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प्रादेशिक

सीएम योगी ने इशारों में साधा सपा पर निशाना, बोले-गलत लोग चुने जाते हैं तब गरीबों का राशन सैफई खानदान के पास पहुंच जाता है

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लखनऊ। जब गलत लोग चुने जाते हैं तब गरीबों का राशन सैफई खानदान के पास पहुंच जाता है। गरीब का राशन खाने में इनको कोई संकोच नहीं। वर्ष 2017 से पहले बिजली का पैसा गायब हो जाता था। पीढ़ी की पीढ़ी बीत जाती थी, लेकिन बिजली नहीं आती थी। साढ़े 04 साल में बहुत कुछ बदला है। हमारी सरकार ने बिना रुके, बिना झुके, बिना डिगे और बिना हटे प्रदेश के विकास के लिए अपना एक-एक क्षण समर्पित किया है। उत्तर प्रदेश के 24 करोड़ लोगों के विकास के लिए समय समर्पित किया है। यह बातें गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर और उन्नाव में विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास समारोह के दौरान कही।

मुख्यमंत्री ने कानपुर में 556.07 करोड़ की 45 विकास परियोजनाओं और उन्नाव में 81.89 करोड़ की 46 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि कानपुर में जल्द ही अत्याधुनिक तोपें बन कर तैयार होंगी। तोपों का निर्माण कार्य आगे बढ़ने जा रहा है। हमने 300 एकड़ भूमि को यहां अधिकृत किया है। डिफेंस कॉरीडोर के नए नोड के रूप में कानपुर को पुन: उसके गौरव को दिलाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानपुर मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है। मेट्रो की ट्रेन भी आ रही है।

उन्होंने कहा कि नवम्बर के अंत में मेट्रो का संचालन भी शुरू करने जा रहे हैं। यह कानपुर का बदलता हुआ नक्शा है। कानपुर में नया एयरपोर्ट बन रहा है। एक साथ तीन विमान उतरकर यहां पार्क हो सकते हैं। 500 लोग एक साथ सिविल टर्मिनल में आकर कानपुर के अपने विकास की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने में योगदान दे सकते हैं। सरकार ने मां गंगा की अविरलता के साथ कानपुर के सर्वांगीण विकास को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया है।

सीएम ने कहा क याद करिये कभी कानपुर प्रमुख औद्योगिक नगर हुआ करता था लेकिन आजीदी के बाद लगातार उपेक्षा का शिकार होता रहा। धीरे-धीरे उद्योग बंद होते गये। मां गंगा की धारा को भी सबसे ज्यादा बर्बाद करने के लिए कानपुर नगर को दोषी ठहराया जाता था लेकिन नमामि गंगे योजना के तहत सीसामऊ नाला परियोजना के माध्यम से पूरी तरह से बंद करके एसटीपी से जोड़ दिया है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बच्चों को पोषण पोटली वितरित की। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के लाभार्थियों को उनके घर की चाभी भेंट की। मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना के लाभार्थियों को 10 हजार रुपये के चेक दिये। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थी पांच किसानों को सम्मान दिया। इसके साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की लाभार्थी को बीसी सखी डिवाइस दी। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और कन्या विवाह के लाभार्थियों को भी सौगात दी।

सीएम योगी ने विपक्ष पर बोला जमकर हमला

सीएम योगी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि जब सरकार दिशाहीन होती है तो विकास भी दिशाहीन हो जाता है। आपने अच्छे विधायक और सांसद चुने हैं जो आपके लिए लड़ते हैं, गरीब के आवास के लिए, गरीब के शौचालय के लिए, गरीब को रसोई गैस का कनेक्शन मिल सके, हर गांव में सड़क बन सके इसके लिए लड़ते हैं। उन्नाव में भी बिजली रात में चमचमाते हुई दिखाई दे इसके लिए लड़ते हैं तब यह सपना साकार होता है। याद करिये 2017 से पहले आपको बिजली मिलती थी, गरीबों को राशन मिलता था जैसे आज दिया जा रहा है। जब आप अच्छे लोग चुनते हैँ तो शासन की योजना आप तक पहुंच जाती है। लेकिन जब गलत लोग चुने जाते हैं सारा राशन सैफई खानदान के पास पहुंच जाता हैं। पिछली सरकारों का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि गरीब का राशन खाने में उनको कोई संकोच नहीं होता था। बिजली का पैसा गायब हो जाता थी और पीढ़ी की पीढ़ी बीत जाती थी लेकिन बिजली नहीं आती थी।

संकट में जो आपका साथी नहीं आप भी वोट के समय मत बनिये उनके साथी

उन्नाव में जनता को सम्बोधित करते हुए सीएम योगी ने लोगों से पूछा कि सपा, कांग्रेस बसपा के समय ऐसे राशन मिलता था ? क्या सपा अयोध्या में मंदिर निर्माण का काम कराती, या फिर बसपा और कांग्रेस ऐसा करा पाती? पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए सीएम ने कहा कि जब सत्ता में रहकर उन्होंने कुछ नहीं किया है तो मेरी आप सबसे अपील है कि उनको भी कुछ नहीं देने की आवश्यकता है।

सीएम ने कहा कि जब संकट था कोरोना काल में ट्विटर पर संदेश देते थे तब तो जनता की सुध नहीं थी। तब हमारा एक-एक सांसद और विधायक आपके बीच सेवा कर रहा था। मैं भी आपके बीच आकर गांव-गांव घर-घर जाने का काम कर रहा था। जो संकट के समय आपका साथी नहीं बन सकता तो आप भी वोट के समय उनके साथ मत बनिये। विकास हमारा संकल्प है, सुरक्षा देना हमारी प्रतिबद्धता है।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में कैलाश मानसरोवर शिविर का आयोजन, एनआरआई हरि गुप्ता करेंगे मानसरोवर से जुड़े रहस्यों का पर्दाफाश

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महाकुंभ में एनआरआई हरि गुप्ता द्वारा कैलाश यात्रा शिविर कैलाश मानसरोवर से जुड़ी समस्याओं और रहस्यों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए महाकुंभ में एक शिविर का आयोजन किया गया है, जिसमें भारत और विदेश से कई मशहूर हस्तियों, अधिकारियों और सफल व्यवसायियों के शामिल होने की उम्मीद है। जिसमें चर्चित भारतीय फिल्म निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह मौजूद रहेंगे । दुष्यंत प्रताप सिंह अपने बेहतरीन निर्देशन के साथ – साथ पटकथा लेखन के लिए भी मशहूर हैं और साथ ही अमरजीत मिश्रा ट्रस्टी (दिव्य प्रेम सेवा मिशन) हरिद्वार और मशहूर व्यवसायी एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर हलवासिया मौजूद रहेंगे। साथ ही सुधीर हलवासिया ने कहा कि कैलाश मानसरोवर शिविर हमारी भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देगा और उसमें सभी प्रकार से सहयोग करने की बात कही।

इस अवसर पर बॉलीवुड डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह ने कहा कि किसी भी अन्य वासि भारतीयों द्वारा कैलाश मुक्ति अभियान के बैनर तले इतने बड़े अभियान का बीड़ा उठाना अपने आप में ही अद्भुत और बहुत साहस व लगन का विषय है और इस परिपेक्ष में सारे अन्य वासि भारतीयों को तकरीबन 15 से 20 अलग-अलग देशों के भारतीयों को एक झंडे तले लाना और अपने सांस्कृतिक विरासत के लिए आध्यात्मिक विरासत के लिए भोलेनाथ शिव के लिए संघर्ष शुरू करना अपने आप में बहुत ही प्रेरणादायक है और हम लोग भी इस कार्य में जो भी योगदान हमारा हो सकता है वो हम लोग अपना योगदान दे रहे हैं हरि गुप्ता के साथ वहीं दिव्य प्रेम सेवा मिशन के ट्रस्टी अमरजीत मिश्रा जी ने कहा भारत एक सांस्कृतिक व आध्यात्मिक देश के तौर पर वैश्विक रूप से सभी देशों का अगवा है और हरि गुप्ता जी ने यह जो प्रकल्प छेड़ा है l कैलाश मुक्ति अभियान वास्तव में ही बहुत प्रेरणादायक एवं एक अरुण संकल्प है और उन्होंने यह आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास व्यक्त किया की बहुत जल्द ही सभी भारतीयों को जो देश-विदेश पूरे विश्व में जहा जाएं उन्हें अपने आराध्य देव के दर्शन सुगम रूप से उपलब्ध हो सकें।

यह एक विडंबना है कि पिछले 5 सालों से भारतीय पासपोर्ट धारकों को मानसरोवर जाने की अनुमति नहीं है, जबकि अन्य देशों के नागरिक आसानी से वहां जा सकते हैं। किसी भी सरकार द्वारा किसी भी कारण से हिंदू धर्म की तीर्थयात्रा को रोकना उचित नहीं है। यह हिंदू शिवभक्तों के मानवाधिकारों के बिल्कुल खिलाफ है। जबकि भारत सरकार ने 50 किलोमीटर दूर से कैलाश पर्वत को देखने के लिए कुछ मार्ग बनाए हैं, लेकिन यह कुछ ऐसा है जैसे भोजन की थाली को देखना लेकिन उसे सूंघना, छूना, महसूस करना या खाना नहीं। जब भोजन को देखकर सामान्य भूख नहीं मिटती है l तो 50 किलोमीटर दूर से उसे देखने से आध्यात्मिक भूख कैसे मिटेगी।

भले ही यात्रा की अनुमति मिल गई हो, लेकिन वास्तविक यात्रा से भारतीय यात्रियों को कोई लाभ नहीं होगा। उन्हें अभी भी कैलाश की यात्रा के लिए नेपाल और उसके मागों पर निर्भर रहना पड़ता है। भारत से पिथौरागढ़ या सिक्किम के रास्ते बहुत लंबे और उबड़-खाबड़ रास्ते हैं। हरि गुप्ता दिल्ली से कैलाश के लिए सीधी चार्टर उड़ानें शुरू करने के इच्छुक हैं और एयरलाइन ऑपरेटरों से बातचीत कर रहे हैं। दिल्ली से कैलाश तक की केवल 500 किमी की उड़ान है।

आचार्य हरि गुप्ता विदेश में 30 से अधिक वर्षों से रह रहे हैं और एक सफल व्यवसायी है। उन्होंने भोलेनाथ ने कई बार दर्शन किए हैं और कैलाश मुक्ति के लिए आवश्यक कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया है। वे इस अनुभव को भोलेनाथ की लीला के रूप में भी लिख रहे हैं। आचार्य हरि गुप्ता ने कहा कि कैलाश न केवल हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह सिख, जैन और बौद्धों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि सिखों के पहले गुरु गुरुनानक जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी।

पहले जैन गुरु ऋषभदेव जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी। आचार्य हरि गुप्ता को भोलेनाथ ने कई रहस्य बताए हैं जैसे पांच कैलाश हैं, जिनमें भोलेनाथ की अलग-अलग लीलाएं हैं। इनमें से एक मुख्य कैलाश वर्तमान में तिब्बत के अंतर्गत है, जो चीन के अंतर्गत आता है। उन्हें रहस्यमयी तरीके से कई लोगों से मिलने का मौका भी मिलता है, जिनमें से एक ने भगवान शिव के एक मंदिर के बारे में बताया है जो कैलाश के पास है और जिसके बारे में शायद ही कोई जानता हो, जिसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग उनके पास है।

यह अद्भुत शिव मंदिर पास के शहर में एक पहाड़ पर है और सीढ़ियाँ चढ़कर पहुँचा जा सकता है। इसके एक तरफ पानी का झरना है। इसकी परिक्रमा के चारों ओर गहरी घाटी है। भक्तों को खीर का प्रसाद दिया जाता है जिसे चावल को सिर्फ़ इतना पकाकर मीठा किया जाता है कि वह मीठा हो जाए और उसमें कोई मीठा पदार्थ नहीं मिलाया जाता। आगंतुकों को कभी-कभी चार काले कुत्ते भी दिखाई देते हैं जिन्हें चार वेदों का प्रतीक माना जाता है। मंदिर को हर साल पशुपति नाथ मंदिर से पहला एकमुखी रुद्राक्ष भी मिलता है जिस पर नेपाल के राजा का पहला अधिकार होता है।

कुछ साल पहले कैलाश की यात्रा करने वाले संजय जैन ने उन्हें मानसरोवर ताल के बारे में कुछ रहस्य भी बताए हैं। उन्होंने बताया कि मानसरोवर झील में कई पत्थर हैं जिन पर ओम, सांप या डमरू के प्राकृतिक निशान हैं। उन्होंने न केवल उन्हें अपनी आँखों से देखा है बल्कि उन्हें अपने साथ भी लाया है। सत्यापन के लिए दिल्ली में भी ऐसे दो पत्थर उपलब्ध हैं।

दूसरा रहस्य यह है कि मानसरोवर ताल के पास पक्षी किसी से भी भोजन ले लेते हैं जबकि राक्षस ताल के पास पक्षी कोई भी भोजन स्वीकार नहीं करते। यह जानकर आश्चर्य होता है कि यहाँ दो ताल हैं, एक में मीठा और साफ पानी है जबकि दूसरे में वह नहीं है। एक में लहरें हैं और दूसरे में नहीं। एक बर्फ में जम जाता है जबकि दूसरा नहीं। भोलेनाथ द्वारा दी गई एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंत र्दृष्टि यह है कि जब हम गूगल मैप को 180 डिग्री घुमाते हैं- तो हम झीलों के आकार को शिवलिंग और योनि के रूप में पहचान सकते हैं।

आचार्य हरि गुप्ता सभी संतों से संपर्क कर रहे हैं और उन्हें इसके लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए सांसदों को ईमेल के जरिए पत्र भी भेजे हैं। भोलेनाथ की प्रेरणा से उन्होंने जय कैलाश नाम से एक भजन भी लिखा है जिसमें भगवान शिव, कैलाश पर्वत और उसके महत्व के बारे में आसानी से बताया गया है। यह गीत Youtube.com/@JaiKailasha पर है। गौरतलब है कि 60 साल के अपने पूरे जीवन में उन्होंने शायद ही कभी संगीत सुना हो और कभी कोई कविता या गीत नहीं लिखा हो। आचार्य हरि गुप्ता इस उद्देश्य के लिए www.kailashmukti.com के नाम से एक वेबसाइट भी बना रहे हैं।

कैलाश आने वाले कई लोगों ने बताया है कि मानसरोवर और उसके आस-पास के स्थानों पर तीर्थयात्रियों के ठहरने, शौचालय, चिकित्सा और यात्रा के लिए शायद ही कोई सुविधा है। उनका इरादा तीर्थयात्रियों के लिए वहां भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का है और इसके लिए वे भारत और चीन सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। आचार्य हरि गुप्ता को पूरा विश्वास है कि यह काम जल्द ही पूरा हो जाएगा क्योंकि इस आंदोलन का मार्गदर्शन स्वयं भोलेनाथ कर रहे हैं। यह भोलेनाथ की ही कृपा है कि 4 महीने पहले एक व्यक्ति द्वारा शुरू किया गया प्रयास अब करोड़ों लोगों तक पहुँच रहा है। वे सभी शिवभक्तों, मीडिया, अधिकारियों और राजनेताओं से अपील कर रहे हैं कि वे इस बारे में आवाज उठाएं और इसे जल्द से जल्द हल करने के लिए मिलकर काम करें ताकि शिवभक्त बिना किसी प्रतिबंध, भय या परेशानी के इस पवित्र स्थान की यात्रा करके अपने इष्ट देव की पूजा से आध्यात्मिक लाभ उठाएँ।

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