उत्तराखंड
रक्षाबंधन : देश का वो राज्य जहां पत्थर सिर्फ पूजे नहीं मारे भी जाते हैं
रक्षाबंधन के पावन पर्व पर उत्तराखंड में देवीधुरा क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ बग्वाल त्यौहार मनाया गया। बग्वाल उत्सव देवभूमि में पौराणिक काल से खेले जाने वाले ‘पाषाण युद्ध‘ को दिखाती एक परंपरा है। इस उत्सव में देश विदेश से भारी संख्या में लोग देवीधुरा पहुंचकर जयकारे लगाते हुए मेले का आनंद लेते हैं।
हर साल रक्षाबंधन के मौके पर उत्तराखंड के चंपावत ज़िले में बग्वाल खेला जाता है। इस खेल में शामिल होने वाले लोग गुट बनाकर बंट जाते हैं और एक-दूसरे पर जमकर पत्थरबाजी करते हैं। पत्थरबाजी करने के बाद सभी गुट के लोग आपस में गले मिलते हैं और खुशियों का इज़हार करते हैं।
वर्ष 2018 में बग्वाली खेल के दौरान करीब 60 लोगों के चोटिल होने की खबर भी आई थी।
#WATCH: Bagwal stone pelting festival held in Champawat, part of a ritual to appease a local deity. More than 60 people injured. #Uttarakhand pic.twitter.com/wCWz48cWSm
— ANI (@ANI) August 26, 2018
उत्तराखंड
फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा उत्तराखंड में फिल्म की शूटिंग के लिए इच्छुक, राज्य सरकार करेंगी सहयोग
देहरादून। फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा उत्तराखंड में फिल्म की शूटिंग के इच्छुक हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर अपनी यह इच्छा जाहिर की है। प्रकाश झा का कहना है कि फिल्म जगत के लोगों का उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग के लिए तेजी से रूझान बढ़ रहा है। कैंप कार्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा से भेंट के दौरान उन्हें आश्वस्त किया कि उन्हें राज्य में फिल्मांकन के लिए हर संभव सहयोग दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग के लिए कई आकर्षक डेस्टिनेशन हैं, जहां फिल्मों की शूटिंग की जा सकती है। उत्तराखंड में नई फिल्म नीति-2024 बनाई गई है। फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम से अनुमति भी दी जा रही है। हिंदी एवं संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की फिल्मों को अनुदान राशि राज्य में व्यय कुल धनराशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 3 करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता एवं प्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा देहरादून में आयोजित क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल के लिए आए हुए हैं। क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान प्रकाश झा ने कहा कि अपराध के बिना कोई कहानी संभव ही नहीं है। वे निर्माता-निर्देशक से पहले एक लेखक हैं। उन्होंने आठ सालों में गंगाजल 13 बार लिखी है।
फिल्म निर्माताओं को सब्सिडी
विदित हो कि उत्तराखंड में शूटिंग के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस दिया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार प्रदेश में बनने वाली फिल्मों की शूटिंग फीस माफ करती है, अगर 75 फीसदी शूटिंग उत्तराखंड में की जाती है तो हिंदी फिल्म निर्माताओं को उत्तराखंड में खर्च की गयी राशि का 30 प्रतिशत या तीन करोड़ तक की सब्सिडी दी जायेगी।
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