Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

वाराणसी से प्रयागराज का सफर होगा आसान, गंगा पर नया रेलवे ब्रिज बनकर तैयार

Published

on

Loading

प्रयागराज। प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के कुंभ नगरी पहुंचने का का अनुमान है। प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र सरकार भी इस आयोजन में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आवागमन के लिए दिन रात तैयारियां कर रही हैं। रेल मार्ग से वाराणसी से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गंगा नदी पर बनकर तैयार हो रहा नया रेलवे सेतु आगंतुकों का सफर आसान करेगा।

495 करोड़ के बजट से बने रेल सेतु में दिसंबर से रेल परिवहन होगा शुरू

महाकुंभ 2025 में सबसे अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के सड़क परिवहन से कुंभ नगरी पहुंचने का अनुमान है। सड़क परिवहन के बाद सबसे अधिक लोग रेल मार्ग से ही प्रयागराज पहुचेंगे। इस बार लगभग 10 करोड़ लोगों के ट्रेन के जरिये महाकुंभ पहुचंने का अनुमान है। रेलवे की तरफ से भी इसे लेकर तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। एक तरफ जहां रेलवे स्टेशनों और ट्रेन की संख्या बढ़ाई जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ रेल मार्ग में सेतुओं का निर्माण कर भीड़ का दबाव कम करने का प्रयास हो रहा है। वाराणसी से प्रयागराज के बीच रेलमार्ग को सुगम बनाने के लिए दारागंज से झूंसी के बीच नए रेल पुल का निर्माण पूरा हो चुका है। बस पुल में रेलवे ट्रैक बिछाने और गिट्टी डालने का कार्य शेष है। रेल विकास निगम लिमिटेड इसका निर्माण कर रहा है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर विनय अग्रवाल के मुताबिक 495 करोड़ की लागत से इस पुल का निर्माण हुआ है जो दिसम्बर तक रेल परिवहन के लिए खोल दिया जाएगा।

2700 मीटर लंबे पुल में डबल ट्रैक से कम होगा दबाव

प्रयागराज रामबाग- वाराणसी रेल मार्ग में गंगा नदी पर अभी तक केवल एक ही रेल पुल था जिसमें सिंगल ट्रैक होने की वजह से झूंसी और राम बाग रेलवे स्टेशन में ट्रेन को देर तक रोकना पड़ता था। लेकिन अब इस 2700 मीटर लंबे नए रेल पुल के बन जाने से रेल यात्रियों को इंतजार नहीं करना होगा क्योंकि यह डबल ट्रैक वाला रेल पुल है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर विनय अग्रवाल बताते हैं कि कुंभ के प्रमुख पर्वों के दौरान वाराणसी मार्ग से आने वाले रेल यात्रियों को झूंसी स्टेशन में ही उतारकर कुंभ क्षेत्र ले जाने की योजना पर राज्य सरकार से विचार चल रहा है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन में होल्डिंग एरिया का भी निर्माण हो रहा है। लेकिन गैर पर्व के दिनों में ट्रेनों के अप एंड डाउन में इस नए रेल पुल का बड़ा योगदान होगा। इससे स्टेशनों पर यात्रियों का दबाव कम होगा और समय की बचत होगी।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

भगवान रामलला के मंदिर में मुख्यमंत्री ने जलाए श्रद्धा के दीप

Published

on

Loading

अयोध्या|  22 जनवरी 2024 को रामलला 500 वर्ष बाद अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान हुए। इसके बाद 30 अक्टूबर को पहला दीपोत्सव हुआ, जब लला स्वयं के महलों में विराजमान होकर अपनी नगरी को अपलक निहारते रहे। अयोध्या का सौंदर्य देख रामलला खुद भी भाव-विह्वल हो उठे। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव में राममंदिर की अनुपम छटा हर किसी को आह्लादित कर रही थी।

रामलला की मौजूदगी में बुधवार को पहला दीपोत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम श्रीराम मंदिर भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का दर्शन किया, फिर उनके चरणों में श्रद्धा निवेदित की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने प्रभु के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किए। बाहर भी मुख्यमंत्री ने पांच-पांच दीप जलाए। वहीं मंदिर प्रांगण में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए गए।

श्रीराम मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी अनिल मिश्र, गोपाल जी, विनोद जी आदि भी रहे।

Continue Reading

Trending