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उत्तर प्रदेश

टेक्सटाइल सेक्टर में दुनिया को है भारत का इंतजार : योगी आदित्यनाथ

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नई दिल्ली। टेक्सटाइल सेक्टर में हमारे हुनर, इनोवेशन और टेक्नोलॉजी का इंतजार दुनिया का बाजार कर रहा है। भारत से 17 हजार करोड़ का कार्पेट एक्सपोर्ट होता है, जिसमें से 60 प्रतिशत कार्पेट यूपी के भदोही, मीरजापुर और वाराणसी से भेजा जाता है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को प्रगति मैदान में आयोजित ‘भारत टेक्स 2024’ के चौथे दिन मीडिया से बातचीत के दौरान कही। वहीं प्रगति मैदान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देखते ही लोगों ने भारत माता की जय और जय श्रीराम का नारा लगाकर उनका स्वागत किया।

यूपी को पार्टनर स्टेट के रूप में मिला है भागीदार होने का अवसर

मुख्यमंत्री योगी ने ‘भारत टेक्स 2024’ के यूपी पॉवेलियन में आए सभी बायर्स और विजिटर्स का अभिनंदन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इतने महत्वपूर्ण इवेंट में यूपी को पार्टनर स्टेट के रूप में भागीदार होने का अवसर दिया गया है। सीएम ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में भारत मंडपम और यशोभूमि में इस इंटरनेशनल इवेंट के जरिए टेक्सटाइल के क्षेत्र में अतीत, भविष्य और वर्तमान की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्रदर्शनी आयोजित की गई है। यह प्रधानमंत्री मोदी की सराहनीय पहल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि पिछले 4 दिन से आयोजित इस प्रदर्शनी में देश और दुनिया से ढेर सारे लोगों ने सहभागिता की है। उन्होंने कहा कि भारत में एग्रीकल्चर के बाद रोजगार, डेवलपमेंट और टेक्नोजॉजी के क्षेत्र में टेक्साटाइल का क्षेत्र अनंत संभावनाओं वाला है।

उत्तर प्रदेश के उत्पादों की विशेष सराहना

सीएम योगी ने बताया कि ‘भारत टेक्स 2024’ में उत्तर प्रदेश के 20 एग्जिबिटर्स यशोभूमि में और 46 एग्जिबिटर्स भारत मंडप में अपने हुनर की प्रदर्शनी के साथ शामिल हुए हैं। यहां हस्तशिल्प, कालीन और अन्य हथकरघा उत्पादों को कारीगरों ने देश-दुनिया के बायर्स के सामने प्रस्तुत किया है। सभी ने उत्तर प्रदेश के उत्पादों की विशेष सराहना की है। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में टेक्सटाइल के क्षेत्र में अनंत संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश में 7 स्थानों पर पीएम मित्रा पार्क योजना शुरू की गई है, इसके अंतर्गत यूपी के लखनऊ-हरदोई के बीच एक हजार एकड़ में मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित होने जा रहा है। इसके अलावा हम यूपी में चार नये फ्लैटेड फैक्ट्री को विकसित कर रहे हैं।

रोजगार सृजन के महत्वपूर्ण माध्यम हैं शिल्प

मुख्यमंत्री ने बताया कि लखनऊ की चिकनकारी, सीतापुर की दरी, बरेली की जरी जरदोजी और भदोही की कालीन को प्रमोट करने के लिए बीते सात साल में काफी कार्य हुआ है। ये सभी शिल्प रोजगार सृजन के बहुत महत्वपूर्ण माध्यम हैं। सीएम योगी ने बताया कि वैश्विक टेक्सटाइल इंडस्ट्री आज भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने यहां देश के अलग अलग हिस्सों से आए और उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन किया। इस दौरान अन्य प्रदेशों के हस्तशिल्पी भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने बीच पाकर खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। इस अवसर पर एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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