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प्रादेशिक

देशभर के युवा खिलाड़ी खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की रोइंग प्रतियोगिता में करेंगे शिरकत

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गोरखपुर। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में प्रतिभाग करने आ रहे खिलाड़ियों को अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करने के साथ उत्तर प्रदेश की कला-संस्कृति के दर्शन का भी अवसर प्राप्त होगा। गोरखपुर की मेजबानी में रामगढ़ताल में 27 से 31 मई तक होने वाली रोइंग प्रतियोगिता में शामिल होने आ रहे खिलाड़ी यूपी की खास नृत्य कलाओं व लोकगायन का आनंद भी ले सकेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि खेलो इंडिया गेम्स के प्रतिभागी यूपी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विकास की बदली तस्वीर के भी साक्षी बनें। उन्हें यहां की विशिष्ट कलाओं को भी समझने का अवसर मिले। इसी के अनुरूप अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल की देखरेख में संपूर्ण आयोजन की रूपरेखा भी तय की गई है। तैयार कार्ययोजना के मुताबिक खेलो इंडिया के मेजबान शहरों में प्रतियोगिता के साथ ही खिलाड़ियों के लिए सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जायेगा। इसमें विभिन्न विधाओं के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे।

गोरखपुर में रोइंग प्रतियोगिता रामगढ़ताल में होगी तो उसके समीप स्थित योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केंद्र में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा। सांस्कृतिक संध्या के आयोजन की जिम्मेदारी उप निदेशक संस्कृति, डॉ मनोज गौतम को दी गई है। डॉ मनोज गौतम के अनुसार गोरखपुर में खेलो इंडिया के प्रतिभागी खिलाड़ियों के लिए अलग-अलग दिन मयूर नृत्य, राई नृत्य, धोबिया नृत्य, इंद्रासनी नृत्य, कथक नृत्य व लोकगायन के कार्यक्रम होंगे। इसके लिए कलाकारों के चयन की प्रक्रिया अंतिम दौर में है।

देश के 24 विश्वविद्यालयों के खिलाड़ी आएंगे गोरखपुर

स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के दिशानिर्देशों के मुताबिक रोइंग प्रतियोगिता में 2000 मीटर व 500 मीटर के लिए पुरूष वर्ग में 8-8 और महिला वर्ग में 7-7 इवेंट होंगे। गोरखपुर के रामगढ़ताल में होने वाले इन सभी 30 इवेंट में देश के अलग अलग 24 विश्वविद्यालयों के कुल 471 खिलाड़ी प्रतिभाग करेंगे। साथ में कोच व सपोर्टिंग स्टाफ भी होंगे। जिन विश्वविद्यालयों से खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया है उनमें एलएन मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर, गुरु काशी विश्वविद्यालय पंजाब, केआईआईटी भुवनेश्वर, महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ रहुरी महाराष्ट्र, एमआईटी आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय पुणे, उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़, पीपुल्स एजुकेशन सोसायटी (पीईएस) विश्वविद्यालय बंगलुरु, पंजाब विश्वविद्यालय पटियाला, शिवाजी विश्वविद्यालय कोल्हापुर, श्री रामचंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च चेन्नई, सिस्टर निवेदिता विश्वविद्यालय कोलकाता, सावित्री बाई फुले विश्वविद्यालय पुणे, मद्रास विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय मोहाली, राजेंद्र सिंह विश्वविद्यालय प्रयागराज, कलकत्ता विश्वविद्यालय, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी फगवाड़ा, केरला विश्वविद्यालय, यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी नासिक, भारती विद्यापीठ पुणे, खुशाल दास विश्वविद्यालय राजस्थान, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र शामिल हैं। स्थानीयता का पुट देते हुए इसी तरह के सांस्कृतिक आयोजन वाराणसी, नोएडा और लखनऊ में भी खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के दौरान होंगे।

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उत्तर प्रदेश

डिजिटल महाकुम्भ: तकनीक बनी हथियार, 2,750 एआई सीसीटीवी संदिग्ध गतिविधियों पर रख रहे नजर

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महाकुंभ नगर। दिव्य और भव्य महाकुम्भ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए प्रबंधन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस बार एआई तकनीक को पुलिस ने अपना हथियार बनाया है। 2700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी महाकुम्भ नगर में लगाए गए हैं। वह सीधे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को देंगे। मेले के दौरान 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी चौकसी बरत रही हैं। सीसीटीवी और खुफिया एजेंसियों की निगरानी में हर कोना सुरक्षित है। यहां तक कि मेले में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा।

वॉच टावरों से बनाया सुरक्षा का अभेद्य घेरा

पूरे मेला क्षेत्र में अब तक 123 वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां स्नाइपर, एनएसजी, एटीएस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। वॉच टावरों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इनसे दूरबीन की मदद से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके। हर वॉच टावर पर अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं। सभी वॉच टावरों को ऊंचाई और रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया गया है ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो। पुलिस के साथ जल पुलिस और फायर ब्रिगेड भी पूरी तरह मुस्तैद हैं।

स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता

महाकुंभ मेले के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालु, स्नानार्थी, कल्पवासी और पर्यटक आने की संभावना है। ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। मेले के सभी जोन और सेक्टर में अलग-अलग स्थानों पर वॉच टावर बनाए गए हैं। प्रवेश के सात मुख्य मार्गों पर भी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।

मुख्य धार्मिक स्थलों पर कड़ी की सुरक्षा

अखाड़ा क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, परेड मैदान, वीआईपी घाट, अरैल, झूसी, और सलोरी जैसे संवेदनशील स्थानों पर विशेष वॉच टावर बनाए गए हैं। यहां तैनात जवान आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस हैं।

अत्याधुनिक तकनीक से लैस हुई कुम्भ की सुरक्षा

– 2,750 AI आधारित सीसीटीवी कैमरे और 80 VMD स्क्रीन मेले की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
– 3 जल पुलिस स्टेशन और 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम तैनात हैं।
– 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं।
– 4,300 फायर हाइड्रेंट किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

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