Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

अर्थव्यवस्थाओं में मंदी के चलते 34 लाख होंगे बेरोजगार

Published

on

अर्थव्यवस्थाओं में मंदी, 34 लाख होंगे बेरोजगार, आईएलओ के जनरल डायरेक्टर गॉय राइडर

Loading

जिनेवा इस साल पूरी दुनिया में बेरोजगारी तेजी से बढ़ सकती है, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह बात कही है। कई दिग्गज अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की वजह से इस साल पूरी दुनिया में 23 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं और यह आंकड़ा 20 करोड़ लोगों तक पहुंच सकता है। 2016 और 2017 के दौरान दुनिया भर में कुल 34 लाख नए बेरोजगार होंगे। आईएलओ के जनरल डायरेक्टर गॉय राइडर ने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मंदी और तमाम उत्पादों के दामों में कमी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नाटकीय असर डाला है। यूएन की संस्था के मुताबिक ब्राजील, चीन और तेल उत्पादक देशों में सबसे ज्यादा नौकरियां छिनने की आशंका है।

यही नहीं राइडर ने विकसित देशों को भी इस माहौल के प्रति चेताया है। यूएलओ ने कहा कि अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और अन्य देशों में बड़े पैमाने पर लोगों में बेरोजगारी है, लेकिन 2016 और 2017 में यह स्थिति और विकट हो सकती है। राइडर ने दुनिया भर की दिग्गज अर्थव्यवस्थाओं को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें ऐसी स्थिति पैदा करनी होगी, जिससे नौकरियों के पर्याप्त अवसर हों ताकि ‘सामाजिक तनाव कम हो और उपद्रव’ की स्थिति पैदा न हो सके। जर्मनी में स्थिर आर्थिक विकास के सकारात्मक नतीजे देखने को मिले हैं और इसका रोजगार पर भी असर पड़ा है। जर्मनी के एकीकरण के बाद से वहां पहली बार बेरोजगारी की दर 4.6 पर्सेंट है, यह अब तक की सबसे न्यूनतम दर है।

पिछले साल जर्मनी में मजदूरों के लिए 8.50 यूरो की न्यूनतम मजदूरी तय की गई थी, उसके बाद से वहां बेरोजगारी कम हुई है। हालांकि यह स्पष्ट करना जरूरी है कि यूरोजोन में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो पार्ट टाइम नौकरियां करते हैं। इसके अलावा जर्मनी में हिंसा प्रभावित मध्यपूर्वी देशों से आने वाले शरणार्थियों की वजह से भी श्रमिकों की संख्या बढ़ी है। इस वजह से भी बेरोजगारी की स्थिति में बहुत सुधार नहीं होता दिख रहा है। शरणार्थियों में ज्यादातर लोग अकुशल श्रमिक हैं और किसी तरह का पेशेवर प्रशिक्षण उनके पास नहीं है। ऐसी स्थिति में 2017 तक जर्मनी में भी बेरोजगारी की दर के 4.7 पर्सेंट तक पहुंचने की उम्मीद है।

Continue Reading

अन्तर्राष्ट्रीय

अनुरा कुमारा दिसानायके होंगे श्रीलंका के नए राष्‍ट्रपति, रानिल विक्रमसिंघे को दी मात

Published

on

Loading

कोलंबो। श्रीलंका के आम चुनावों में वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने धमाकेदार जीत दर्ज की है। दिसानायके ने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को हरा दिया है। आपको बता दें कि श्रीलंका में देश के 10वें राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए 21 सितंबर को मतदान हुआ था और वोटों की गिनती कल शाम 5 बजे के बाद शुरू हुई। 1 करोड़ 70 लाख मतदाताओं में से करीब 75 फीसदी ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

कौन है अनुरा कुमार दिसानायके

अनुरा कुमार दिसानायके कोलंबो जिलो के सांसद हैं। वर्तमान में वह नेशनल पीपुल्स पावर और जनता विमुक्ति पेरमुना पार्टी के नेता हैं। राष्ट्रपति पद के लिए उन्हेंने नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन के उम्मीदवार के तौर चुनाव लड़ा। इस गठबंधन में मार्क्सवादी-झुकाव वाली जनता विमुक्ति पेरेमुना (जेवीपी) पार्टी शामिल है। उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी उपायों और गरीबों के कल्याण के लिए नीति पर अपना ध्यान केंद्रित किया। दिसानायके ने चुनाव प्रचार के दौरान महत्वपूर्ण बदलावों का वादा किया, जिसमें आम चुनाव में नया जनादेश हासिल करने के लिए 45 दिनों के भीतर संसद को भंग करना भी शामिल है।

Continue Reading

Trending