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प्रादेशिक

यूपी में तेजी से हो रहा वैक्सीनेशन, अब तक 11.50 करोड़ से अधिक लोगों का हुआ टीकाकरण

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर सुदृढ़ बनाकर रखा जाए। प्रदेश में संक्रमण तेजी से कम हो रहा है, किन्तु यह अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए यह अतिरिक्त सतर्कता एवं सावधानी बरतने का समय है। उन्होंने कोविड प्रोटोकॉल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 18 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 13 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 141 है।

जनपद अलीगढ़, अमरोहा, अयोध्या, बदायूं, बागपत, बलिया, बलरामपुर, बस्ती, बहराइच, भदोही, देवरिया, एटा, इटावा, फतेहपुर, गाजीपुर, गोण्डा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, जालौन, कानपुर देहात, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, महराजगंज, महोबा, मऊ, मीरजापुर, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रायबरेली, रामपुर, संतकबीरनगर, शामली, श्रावस्ती, सीतापुर, सोनभद्र, सुल्तानपुर, उन्नाव और वाराणसी में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर 98.7 प्रतिशत है। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 1,74,734 कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 08 करोड़ 03 लाख 11 हजार 528 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार लक्षित आयु वर्ग के सभी नागरिकों को कोरोना टीकाकरण का सुरक्षा कवच निःशुल्क उपलब्ध करा रही है। प्रदेश में टीकाकरण कार्य तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कोविड वैक्सीनेशन कार्य को पूरी सक्रियता से संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए पात्र लोगों का समय से टीकाकरण किया जाए। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि राज्य में गत दिवस तक 11 करोड़ 50 लाख 22 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डेंगू, डायरिया, कॉलरा सहित विभिन्न विषाणुजनित व जीवाणुजनित बीमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फॉगिंग का कार्य निरन्तर जारी रखा जाए। उन्होंने कहा कि संचारी रोगों से बचाव के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरसों के तेल व वनस्पति घी के मूल्य में अचानक तेजी देखी गयी है। उन्होंने खाद्य तेलों के मूल्यों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने के लिए कृषि उत्पादन आयुक्त को निर्देशित किया कि वे खाद्य एवं रसद विभाग तथा कृषि विभाग के साथ समीक्षा करें। साथ ही, सभी मण्डलायुक्त के साथ भी संवाद करें। उन्होंने जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज, लखनऊ के टेण्डर आदि की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 15 अक्टूबर, 2021 से इस इंस्टीट्यूट की निर्माण प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जाए। उन्होंने कहा कि पर्व एवं त्योहारों का समय प्रारम्भ हो चुका है। इसके दृष्टिगत सभी जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए दुर्गा पूजा कमेटियों, धर्माचार्यों, किसान संगठनों और सिविल सोसाइटी के साथ संवाद बनाते हुए सभी कार्यक्रमों को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराएं। उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति की निर्बाध व्यवस्था सतत बनायी रखी जाए।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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