उत्तराखंड
तीरथ सिंह रावत बने उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री, राज्यपाल ने दिलाई शपथ
देहरादून। तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं। बुधवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें शपथ दिलाई। सीएम बनने पर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई। उनके पास लंबा प्रशासनिक और संगठनात्मक अनुभव है। मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में राज्य प्रगति की नई ऊंचाइयों को छूता रहेगा।
बता दें कि उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद अब तीरथ सिंह रावत राज्य की कमान सौंपी गई है। रावत गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद हैं। विधायक दल की बैठक में उन्हें नया नेता चुना गया।
कई दिनों से उत्तराखंड में चल रही सियासी खींचतान के बाद आखिरकार मंगलवार शाम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद बुधवार की सुबह हुई विधायक दल की बैठक में नए सीएम के रूप में तीरथ सिंह रावत के नाम पर मुहर लगी।
वह उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं, अभी बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव हैं. इनके अलावा वह बीजेपी में राज्य स्तर के कई पदों पर रहे, कमेटियों का हिस्सा भी बने।
बैठक में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तराखंड के प्रभारी रमन सिंह, रमेश पोखरियाल के अलावा कार्यवाहक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, दुष्यंत कुमार गौतम, यशपाल आर्य, रेखा आर्य समेत उत्तराखंड से भाजपा के तमाम सांसद और विधायक मौजूद रहे।
उत्तराखंड
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, इस मौके पर क्या बोले सीएम धामी
देहरादून: उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। यहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो गया है। इसी के साथ उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। UCC के लागू होने से विशेष तौर पर सभी धर्मों की महिलाओं को एक समान अधिकार मिलेंगे।
UCC पोर्टल और नियम लॉन्च के मौके पर क्या बोले सीएम?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UCC पोर्टल और नियम लॉन्च पर कहा, ‘आज उत्तराखंड में UCC लागू करके हम संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज इसी क्षण से उत्तराखंड में UCC पूर्ण रूप से लागू हो गया है। आज से सभी धर्म की महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त होंगे। इस अवसर पर मैं समस्त उत्तराखंड वासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करता हूं क्योंकि उन्हीं के मार्गदर्शन में आज हम यह कानून राज्य में लागू करने में सफल हुए हैं।
उत्तराखंड में UCC लागू होने से क्या-क्या बदल जाएगा?
यूसीसी लागू होने के बाद शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा।
किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के लिए तलाक का एक समान कानून होगा।
हर धर्म और जाति की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।
सभी धर्मों में बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा, दूसरे धर्म का बच्चा गोद नहीं ले सकते।
उत्तराखंड में हलाला और इद्दत जैसी प्रथा बंद हो जाएगी।
एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
जायदाद में लड़के और लड़कियों की बराबरी की हिस्सेदारी होगी।
लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।
लिव-इन रिलेशनशिप वालों की उम्र 18 और 21 साल से कम है तो माता-पिता की सहमति लेनी होगी।
लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे को शादी शुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड से शेड्यूल ट्राइब को बाहर रखा गया है।
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