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अन्तर्राष्ट्रीय

PM ट्रूडो का बिना ठोस सबूत के आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण: USISPF प्रमुख ने साधा निशाना

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USISPF chief Mukesh Aghi

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वाशिंगटन। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत-कनाडा तनाव के बीच यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (US-India Strategic Partnership Forum-USISPF)  ने कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर बिना किसी ठोस सबूत के आरोप लगाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

बता दें कि कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा जून में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों को जोड़ने के आरोप के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। इसी को लेकर USISPF के अध्यक्ष और CEO मुकेश अघी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ट्रूडो ने बिना किसी ठोस सबूत के भारत पर आरोप लगाए। इससे दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए।

उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों के बीच संबंध बहुत पुराने हैं। दोनों के बीच एक बड़ा व्यापार है। 230,000 से अधिक भारतीय छात्र वहां पढ़ रहे हैं। कनाडा ने भारत में करीब 55 अरब डॉलर का निवेश किया है। इन सबके के बीच, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कनाडा के प्रधानमंत्री संसद में जाते हैं और बिना किसी सबूत दिए आरोप लगा देते हैं।’

अघी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि दिमागदार लोगों को शांति से बात करके स्थिति संभालने की जरूरत है। क्योंकि कनाडा भारत पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका का लाभ उठाने जा रहा है। एक सवाल के जवाब में अघी ने कहा कि अमेरिका-भारत संबंध भूराजनीतिक हैं। यह आर्थिक मुद्दों और भारतीय-अमेरिकी प्रवासियों से जुड़ा हुआ है। कनाडा और भारत के बीच राजनयिक विवाद का असर भारत-अमेरिका संबंधों पर पड़ेगा। हालांकि, आने वाले समय में संबंध गहरे और व्यापक होते रहेंगे।

अघी के अनुसार, कनाडाई प्रधानमंत्री के आरोप घरेलू राजनीति और अपने राजनीतिक अस्तित्व के लिए सिख प्रभुत्व वाली पार्टी पर उनकी निर्भरता से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले के पीछे दो कारण है। एक घरेलू राजनीति दूसरा दोनों देशों के पीएम के बीच बातचीत अच्छी नहीं रही।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ट्रूडो का समर्थन करने वाली एनडीपी सिख बहुल पार्टी है। यह दुख की बात है क्योंकि घरेलू राजनीति को आगे बढ़ाने से पहले हमेशा राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देना चाहिए। दूसरा फैक्टर यह है कि पीएम ट्रूडो और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच दूसरी बार हुई बातचीत बहुत गर्मजोशी भरी नहीं रही। ऐसा लगता है कि ट्रूडो इससे नाराज थे और यह बात संसद में उनके बयान से साफ है।

उन्होंने कहा कि भारत एक उभरती हुई शक्ति है, अगर वह एक महान शक्ति बनना चाहता है, तो उसे एक जिम्मेदार शक्ति बनना होगा। जहां तक बाजार की बात है, भू-राजनीति की बात करें तो भारत का महत्व और अधिक मजबूत होगा। अघी ने कहा, ‘हमें समझना होगा कि राष्ट्रों को अपने हितों की रक्षा करनी होगी।’

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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