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लोकसभा चुनाव 2019: सोशल मीडिया पर भूल से भी न फैलाएं अफवाह, वरना आयोग करेगा ये सख्त कार्रवाई!

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में बहुत कम दिन बचे होने के चलते सोशल मीडिया पर चलने वाले राजनैतिक अभियानों की गति में तेज़ी आई है।

जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी ख़बरों और गलत जानकारियों का सिलसिला शुरू हो गया है। इन अवैध गतिविधियों पर चुनाव आयोग इस बार काफी सख्त नजर आ रहा है।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह साफ कर दिया कि जो भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल होगा उसके खिलाफ कानून के मुताबिक सख्त एक्शन लिया जाएगा।

रविवार को लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने  बताया कि इस चुनाव में हिस्सा लेने वाले सभी उम्मीदवारों को अपने सोशल मीडिया अकांउट की जानकारी आयोग को देनी होगी।

चुनाव में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए आयोग ने लोकसभा चुनाव में पहली बार यह कदम उठाया है। इससे पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी यह व्यवस्था की गयी थी।

चुनाव आयोग का कहना है की लोकसभा चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से सुनिश्चित करवाने के लिए आयोग यह सख्त प्रावधान लाया है।

जिनके तहत उम्मीदवारों को प्रचार अभियान के दौरान अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी भी कम से कम तीन बार ऑडियो-वीडियो के जरिए सार्वजनिक करनी होगी। इसके अलावा आयोग ने उम्मीदवारों द्वारा दिए जाने वाले हलफनामे के फॉर्मेट में भी जरूरी बदलाव किए हैं।

रिपोर्ट-मानसी शुक्ला

 

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज

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नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’

उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।

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