीं हटे होते तो ट्रंप को हरा सकते थे।

 

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