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पंजाब

176 साल पुरानी कोठी होगी सीएम भगवंत मान का नया आशियाना, अंग्रेजों से है कनेक्शन

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जालंधर में जल्द ही अपना घर बदलेंगे। यहां 11 एकड़ में फैला पुराना हाउस उनके लिए तैयार किया गया है। इससे वह जालंधर को अपना दूसरा घर बनाने के वादे को भी पूरा कर पाएंगे, ताकि यहीं से एरिया के लोगों के काम हो सकें।

उनके लिए जो घर फाइनल किया गया है, वह शहर के पुराने बारादरी इलाके में स्थित हाउस नंबर 1 है, जो 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से भी पुराना है। यहां तक कि जालंधर डिवीजन के पहले ब्रिटिश कमिश्नर सर जॉन लॉरेंस 1848 में इस घर में रहने आए थे। उस समय जालंधर महाराजा रणजीत सिंह के साम्राज्य का हिस्सा था। इसे उस समय की प्रचलित निर्माण सामग्री, अनूठी नानकशाही ईंटों और चूना पत्थर से बनाया गया था। निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी द्वारा ईंटों, सीमेंट और अन्य सामग्री भेजी है। सुरक्षा के लिए दो गार्ड तैनात कर दिए गए हैं, लेकिन इस घर में ज्यादा कुछ बदलाव नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसे 2002-03 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्मारक का दर्जा दिया गया था।

क्या है इस कोठी की खासियत?

11 एकड़ की इस कोठी में एक एकड़ में लेक है। यहां मोटर वोटिंग भी होती थी।
कोठी के मुख्य हॉल में ब्रिटिश काल की दो राइफलें लटकी हुई हैं।
इसके अलावा, कोठी में चार ड्राइंग रूम, चार शयनकक्ष, तीन कार्यालय कक्ष, एक बाहरी बरामदा और सहायक कर्मचारियों के लिए 10 फ्लैट बने हुए हैं।
कोठी पर‍िसर में खेती भी होती है। इसमें अनाज व सब्जियां उगाई जाती हैं।

सूत्रों के मुताब‍िक सीएम भगवंत मान इस ऐतिहासिक घर में रहने के लिए उत्सुक हैं। कहा जा रहा है कि इस कोठी का संरक्षण आईएनचीएसीएच जैसे संरक्षण विशेषज्ञों द्वारा किया जाना चाहिए, ताकि इसकी व‍िशेषता को सुरक्षि‍त रखा जा सके।

उपचुनाव के दौरान लोगों से किया था वादा

गौरतलब है क‍ि सीएम भगवंत सिंह मान ने जालंधर वेस्ट में उपचुनाव के दौरान लोगों से वादा किया था कि वह जालंधर में किराए पर घर लेकर रहेंगे। इसके बाद, जालंधर कैंट हलके में एक आलीशान कोठी सीएम मान के लिए चुनी गई। उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चे के साथ इस कोठी में गृह प्रवेश किया और यहां लोगों की समस्याएं सुनते थे। यह घर जालंधर कैंट के दीप नगर के पास था, जो शहर से दूर था। लेकिन अब सीएम मान ने शहर के बीचोबीच नया घर चुना है, जो सरकारी होने के कारण किराए से मुक्त होगा और लोगों की शिकायतें सुनने में आसानी होगी।

पंजाब

किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान

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चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’

अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।

अपनी मांगों पर अड़े किसान

पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।

किसानों की क्या हैं मांगें?

किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।

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