उत्तर प्रदेश
‘जनेश्वर मिश्र पार्क’ को आधुनिक स्पोर्ट्स जोन बनाने तैयारी में योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए कृत संकल्प योगी सरकार ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क के वृहद कायाकल्प की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लखनऊ के गोमती नगर में स्थित इस पार्क में लंबे वक्त से एक स्पेशलाइज्ड स्पोर्ट्स एरीना होने की कमी यहां जाने वाले लोगों को महसूस होती थी। इस जरूरत को भांपते हुए योगी सरकार ने पार्क के कायाकल्प की एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की थी। सीएम योगी के विजन अनुसार बनी इस कार्ययोजना को क्रियान्वित करते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने स्पोर्ट्स जोन के विकास के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। कार्ययोजना के अनुसार, 10.16 करोड़ रुपए के व्यय से सभी विकास कार्यों को पूर्ण किया जाएगा।
क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल ग्राउंड समेत टेनिस कोर्ट का भी होगा निर्माण
खास बात ये है कि इन विकास कार्यों के जरिए जिन स्पोर्ट्स एमिनिटीज से पार्क को लैस किया जाएगा उनमें क्रिकेट, फुटबॉल व वॉलीबॉल ग्राउंड समेत टेनिस कोर्ट मुख्य है। इन सभी निर्माण कार्यों को पर्यावरण संरक्षण के मानकों व अन्य महत्वपूर्ण गाइडलाइंस का पालन करते हुए पूरा किया जाएगा तथा सभी निर्माणों की उच्च गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए भी एक मॉनिटरिंग मैकेनिज्म बनाया जाएगा।
टू बिड प्रक्रिया के जरिए एजेंसी का होगा चयन व कार्यावंटन
पार्क में स्पोर्ट्स जोने के विकास को लेकर होने वाले सभी कार्यों को पूरा करने के लिए एलडीए द्वारा टू बिड प्रक्रिया को क्रियान्वित किया गया है। इस प्रक्रिया के जरिए एक एजेंसी का चयन होगा और वह ही इन सभी कार्यों को पूर्ण करने के साथ ही एलडीए के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर कार्यों की डेडलाइन, उच्च गुणवत्ता समेत सभी मानकों के पालन व क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त करेगी। कार्यावंटन के उपरांत एजेंसी की कोशिश होगी कि सभी विकास कार्यों को 9 महीने की अवधि में पूरा कर लिया जाए।
विकास कार्यों की पूर्ति के बाद कई खेल गतिविधियों का हो सकेगा संचालन
168 करोड़ रुपए की लागत से लगभग 376 एकड़ में विकसित किया गया पार्क में लंबे वक्त से स्पोर्टिंग इवेंट्स के संचालन के लिए एक स्पोर्ट एरीना की कमी महसूस हो रही थी। अब इसी कमी को पूरा करते हुए योगी सरकार के विजन अनुसार वृहद स्पोर्ट्स जोन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एलडीए द्वारा शुरू की गई इस प्रक्रिया के पूर्ण होने पर लखनऊ वासियों तथा देश-विदेश से पार्क घूमने आने वाले लोगों को विभिन्न स्पोर्टिंग इवेंट्स का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा। विकास कार्यों की पूर्ति के जरिए यहां पर नियमित रूप से विभिन्न स्पोर्टिंग एक्टिविटीज के संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा। विकसित होने वाले सभी स्पोर्ट्स एमिनिटीज को आधुनिक स्प्रिंकलर्स, लाइटिंग व अन्य सुविधाओं से पूर्ण किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश
डिजिटल महाकुम्भ: तकनीक बनी हथियार, 2,750 एआई सीसीटीवी संदिग्ध गतिविधियों पर रख रहे नजर
महाकुंभ नगर। दिव्य और भव्य महाकुम्भ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए प्रबंधन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस बार एआई तकनीक को पुलिस ने अपना हथियार बनाया है। 2700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी महाकुम्भ नगर में लगाए गए हैं। वह सीधे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को देंगे। मेले के दौरान 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी चौकसी बरत रही हैं। सीसीटीवी और खुफिया एजेंसियों की निगरानी में हर कोना सुरक्षित है। यहां तक कि मेले में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा।
वॉच टावरों से बनाया सुरक्षा का अभेद्य घेरा
पूरे मेला क्षेत्र में अब तक 123 वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां स्नाइपर, एनएसजी, एटीएस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। वॉच टावरों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इनसे दूरबीन की मदद से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके। हर वॉच टावर पर अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं। सभी वॉच टावरों को ऊंचाई और रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया गया है ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो। पुलिस के साथ जल पुलिस और फायर ब्रिगेड भी पूरी तरह मुस्तैद हैं।
स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता
महाकुंभ मेले के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालु, स्नानार्थी, कल्पवासी और पर्यटक आने की संभावना है। ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। मेले के सभी जोन और सेक्टर में अलग-अलग स्थानों पर वॉच टावर बनाए गए हैं। प्रवेश के सात मुख्य मार्गों पर भी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।
मुख्य धार्मिक स्थलों पर कड़ी की सुरक्षा
अखाड़ा क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, परेड मैदान, वीआईपी घाट, अरैल, झूसी, और सलोरी जैसे संवेदनशील स्थानों पर विशेष वॉच टावर बनाए गए हैं। यहां तैनात जवान आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस हैं।
अत्याधुनिक तकनीक से लैस हुई कुम्भ की सुरक्षा
– 2,750 AI आधारित सीसीटीवी कैमरे और 80 VMD स्क्रीन मेले की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
– 3 जल पुलिस स्टेशन और 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम तैनात हैं।
– 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं।
– 4,300 फायर हाइड्रेंट किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
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