मनोरंजन
प्रचार नहीं, खूबी से मिलती है फिल्म को सफलता : नसीरुद्दीन
फिल्म जगत के दिग्गजों में से एक नसीरुद्दीन शाह की आगामी फिल्म ‘चार्ली के चक्कर में’ एक रोमांचक फिल्म है। अभिनेता का कहना है कि फिल्म की सफलता प्रचार पर नहीं, योग्यता पर आधारित होती है।
नसीरुद्दीन से जब यहां गुरुवार को फिल्म की एक खास स्क्रीनिंग पर फिल्म के प्रचार में की गई कमी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि कोई भी फिल्म प्रचार के साथ सफल होती है। एक सफल फिल्म प्रचार के साथ और भी सफल हो सकती है, लेकिन एक फिल्म अपनी योग्यता के आधार पर अच्छा प्रदर्शन करती है।”
अभिनेता ने कहा, “मुझे आशा है कि ‘चार्ली के चक्कर में’ के बारे में यहीं तथ्य साबित हो।”
फिल्म की खास स्क्रीनिंग में निर्माता करन अरोड़ा, निर्देशक मनीष श्रीवास्तव और नसीरुद्दीन तथा आनंद तिवारी सहित फिल्म के अन्य कलाकार मौजूद थे।
अभिनेता ने कहा कि इस फिल्म की कहानी बहुत ही साधारण है, लेकिन आश्चर्य की बात है कि इसे बड़े ही जटिल तरीके से दर्शाया गया है।
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आखिर लता मंगेशकर ने क्यों नहीं की थी शादी, खुद इंटरव्यू में किया था खुलासा
नई दिल्ली। सुरों की मल्लिका, भारत रत्न से सम्मानित स्वर कोकिला लता मंगेशकर का आज जन्मदिन है। भले ही वो आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अपने गानों की वजह से अमर हैं। 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में एक मध्यमवर्गीय मराठा परिवार में जन्मीं लता मंगेशकर ने जिंदगी अकेले गुजारी। पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता ने शादी नहीं की, ऐसा उन्होंने क्यों किया, इसका खुलासा उन्होंने खुद किया था।
लता मंगेशकर ने अपनी मधुर आवाज का जादू दुनियाभर में बिखेरा और भारत की पहचान बढ़ाई। कोमल और दयालु हृदय वालीं लता दी ने लेकिन शादी क्यों नहीं की, ये सवाल लोगों के मन में सालों तक रहा। हालांकि इस सवाल का जवाब उन्होंने खुद दिया। साल 2011 में लता दी ने इस बात का खुलासा अपने जन्मदिन के दिन किया। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि सब कुछ भगवान की इच्छा के अनुसार होता है। जीवन में जो भी होता है, वह अच्छे के लिए होता है और जो नहीं होता, वह भी अच्छे के लिए ही होता है।
इंटरव्यू में जब उनसे सवाल किया गया कि क्या कभी जीवन में अकेलापन महसूस होता है, खालीपन अखरता है… तब लता मंगेशकर कहा था कि मेरे सारे दोस्त चले गए। नरगिस और मीना कुमार मेरी करीबी दोस्त थीं। हम उनके निधन तक रेगुलर तौर पर टच में रहते थे। एक अन्य दोस्त मेरे देव आनंद भी रहे, जिनके संपर्क में लगातार रही। दोस्तों के जाने के बाद जीवन में खालीपन महसूस होता था। लता मंगेशकर ने एक अन्य इंटरव्यू में बताया था कि घर में वह सबसे बड़ी थीं, इसलिए उन पर जिम्मेदारियों भी कई थीं। ऐसे में कई बार शादी का ख्याल आता भी था तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी।
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