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प्रादेशिक

बिजली चोरी रोकने के अभियान को मिल रहा जनता का भरपूर साथ, हर रोज प्राप्त हो रहीं लगभग 200 सूचनाएं

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लखनऊ। यूपी में समुचित बिजली दिलाने के लिए योगी सरकार का प्रयास जारी है। इसके लिए बिजली चोरी रोकने का अभियान भी चल रहा है। योगी सरकार के इस अभियान को जनता का भरपूर साथ भी मिल रहा है। बिजली चोरी रोकने के लिए उप्र पावर कॉरपोरेशन ने बिजली मित्र लिंक शुरू किया है। इसके माध्यम से महज दो सप्ताह के अंदर बिजली चोरी की 3034 सूचनायें प्राप्त हो चुकी हैं। लगभग 200 सूचनायें प्रतिदिन प्राप्त हो रही हैं। इन सूचनाओं के आधार पर विजिलेंस व विभागीय टीमें सूचीवार निरीक्षण कर चोरी पकड़ने के लिए कार्रवाई कर रही है।

29 अप्रैल से शुरू किया गया बिजली मित्र

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उप्र पावर कारपोरेशन बिजली चोरी रोकने का निरंतर प्रयास कर रहा है। कॉरपोरेशन की कोशिश है कि बिजली चोरी की अधिक से अधिक सूचना प्राप्त हो, जिससे इस पर अंकुश लगाया जा सके। इसे देखते हुए 29 अप्रैल से बिजली मित्र लिंक का आगाज किया गया। शिकायतकर्ता गुमनाम रहकर ऑनलाइन बिजली चोरी की जानकारी दे सकता है। उप्र पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने बताया कि अभी तक कारपोरेशन की वेबसाइट में उपलब्ध लिंक एवं चैट बोट पर विद्युत चोरी संबंधी शिकायतें की जा सकती थीं, लेकिन इसमें शिकायतकर्ता का नाम, मोबाइल नंबर, डिस्काम का नाम तथा सबस्टेशन की जानकारी ली जाती थी। इससे लोग शिकायत करने में असहज महसूस करते थे। शिकायतकर्ता की इन असुविधाओं को दूर करने एवं उसकी गोपनीयता बनाये रखते हुए बिजली चोरी का पता लगाने के लिए यह अनोखी पहल की गई है।

शिकायतकर्ता को अब विद्युत चोर का पता बताने के लिए कारपोरेशन की वेबसाईट www.upenergy.in के होमपेज पर जाकर बिजली मित्र लिंक bijlimitra.uppcl.org का इस्तेमाल करके सूचना दे सकता है। इस तरह विद्युत चोरी से संबंधित सूचना देने की सुविधा पहली बार दी जा रही है। कॉरपोरेशन ने शिकायतकर्ताओं से अनुरोध किया कि चोरी करने वाले का सही पता देने का प्रयास करें। यदि संभव हो तो संबंधित बिजली घर व खंड का नाम भी उपलब्ध कराएं, जिससे त्वरित कार्रवाई हो सके।

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उत्तर प्रदेश

डिजिटल महाकुम्भ: तकनीक बनी हथियार, 2,750 एआई सीसीटीवी संदिग्ध गतिविधियों पर रख रहे नजर

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महाकुंभ नगर। दिव्य और भव्य महाकुम्भ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए प्रबंधन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस बार एआई तकनीक को पुलिस ने अपना हथियार बनाया है। 2700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी महाकुम्भ नगर में लगाए गए हैं। वह सीधे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को देंगे। मेले के दौरान 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी चौकसी बरत रही हैं। सीसीटीवी और खुफिया एजेंसियों की निगरानी में हर कोना सुरक्षित है। यहां तक कि मेले में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा।

वॉच टावरों से बनाया सुरक्षा का अभेद्य घेरा

पूरे मेला क्षेत्र में अब तक 123 वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां स्नाइपर, एनएसजी, एटीएस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। वॉच टावरों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इनसे दूरबीन की मदद से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके। हर वॉच टावर पर अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं। सभी वॉच टावरों को ऊंचाई और रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया गया है ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो। पुलिस के साथ जल पुलिस और फायर ब्रिगेड भी पूरी तरह मुस्तैद हैं।

स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता

महाकुंभ मेले के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालु, स्नानार्थी, कल्पवासी और पर्यटक आने की संभावना है। ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। मेले के सभी जोन और सेक्टर में अलग-अलग स्थानों पर वॉच टावर बनाए गए हैं। प्रवेश के सात मुख्य मार्गों पर भी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।

मुख्य धार्मिक स्थलों पर कड़ी की सुरक्षा

अखाड़ा क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, परेड मैदान, वीआईपी घाट, अरैल, झूसी, और सलोरी जैसे संवेदनशील स्थानों पर विशेष वॉच टावर बनाए गए हैं। यहां तैनात जवान आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस हैं।

अत्याधुनिक तकनीक से लैस हुई कुम्भ की सुरक्षा

– 2,750 AI आधारित सीसीटीवी कैमरे और 80 VMD स्क्रीन मेले की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
– 3 जल पुलिस स्टेशन और 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम तैनात हैं।
– 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं।
– 4,300 फायर हाइड्रेंट किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

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