अन्तर्राष्ट्रीय
मेलबर्न: विभिन्न धार्मिक समुदाय के लोगों ने कहा- पीएम मोदी प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष
मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न के बंजिल पैलेस में कल रविवार को आयोजित विश्व सद्भावना कार्यक्रम में विभिन्न धार्मिक समुदायों से जुड़े लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। कार्यक्रम को सफल बताते हुए ऑस्ट्रेलियाई सांसद जेसन वुड ने कहा कि सभी धार्मिक नेताओं के साथ शांति और सद्भाव की एक सुर में बात करके अच्छा लगा। यह कार्यक्रम वाकई बहुत शानदार अनुभव रहा।
बता दें, जेसन ऑस्ट्रेलिया में सामुदायिक सुरक्षा, प्रवासी सेवाओं और बहुसांस्कृतिक मामलों के छाया मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में सकारात्मक संदेश भेजने वाले धार्मिक नेताओं का होना महत्वपूर्ण है।
ये लोग रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में एनआईडी फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक सतनाम सिंह संधू, ऑस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त राजदूत मनप्रीत वोहरा, ऑस्ट्रेलिया के एंग्लिकन चर्च के बिशप फिलिप जेम्स हगिंस, विक्टोरिया में अहमदिया मुस्लिम समुदाय के एक सदस्य डॉ तारिक बट सहित कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया था।
संधू ने की भेट पुस्तक
सतनाम सिंह संधू ने ‘हार्टफेल्ट लेगेसी टू द फेथ’ पुस्तक भी भेंट की, जो सिख समुदाय के लिए पीएम मोदी द्वारा किए गए योगदान और कार्यों पर आधारित है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की सबसे प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष होने की सराहना की।
भारत आज पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
संधू ने कहा कि विभिन्न समुदायों और धर्मों के लोग सदियों से भारत में रहते आए हैं और हम सभी सांप्रदायिक सद्भाव में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों में भारत एक विकसित राष्ट्र बनने के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ा है। साथ ही दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
उन्होंने कहा कई अन्य देशों की तरह भारत में सभी समुदायों को पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है। उन्हें जाति, पंथ या धर्म के किसी भी भेदभाव के बिना सभी अवसर दिए जाते हैं। इतना ही नहीं पीएम मोदी के नेतृत्व में सुरक्षित भी महसूस करते हैं।
9 साल के विकास कार्य की हुई तारीफ
उन्होंने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि देश में पिछले 9 साल में हुए विकास कार्य और उससे पहले 65 साल में किए गए काम में स्पष्ट अंतर है। दुनिया ने हर क्षेत्र में अपार विकास किया है, लेकिन उसे सच्ची शांति केवल धर्म से मिलती है। हमें धार्मिक सद्भाव और विश्व शांति पर ध्यान देना चाहिए। क्षेत्रीय मतभेदों को पार करना चाहिए और सभी को ऐसा करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
क्या है सद्भावना कार्यक्रम
सद्भावना कार्यक्रम एनआईडी फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के दृष्टिकोण को लेकर पूरी दुनिया को ‘एक परिवार’ के रूप में दुनिया के हर कोने में ले जाती है।
इस कार्यक्रम में धार्मिक नेताओं, बुद्धिजीवियों, विद्वानों, प्रचारकों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। नामधारी समाज के आध्यात्मिक गुरु सतगुरु उदय सिंह ने कहा कि धर्म सबको जोड़ता है और धर्म का अर्थ प्रेम और शांति है।
पीएम मोदी के पास है जादू
जेम्स हगिंस ने कहा कि वह भारत के खिलाफ बनाई जा रही कहानी से सहमत नहीं हैं कि अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। वहीं, विक्टोरिया में अहमदिया मुस्लिम समुदाय के एक सदस्य डॉ तारिक बट, जो पाकिस्तान से हैं और अब ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं, ने कहा कि यह आयोजन एक बड़ी पहल है। हिंदू और मुस्लिम समुदायों को एक साथ लाने वाला एक मंच है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सद्भाव और शांति को बढ़ावा देने के लिए सभी समुदायों को साथ जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करके सही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के पास वह करिश्मा है जहां लोग उनके धार्मिक झुकाव की परवाह किए बिना उनका अनुसरण कर रहे हैं, जो अच्छा है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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