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प्रादेशिक

उत्तर प्रदेश में ईको टूरिज्म से पर्यटन उद्योग को नई गति दे रही योगी सरकार

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आगरा। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को पर्यटन प्रदेश के रूप में विकसित करने के लिए प्रदेश में नई पर्यटन नीति लागू कर दी है। सरकार द्वारा पर्यटन उद्योग को नई गति प्रदान करने के लिए प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। घड़ियाल, मगरमच्छ, कछुए, पक्षियों और प्राकृतिक सुंदरता से गुलजार चंबल सेंचुरी में अब जल्द ही डॉल्फिन सेंचुरी क्षेत्र भी घोषित होगा। इसके लिए राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट की उप वन संरक्षक (वन्यजीव) आरुषि मिश्रा ने एक प्रस्ताव शासन को भेजा है। डॉल्फिन सेंचुरी के लिए इटावा स्थित राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी के सहसों क्षेत्र का चयन किया है। जहां बड़ी संख्या में डॉल्फिन पाई जाती हैं।

डॉल्फिन की संख्या में हो रही वृद्धि

आगरा में ताजमहल देखने आने वाले पर्यटक और वन्यजीव प्रेमी चंबल सेंचुरी के साथ अब जल्द ही डॉल्फिन सफारी का भी आनंद ले सकेंगे। इटावा स्थित चंबल सेंचुरी के सहसों के 20 किलोमीटर क्षेत्र में बड़ी संख्या में डॉल्फिन पाई जाती है। यहां पर डॉल्फिन की संख्या में लगातार इजाफा देखा जा रहा है। राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट की उप वन संरक्षक (वन्यजीव) आरुषि मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन के संरक्षण के लिए डॉल्फिन सेंचुरी का एक प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इटावा स्थित राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी के सहसों क्षेत्र को डॉल्फिन सेंचुरी के लिए चयन किया है। इसमें उन्होंने इटावा के सहसों का 20 किलोमीटर का दायरा चिह्नित किया है। इस स्थान पर 50 से 80 के करीब डॉल्फिन पाई। जाती हैं। सैलानी यहां बैठकर डॉल्फिन को देख सकेंगे। इस बार राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट के बाह और इटावा रेंज में 171 डॉल्फिन रिकॉर्ड की गई हैं। जो साल 2012 के सर्वे में महज 78 थीं।

इको टूरिज्म और डॉल्फिन कंजर्वेशन की दिशा में बड़ा कदम

उप वन संरक्षक (वन्यजीव) आरुषि मिश्रा ने बताया कि साल 1979 में घोषित हुए राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य 635 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है। ये मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश तीन राज्यों को जोड़ता है। इसमें साल 2008 से घड़ियालों की प्राकृतिक हैचिंग हो रही है। परिणाम स्वरूप 2,176 घड़ियाल की संख्या पहुंच गई है। 878 मगरमच्छ के साथ उत्तर प्रदेश के इटावा तक करीब छह हजार दुर्लभ प्रजाति के कछुए पाए जाते हैं। वहीं, चंबल सेंचुरी में संरक्षित राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन का कुनबा भी बढ़ा है। आरुषि मिश्रा ने बताया कि डॉल्फिन सफारी के लिए भारत सरकार ने दो स्थानों को प्रमुखता दी है। बीते दिनों वाराणसी और चंबल का प्रजेंटेशन भारत सरकार के सामने हो चुका है। चंबल की वास्तविक स्थिति देख सभी खुश थे। यह इको टूरिज्म और डॉल्फिन कंजर्वेशन की दिशा में भी सरकार का बड़ा कदम है।

राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित हो चुकी है डॉल्फिन

गौरतलब है कि गंगा नदी में पायी जाने वाली डॉल्फिन भारत की राष्ट्रीय जलीय जीव है। 5 अक्टूबर, 2009-10 को तत्कालीन प्रधानमंत्री ने डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था। जिसके बाद से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा हर वर्ष 5 अक्टूबर को गंगा डॉल्फिन दिवस के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि 2012 में प्रदेश की नदियों में डॉल्फिन की हुई गणना में डॉल्फिन की संख्या 671 थी, जिसमें से 78 चंबल में थीं। इस समय राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी क्षेत्र के बाह रेंज में 24 और इटावा रेंज में 147 डॉल्फिन हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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