पंजाब
ठंड को देखते हुए सीएम भगवंत मान ने बेघर लोगों और भिखारियों के लिए आश्रय गृह बनाने के दिए निर्देश
चंडीगढ़। पंजाब की भगवंत मान सरकार प्रदेश के चौमुखी विकास के साथ-साथ राज्य के नागरिकों की सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रख रही है। सर्द में गरीब और निसहाय लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसके लिए भी भगवंत मान सरकार काम कर रही है।
पंजाब सरकार ठंड को देखते हुए बेघर लोगों और भिखारियों के लिए आश्रय प्रदान करने का काम कर रही है। अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर (DC) साक्षी साहनी ने सर्दियों के आगमन के मद्देनजर जिले में बेघर व्यक्तियों और भिखारियों को आश्रय प्रदान करने के लिए पहल की है।
उन्होंने एमसी अधिकारी और एडीसी यूडी को अमृतसर के गोल बाग में यात्री निवास में 25 बेड, गोलबाग में रेन बसेरा में 100 बेड और रामदास, अजनाला, मजीठा, राजासांसी, जंडियाला गुरु, राया नगर परिषदों में एक-एक रेन बसेरा बनाने के निर्देश दिए हैं।
कमिश्नर साक्षी साहनी ने कहा कि अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर शहरी विकास नगर परिषदों में आश्रयों के मैनेजमेंट की देखरेख करेंगे, जबकि अमृतसर नगर परिषद शहर के भीतर आश्रयों को संभालेगी। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इन आश्रयों में बिस्तर, गर्म कंबल, शौचालय और बाथरूम की सुविधा जैसी सुविधाओं का बीमा किया जाएगा। सड़कों पर सोने वाले भिखारियों की पहचान करें और उन्हें आश्रय गृहों में पहुंचाएं। लोगों से अपील की गई कि वे जरूरतमंद व्यक्तियों को इन आश्रय स्थलों के बारे में बताएं।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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