मनोरंजन
विक्रांत मैसी ने फिल्म इंडस्ट्री से संन्यास का एलान कर फैंस को चौंकाया, समर्थन के लिए लोगों को बोला थैंक्स
मुंबई। एक्टर विक्रांत मैसी ने फिल्म इंडस्ट्री से संन्यास लेने का एलान कर अपने फैंस को निराश कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर अपने पोस्ट में कहा, “हैलो, पिछले कुछ साल और उसके बाद का समय काफी अच्छा रहा है। मैं आप सभी के इतने समर्थन के लिए आपको धन्यवाद देता हूं। लेकिन, जैसे-जैसे मैं आगे बढ़ता जा रहा हूं, मुझे एहसास हो रहा है कि अब समय आ चुका है कि मैं खुद को फिर से संभालूं और घर वापस जाऊं।”
उन्होंने आगे कहा, “एक पति, पिता और बेटे के तौर पर और एक एक्टर के तौर पर भी। तो, 2025 में हम एक आखिरी बार एक-दूसरे से मिलेंगे। जब तक सही समय ना लगे। पिछले 2 फिल्में और कई साल की यादें। आप सभी का फिर से शुक्रिया। हर चीज के लिए और जो कुछ बीच में हुआ उसके लिए भी। मैं हमेशा आपका ऋणी रहूंगा।”
हाल ही में आई उनकी फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को लेकर वह खासा सुर्खियों में हैं। 2002 के गोधरा कांड पर आधारित यह फिल्म 15 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। फिल्म में उनकी एक्टिंग को खूब पसंद किया गया। विक्रांत की यह फिल्म उनके करियर की बेहतरीन परफॉर्मेंस मानी जा सकती है। यह घटना 27 फरवरी, 2002 को हुई थी, जब गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस के 6 कोच में भीड़ ने आग लगा दी थी। इस घटना ने भारतीय इतिहास को गहरे तरीके से प्रभावित किया था। उस समय पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।,
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बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बताया कमजोर
मुंबई। मंडी सांसद व बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ में देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है. कंगना रनौत का कहना है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री को बहुत मजबूत महिला मानती थीं, लेकिन गहन अध्ययन के बाद अब उनका मानना है कि वह तो कमजोर थीं. उन्हें खुद पर ही यकीन नहीं था.
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी से सांसद कंगना रनौत अक्सर अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रहती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आज कोई भी निर्देशक उनके लायक नहीं है. कंगना ने चर्चित फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए इंटरव्यू में कहा था कि ‘मैं बहुत गर्व के साथ कह रही हूं कि आज फिल्म इंडस्ट्री में एक भी ऐसा निर्देशक नहीं है, जिसके साथ मैं काम करना चाहूं, क्योंकि उनमें वो बात ही नहीं है कि मैं उनके साथ काम करने के लिए राजी हो सकूं.
कंगना ने तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा 1975 में लगाए गए 21 महीने के आपातकाल को दर्शाने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ का निर्देशन और निर्माण किया है. उन्होंने कहा कि वह इंदिरा गांधी से समानुभूति रखती हैं, जब तक उन्होंने इस फिल्म पर काम शुरू नहीं किया था, तब तक वह उन्हें बहुत मजबूत मानती थीं, लेकिन जब मैंने अध्ययन किया तो मुझे समझ में आया कि वह इसके बिल्कुल विपरीत थीं. इससे मेरा यह विश्वास और मजबूत हुआ कि आप जितने कमजोर होते हैं, उतना ही अधिक नियंत्रण चाहते हैं. वह एक बहुत कमजोर व्यक्ति थीं. उन्हें खुद पर यकीन नहीं था. वह वास्तव में कमजोर थीं.
कंगना रनौत ने कहा, कि उनके आसपास बहुत सी बैसाखियां थीं. वह लगातार किसी न किसी तरह खुद को सही ठहराना चाहती थीं. वह कई लोगों पर बहुत अधिक निर्भर थीं, उनमें से एक संजय गांधी भी थे. एक्ट्रेस ने कहा कि उन्होंने अपनी फिल्म में इंदिरा गांधी और आपातकाल के चित्रण को लेकर अपनी तरफ से कोई बदलाव नहीं किया है.
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