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सुरजेवाला के बयान पर घमासान, बीजेपी बोली- ‘घमंडिया’ गठबंधन की यही मानसिकता

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gaurav bhatia

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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के हरियाणा में दिए एक विवादित बयान के बाद राजनीतिक घमासान मच गया है। कांग्रेस नेता द्वारा मतदाताओं को राक्षस कहे जाने पर भाजपा ने हमला बोला है। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस और उनके नए गठबंधन की यही असली मानसिकता है।

‘घमंडिया’ गठबंधन की यही मानसिकता

भाजपा नेता गौरव भाटिया ने सुरजेवाला के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि ‘घमंडिया’ अब किस तरह भारत की जनता का अपमान कर रहा है। इससे पता चलता है कि भारत में ‘राक्षस’ प्रवृत्ति की मानसिकता ‘घमंडिया’ के अंदर ही बसती है। उन्होंने कहा कि ये सब केवल राहुल गांधी के निर्देशों के तहत होता है।

जनता सिखाएगी सबक

गौरव ने कहा कि कुछ दिन पहले ही राहुल ने सदन के पटल पर कहा कि भारत माता की हत्या हो गई है, मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहूंगा कि जनता का सम्मान किया जाना चाहिए चाहे कुछ भी हो वे जिस पार्टी को वोट देते हैं। संविधान के अनुसार यह उनका अधिकार है।

कांग्रेस और I.N.D.I.A गठबंधन पर निशाना साधते हुए गौरव भाटिया ने कहा, चुनाव नजदीक आ रहे हैं। जनता उन्हें ऐसा सबक सिखाएगी कि वे समझ जाएंगे कि भारत के मजबूत लोकतंत्र में लोग भगवान के समान हैं और जो “राक्षसी” मानसिकता रखते हैं भारत में राजनीति में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

क्या यही ‘मोहब्बत की दुकान’ है?

मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सुरजेवाला पर हमला बोला और कहा, जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। कांग्रेस नेता जनता को ‘राक्षस’ कह रहे हैं। क्या बीजेपी को वोट देने वाले करोड़ों लोग ‘राक्षस’ हैं? सोनिया गांधी और राहुल गांधी का क्या मानना है? क्या आप जनता को “राक्षस” मानते हैं?

भाजपा जनता को ‘भगवान’ मानती है। मैं हमेशा कहता हूं कि मप्र मेरा मंदिर है, वहां रहने वाली जनता मेरी भगवान है और हम उस भगवान के पुजारी हैं। आप खुद को भगवान मानते हैं। क्या यही आपकी ‘मोहब्बत की दुकान’ है?’

कांग्रेस ने विपक्ष में बने रहने का निर्णय लिया

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कांग्रेस अब और घाटा खाएगी। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि कांग्रेस ने विपक्ष में बने रहने का निर्णय ले लिया है।

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज

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नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’

उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।

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