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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार नल से जल माध्यम से ग्रामीणों को घर-घर तक पहुंचा रही स्वच्छ पेयजल की सौगात

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लखनऊ। योगी सरकार ने नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही 22 जिलों में 50 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल से जल पहुंचाकर नई उपलब्धि अपने नाम की है। इन जिलों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद गोरखपुर समेत बुंदेलखंड के सातों जिले और विंध्य क्षेत्र का मिर्जापुर जिला भी शामिल है। योगी सरकार की मंशा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना से प्रत्येक ग्रामीण तक नल से जल पहुंचाने की है। इस मुहिम में यूपी में मंगलवार तक 99,16,379 परिवारों को नल से जल पहुंचाने का काम पूरा कर लिया है। सरकार का लक्ष्य 2024 तक 2,65,46,370 ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन देना है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग बचे हुए 53 जिलों में भी तेज गति से ग्रामीणों को हर घर जल पहुंचाने के कार्य को पूरा करा रहा है।

सर्वाधिक कनेक्शन देने में यूपी तीसरे स्थान पर

ग्रामीणों को घर-घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने में लगातार नए आयाम गढ़ रहे उत्तर प्रदेश ने देश में जहां सर्वाधिक नल कनेक्शन देने वाले राज्यों में तीसरे पायदान पर अपना स्थान बनाया है। वहीं प्रदेश के 22 जिलों ने तेज गति से कार्य को पूरा कराते हुए आधे से अधिक लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (50.79 प्रतिशत) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर (58.57 प्रतिशत) में ग्रामीणों को हर घर जल मिलने लगा है। बुंदेलखंड का महोबा जिला 84.65 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन पहुंचाने वाले जिलों में सबसे ऊपर है। 1,33,529 में से 1,13,034 परिवारों तक यहां हर घर जल पहुंचा दिया गया है। इसके नीचे बुंदेलखंड के ललितपुर जिले ने स्थान बनाया है, जिले में हर घर जल देने का 73.03 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। बागपत में जहां 72.37 प्रतिशत और विंध्य के मिर्जापुर ने 71.84 प्रतिशत नल कनेक्शन देकर तीसरे और चौथे स्थान पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। बता दें कि 50 प्रतिशत से अधिक नल कनेक्शन देने में बुंदेलखंड के सातों जिले शामिल हैं। झांसी में 71.21 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। सर्वाधिक नल कनेक्शन देने वाले जिलों में पांचवें स्थान पर चित्रकूट (67.33 प्रतिशत) है, वहीं छठे स्थान पर तेज गति से कार्य को पूरा कराते हुए बांदा (64.82 प्रतिशत) पहुंच गया है।

इन जिलों में भी 50 से अधिक नल कनेक्शन

योगी सरकार के निर्देशन में मेरठ (63.12 प्रतिशत), हापुड़ (62.29 प्रतिशत), शामली (62.03 प्रतिशत), देवरिया (61.53 प्रतिशत), जालौन (61.01 प्रतिशत), गोरखपुर (58.57 प्रतिशत), हमीरपुर (58.32 प्रतिशत), गाजियाबाद (57.41 प्रतिशत), पीलीभीत (57.27 प्रतिशत), गौतम बुद्ध नगर (55.69 प्रतिशत), शाहजहांपुर (54.97 प्रतिशत), कन्नौज (52.51 प्रतिशत), बुलंदशहर (52.46 प्रतिशत), वाराणसी (50.79 प्रतिशत) और बरेली (50.61 प्रतिशत) में भी ग्रामीण परिवारों को 50 प्रतिशत से अधिक नल कनेक्शन देने का काम पूरा कर लिया गया है।

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उत्तर प्रदेश

डिजिटल महाकुम्भ: तकनीक बनी हथियार, 2,750 एआई सीसीटीवी संदिग्ध गतिविधियों पर रख रहे नजर

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महाकुंभ नगर। दिव्य और भव्य महाकुम्भ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए प्रबंधन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस बार एआई तकनीक को पुलिस ने अपना हथियार बनाया है। 2700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी महाकुम्भ नगर में लगाए गए हैं। वह सीधे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को देंगे। मेले के दौरान 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी चौकसी बरत रही हैं। सीसीटीवी और खुफिया एजेंसियों की निगरानी में हर कोना सुरक्षित है। यहां तक कि मेले में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा।

वॉच टावरों से बनाया सुरक्षा का अभेद्य घेरा

पूरे मेला क्षेत्र में अब तक 123 वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां स्नाइपर, एनएसजी, एटीएस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। वॉच टावरों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इनसे दूरबीन की मदद से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके। हर वॉच टावर पर अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं। सभी वॉच टावरों को ऊंचाई और रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया गया है ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो। पुलिस के साथ जल पुलिस और फायर ब्रिगेड भी पूरी तरह मुस्तैद हैं।

स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता

महाकुंभ मेले के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालु, स्नानार्थी, कल्पवासी और पर्यटक आने की संभावना है। ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। मेले के सभी जोन और सेक्टर में अलग-अलग स्थानों पर वॉच टावर बनाए गए हैं। प्रवेश के सात मुख्य मार्गों पर भी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।

मुख्य धार्मिक स्थलों पर कड़ी की सुरक्षा

अखाड़ा क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, परेड मैदान, वीआईपी घाट, अरैल, झूसी, और सलोरी जैसे संवेदनशील स्थानों पर विशेष वॉच टावर बनाए गए हैं। यहां तैनात जवान आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस हैं।

अत्याधुनिक तकनीक से लैस हुई कुम्भ की सुरक्षा

– 2,750 AI आधारित सीसीटीवी कैमरे और 80 VMD स्क्रीन मेले की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
– 3 जल पुलिस स्टेशन और 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम तैनात हैं।
– 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं।
– 4,300 फायर हाइड्रेंट किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

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