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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बनाया नया रिकॉर्ड, बने सात वर्ष 149 दिन तक शासन करने वाले यूपी के पहले सीएम

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है। वह लगातार 7 वर्ष 149 दिनों तक सीएम पद को संभालने वाले उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। योगी आदित्यनाथ वर्ष 2022 से उत्तर प्रदेश विधान सभा में गोरखपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहें हैं और 2017 से ही बतौर सीएम वह प्रदेश में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सफलतापूर्वक कर रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री की कमान संभाली थी। तब से वह लगातार प्रदेश के मुखिया हैं। यूपी के सीएम पद पर काबिज रहने वाले क्षेत्रीय दलों के नेता भी योगी आदित्यनाथ के आसपास नहीं दिख रहे हैं, चाहे वह चौधरी चरण सिंह हों, मुलायम सिंह यादव हों अथवा मायावती या अखिलेश यादव। वहीं कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे डॉ. सम्पूर्णानंद 5 वर्ष 345 दिनों तक यूपी के सीएम रहे थे। वह 28 दिसंबर 1954 से 7 दिसंबर 1960 तक सीएम के पद पर आसीन थे।

योगी के आसपास भी नहीं हैं क्षेत्रीय दलों के नेता

तीन बार सीएम रहने वाले समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव जहां अपने तीन कार्यकाल में 6 वर्ष 274 दिनों तक ही सीएम बने रह सके तो वहीं चार बार सीएम रहने वाली मायावती भी योगी के रिकॉर्ड से काफी पीछे हैं। मायावती भी सिर्फ 7 वर्ष 16 दिनों तक ही सीएम के पद रहीं। सपा से सीएम रहे अखिलेश यादव भी केवल 5 वर्ष 4 दिन ही मुख्यमंत्री रह सके हैं।

लगातार दो बार सीएम बनने वालों में गिने जाते हैं योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गिनती ऐसे नेताओं में होती हैं, जिनके नेतृत्व में किसी पार्टी की सरकार लगातार दूसरी बार बनती है। योगी ने जब 25 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब उन्होंने नारायण दत्त तिवारी के 37 साल के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा था। नारायण दत्त तिवारी ने वर्ष 1985 में अविभाजित उत्तर प्रदेश में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर एक रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन योगी ने इसे भी ध्वस्त कर दिया था।

उत्तराखंड बनने का बाद पहले मुख्यमंत्री

09 नवम्बर 2000 को उत्तराखंड के गठन के साथ ही उत्तर प्रदेश को दो भागों में विभाजित कर दिया गया। इसके बाद किसी भी दल को लगातार दो बार सरकार बनाने का मौका नहीं मिल सका। यह उपलब्धि भी केवल योगी आदित्यनाथ के नाम ही दर्ज है।

लगातार 8वीं बार ध्वजारोहण रिकॉर्ड भी योगी के नाम

इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक और रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था। वह उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने सीएम रहते हुए राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस पर लगातार 8वीं बार ध्वजारोहण किया है।

योगी ने तोड़ा है मिथक

नोएडा जाने से सीएम की कुर्सी चली जाने का एक मिथक चल रहा था कि नोएडा जाने वाले सीएम को कुर्सी गंवानी पड़ती है, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने इस मिथक को भी तोड़ दिया। वे नोएडा गए और कई योजनाओं और परियोजनाओं को लागू किया, जिनमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा का विकास भी शामिल है। उनके नेतृत्व में इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, औद्योगिक निवेश और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई प्रयास किए गए हैं।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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