प्रादेशिक
यूपीः योगी सरकार की 3टी नीति का कमाल, प्रदेश में पूरी तरह से नियंत्रण में कोरोना की दूसरी लहर
लखनऊ। यूपी में कोरोना की दूसरी लहर अब पूरी तरह से नियंत्रित है। योगी का यूपी मॉडल एक ओर जहां दूसरे राज्यों के लिए नजीर बन गया है तो वहीं देश के अलावा विदेश में भी कोरोना के विरूद्ध अपनाए गए इस योगी मॉडल की चर्चा है। कम होते संक्रमण दर के बावजूद मुख्यमंत्री ने एग्रेसिव टेस्टिंग को जारी रखने के निर्देश दिए हैं।
बीते 24 घंटों में प्रदेश दो लाख 28 हजार से अधिक कोरोना की जांचें की गईं, इसके बावजूद प्रदेश में महज 120 कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आए और 195 लोगों ने कोरोना को मात भी दी। प्रदेश में अब केवल 2181 एक्टिव केस ही रह गए हैं। बेहतर होती स्थितियों के बीच ट्रिपल टी की रणनीति के अनुसार प्रदेश में कोरोना संक्रमण संभावित तीसरी लहर से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
सकारात्मक रणनीति का परिणाम है कि आज प्रदेश के हालात दूसरे प्रदेशों के मुकाबले काफी बेहतर हैं। प्रदेश में अब तक पांच करोड़ 91 लाख से अधिक कोरोना की जांचें की गई हैं। रोजाना लगभग ढाई लाख कोरोना की जांचें की जा रही हैं, साथ ही युद्धस्तर पर टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। जिसके सकारात्मक परिणाम सभी को देखने मिल रहे हैं। प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़कर अब 98.5 फीसद पहुंच गया है। ट्रेसिंग प्रक्रिया के तहत प्रदेश में एक पॉजिटिव केस मिलने पर उसके सापेक्ष में 34 से अधिक लोगों की जांच की जा रही है।
38 जिलों में नहीं मिले कोरोना के केस
कोरोना संक्रमण के खिलाफ अपनाई गई सरकार की रणनीति जमीनी स्तर पर रंग ला रही है जिसका परिणाम है कि 38 जिलों में कोरोना संक्रमण के एक भी मामले सामने नहीं आए वहीं 35 जिलों में सिंगल डिजिट केस दर्ज किए गए। अब प्रदेश में महज दो जनपद ऐसे हैं जहां डबल डिजिट में केस दर्ज किए जा रहे हैं इन दोनों जनपदों में 20 से कम केस आए हैं। बता दें कि टीकाकरण अभियान के तहत सरकार की ओर से प्रदेशवासियों को निरंतर प्रेरित किया जा रहा है। 18 साल से ऊपर के लोगों को जल्द से जल्द टीकाकरण कराने की अपील की जा रही है। अब तक यूपी में 3.26 करोड़ लोगों को वैक्सिन की डोज दी जा चुकी है।
दूसरे राज्यों से सटे जनपदों में जीनोम सिक्वेंसिंग का कार्य तेज
कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर सरकार ने पुख्ता रणनीति के अनुसार काम कर रही है। अब तक प्रदेश में लिए गए एक भी सैंपल में डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। इसके बावजूद प्रदेश में डेल्टा प्लस संक्रमण वाले राज्यों से आने वाले लोगों की निगरानी और टेस्टिंग तेजी से की जा रही है। दूसरे राज्यों से सटे जिलों में जीनोम सिक्वेंसिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। बता दें कि लखनऊ के केजीएमयू और वाराणसी के बीएचयू में जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है।
उत्तर प्रदेश
कुम्भ के विकास का प्रमाणिक दस्तावेज है कला कुम्भः सीएम योगी
महाकुम्भ नगर। मुख्यमंत्री ने सेक्टर 7 में तैयार किए गए कला कुम्भ का भी शुभारंभ किया। यूपी स्टेट पवेलियन का शुभारंभ करने के बाद सीएम योगी ठीक सामने बने कला कुम्भ पहुंचे और यहां उन्होंने उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के द्वारा निर्मित इस अनूठे शिविर का अवलोकन किया। परिसर में विभिन्न सांस्कृतिक झांकियों के बीच सीएम योगी ने फीता काटकर परिसर का उद्घाटन किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने हॉल में मौजूद कलाकृतियों के विषय में भी जानकारी प्राप्त की, जबकि थ्रीडी के माध्यम से कला कुम्भ से संबंधित वीडियो भी देखा। यहां से मुख्यमंत्री सीधे प्रदर्शनी हॉल में गए, जहां उन्होंने सजाई गई अनूठी कलाकृतियों, विभिन्न मंदिरों की रेप्लिका और प्रदर्शनी को सराहा। उन्होंने कला कुम्भ को कुम्भ के विकास का प्रमाणिक दस्तावेज करार दिया। इस दौरान प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम ने उन्हें स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।
5 एकड़ में निर्मित किया गया है कला कुम्भ
कला कुम्भ में उत्तर प्रदेश की कला, संस्कृति, पुरातत्व के साथ ही कुम्भ आयोजनों से संबंधित अभिलेखों की अनूठी प्रदर्शनी लगाई गई है। मेला क्षेत्र में लगभग 5 एकड़ क्षेत्रफल में लगे कलाकुम्भ में प्रदर्शनी स्थल के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच भी सजाया गया है। प्रदर्शनी गैलरी में भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की यात्रा, उत्तर प्रदेश के स्मारक, पुरातत्व विभाग के संरक्षित स्मारक, पांडुलिपि और स्मृतियों से संबंधित चित्र, अनुकृति और प्रतिकृति प्रदर्शित किए गए हैं। प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को पुरातात्विक और अभिलेखीय साक्ष्यों के साथ प्रदर्शित किया गया है। कुम्भ के आयोजनों, पौराणिक और ऐतिहासिक ग्रंथों में इससे संबंधित उल्लेख समेत सभी तरह के दस्तावेज, चित्र, लिखित सामग्री और जानकारियों की अनुकृति यहां प्रदर्शित है।
दस्तावेजों की भी लगाई गई है प्रदर्शनी
कला कुम्भ में सबसे अनूठी प्रदर्शनी है महाकुम्भ के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर आधारित दस्तावेजों की प्रदर्शनी। प्रदर्शनी के आठवें खंड में महाकुम्भ का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य नाम से प्रदर्शनी में 1866 से 1954 के कालखंड की प्रयागराज में आयोजित सभी कुम्भ से संबंधित प्रशासनिक अंतर्दृष्टि को सरकारी पत्रों, अभिलेखों और दस्तावेजों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। इस खंड में रिपोर्ट, पत्र, प्रशासनिक आदेश आदि शामिल हैं। इस खंड में कुम्भ से जुड़ी पिछले 150 वर्षों की जानकारियों को प्रदर्शित किया गया है। प्रत्येक कुम्भ के अवसर पर अधिकारियों द्वारा उठाए गए व्यवस्थागत कदमों, बुनियादी ढांचों के सुधार, सुरक्षात्मक और आर्थिक उपायों पर प्रामाणिक दस्तावेजी जानकारी प्रदर्शित है।
-
नेशनल3 days ago
कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष
-
नेशनल3 days ago
दिल्ली चुनाव 2025: अखिलेश यादव ने केजरीवाल को समर्थन देने का किया एलान
-
नेशनल3 days ago
भारत में HMPV वायरस से पीड़ितों की संख्या हुई आठ, मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल में छह माह की बच्ची मिली संक्रमित
-
अन्तर्राष्ट्रीय3 days ago
ट्रंप ने हमास को दी चेतावनी, ‘मेरे शपथ ग्रहण से पहले बंधकों को रिहा नहीं किया तो मिडिल ईस्ट में कहर बरपेगा
-
खेल-कूद3 days ago
जसप्रीत बुमराह तीनों फार्मेट के सबसे तेज गेंदबाज : माइकल क्लार्क
-
उत्तर प्रदेश18 hours ago
महाकुंभ में कैलाश मानसरोवर शिविर का आयोजन, एनआरआई हरि गुप्ता करेंगे मानसरोवर से जुड़े रहस्यों का पर्दाफाश
-
नेशनल2 days ago
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा दौरे पर, 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का किया उद्घाटन
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
अमेरिका के लॉस एंजिलिस शहर में लगी भीषण आग, बिली क्रिस्टल, मैंडी मूर और पेरिस हिल्टन समेत विभिन्न हस्तियों के मकान जलकर राख