Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

देश में इन्वेस्टमेंट का सबसे बढ़िया डेस्टिनेशन बन चुका है यूपी : सीएम योगी

Published

on

Loading

अमेठी। 2018 में पहले निवेशक सम्मेलन के वक्त जब दो लाख करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया, तो लोग हमारे निर्णय पर हंसते थे। देशभर के उद्यमी यूपी में निवेश के नाम से कतराते थे। मगर आज उत्तर प्रदेश में अबतक 38 लाख करोड़ का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है। उद्यमी केवल निवेश की गारंटी लें, पूंजी और उनकी सुरक्षा की गारंटी सरकार की होगी। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यहां दक्षिण पश्चिम एशिया के सबसे बड़े बेवरेज प्लांट के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही। इससे पहले सीएम योगी ने एसएलएमजी बेवरेज प्रा लि के प्लांट का अवलोकन किया। उन्होंने प्लांट के विभिन्न वर्कशॉप में जाकर बॉटलिंग प्रॉसेस की कार्यप्रणाली को भी जाना।

यूपी देश में निवेश का सबसे अच्छा डेस्टिनेशन

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये बॉटलिंग प्लांट प्रदेश सरकार के निवेश की उस पॉलिसी का हिस्सा है, जो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमने निवेश, रोजगार और बेहतरीन औद्योगीक वातावरण देने के लिए प्रारंभ किया है। डबल इंजन की सरकार आने के बाद यूपी देश के अंदर निवेश के सबसे अच्छे डेस्टिनेशन के रूप पहचान बना रहा है। आज देश के अलग अलग हिस्से के उद्यमी यूपी में निवेश के लिए इच्छुक हैं। यूपी में निवेश और सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित की गई है। 2018 में हमें पौने पांच लाख करोड़ का निवेश प्रस्ताव मिला था। ठीक पांच साल बाद इस साल फरवरी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए अबतक 38 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसके लिए सरकार ने बहुत से रिफॉर्म किये। सेक्टोरियल पॉलिसी बनाई गई। लैंड बैंक बनाने पड़े और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया। यूपी में तेजी के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया गया। जब कानून व्यवस्था सुधरती है तो अर्थव्यवस्था पर इसका प्रत्यक्ष प्रभाव दिखने लगता हे।

अमेठी को निवेश का नया उपहार मिला : योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्लांट की स्थापना से अमेठी को निवेश का नया उपहार मिला है। दशकों पहले यहां औद्योगिक परिक्षेत्र चिह्नित हुआ था। मगर पहले की सरकारों के पास विकास का एजेंडा नहीं था। वो जातिवाद और परिवाद को बढ़ावा देते थे। सामाजिक ताने बाने को छिन्न भिन्न करके सामाजिक वैमनस्यता में ही उनका ज्यादा समय खर्च होता था। मगर आज डेवलपमेंट का कोई ऐसा कार्य नहीं है जो डबल इंजन की सरकार ना कर रही हो। ये प्लांट निवेश और रोजगार का बड़ा स्रोत बनेगा। स्थानीय आईटीआई और पॉलिटेक्निक के छात्रों को यहां जोड़ा जाएगा। बहुत शीघ्र अमेठी में हजार करोड़ का एक और बड़ा निवेश आने जा रहा है।

निवेशकों के साथ प्रतिबद्धता के साथ खड़ी है राज्य सरकार : योगी

मुख्यमंत्री ने बताया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश का सबसे बड़ा निवेश मित्र प्लेटफॉर्म यूपी सरकार उपलब्ध करा रही है। जहां, 430 एनओसी केवल एक जगह आवेदन करने से प्राप्त हो जाएगी। राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ निवेशकों के साथ कार्य कर रही है। सीएम ने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि निवेश की गारंटी आप लीजिए, पूंजी और आपकी सुरक्षा की गारंटी सरकार की होगी। मुख्यमंत्री ने बेवरेज प्लांट के लिए लधानी परिवार को विशेष रूप से धन्यवाद दिया।

नेतृत्व में विजन हो तो असंभव भी संभव बन जाता है : स्मृति ईरानी

वहीं अपने उद्बोधन में केंद्रीय मंत्री और अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी ने कहा कि अगर नियत साफ हो और नेतृत्व में विजन हो तो असंभव भी इस धरा पर संभव हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से आज का ये प्लांट इसका बहुत बड़ा उदाहरण है।

साउथ वेस्ट एशिया में कोको कोला का सबसे बड़ा बॉटलर है लधानी ग्रुप

लधानी ग्रुप के विवेक लधानी ने बताया कि एसएलएमजी बेवरेज प्रा लि, साउथ वेस्ट एशिया में कोको कोला का सबसे बड़ा बॉटलर है। ग्रुप की ओर से यूपी में 2 हजार करोड़ का निवेश इस वर्ष किया गया है। उनका ग्रुप हॉस्पिटैलिटी, रियल स्टेट और पैकेजिंग में भी कार्य करता है। प्रतिदिन 9 हजार चैनल पार्टनर के माध्यम से साढ़े 8 लाख दुकानों तक पेय पदार्थ पहुंचाने का कार्य उनका ग्रुप करता है।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री और अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी, प्रदेश सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, मंत्री गिरीश चंद्र यादव, राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण, एमएलसी शैलेन्द्र सिंह, बीजेपी जिला अध्यक्ष राम प्रसाद मिश्रा, कोका कोला की वाइस प्रेसिडेंट पीआर दिव्या राणा, लधानी ग्रुप के सदस्यगण उपस्थित रहे।

उत्तर प्रदेश

कानपुर-उन्नाव को जोड़ने वाला 150 साल पुराना ब्रिटिश कालीन पुल ढहा, किसी तरह की जनहानि नहीं

Published

on

Loading

उन्नाव। उन्नाव-कानपूर को जोड़ने वाला गंगा नदी पर बना ब्रिटिश शासनकाल का ऐतिहासिक पुल मंगलवार को ढह गया। गनीमत रही कि पुल तीन साल पहले ही जर्जर स्थिति के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया था, जिसके कारण किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।

कानपुर-उन्नाव को जोड़ने वाला यह पुल कभी लोगों की लाइफ लाइन था और हजारों लोग इसी पुल के जरिए हर रोज आवागमन करते थे।2021 में पुल जर्जर होने के कारण इस पर चलने वाले आवागमन बंद कर दिया गया था। यह पुल को ब्रिटिश काल में 1874 में अवध एंड रूहेलखंड लिमिटेड कंपनी ने बनवाया गया था। रेजीडेंट इंजीनियर एसबी न्यूटन और असिस्टेंट इंजीनियर ई. वेडगार्ड की देखरेख में 800 मीटर लंबा यह पुल तैयार हुआ था। पुल की आयु 100 वर्ष बताई गई थी, लेकिन यह 150 साल तक खड़ा रहा। इसके बाद पुल की संरचना में गिरावट आनी शुरू हो गई थी।

पुल की संरचना में बड़ी दरारें आने के बाद 5 अप्रैल 2021 को मध्यरात्रि में इसे बंद कर दिया गया। दरारें खासतौर पर पुल की कानपुर तरफ की कोठियों 2, 10, 17 और 22 नंबर की कोठियों में आई थीं। पुल को फिर से चालू करने के लिए इंजीनियरों ने जांच की थी और इस पर आवागमन को चालू रखने लायक नहीं बताया था। पुल पर आवागमन बंद करने के लिए उन्नाव और कानपुर की तरफ पुल पर दीवार खड़ी कर दी गई थी।

Continue Reading

Trending