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प्रादेशिक

72 हजार कोविड हेल्प डेस्क औद्योगिक इकाइयों में बनाये गये हैः नवनीत सहगल

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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति का परिणाम है कि आज सर्वाधिक 02 लाख 97 हजार से अधिक कोविड टेस्ट किये गये हैं, जिसमें 01 लाख 08 हजार से अधिक टेस्ट केवल आरटीपीसीआर के माध्यम से किये गये हैं। प्रदेश में कोविड-19 की टेस्टिंग अन्य प्रदेशों से अधिक की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा 04 मई, 2021 से 08 मई, 2021 तक ग्रामीण क्षेत्रों में एक विशेष अभियान चलाकर 97 हजार राजस्व गावों में घर-घर जाकर कोविड लक्षण वाले लोगों से सम्पर्क किया जायेगा इन कर्मियों के पास एन्टीजन किट भी होगी जो लोगों का एन्टीजन कोविड टेस्ट भी करेंगी तथा उन्हें मेडिसिन किट भी उपलब्ध करायेंगी। ताकि संक्रमित लोगों की पहचान करते हुए समय से उपचार करते हुए प्रदेश में संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकेगा।

श्री सहगल ने बताया कि अस्पतालों में प्रशिक्षित मानव संसाधन के लिए एक्स सर्विस मैन, सेवानिवृत्त चिकित्सक, आर्मी के रिटायर्ड लोग, अनुभवी पैरामेडिकल स्टाफ, मेडिकल/पैरामेडिकल के अन्तिम वर्ष के छात्र/छात्राओं की सेवाएं लिये जाने हेतु मुख्यमंत्री जी द्वारा कहा गया हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कोविड उपचार में लगे चिकित्सकों को अतिरिक्त मानदेय तय करने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में रेमेडेसीवीर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रतिदिन 50,000 वॉयल का नया आवंटन किया गया है। उन्होंने बताया कि रेमेडेसीवीर को सरकारी अस्पताल के अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी उपलब्ध कराने के लिए जनपदों के जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्साधिकारी को कहा गया है। जिससे कि लोगों को रेमेडेसीवीर सरकारी दर पर मिल सके।

श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये हैै कि सीएम हेल्पलाइन से प्रतिदिन 50 हजार लोगों को काॅल किये जाये। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने स्वास्थ्य मंत्री जी को यह जिम्मेदारी दी है कि वे प्रदेश में 02 लाख 41 हजार कोविड मरीज होम आइसोलेशन मरीजों को मेडिसिन किट मिले, उनका हालचाल लिया जाये तथा कोविड से सम्बन्धित उपचार की जानकारी भी उपलब्ध करायी जाये। प्रत्येक जनपद में टेली कंसल्टेशन के लिए सम्बन्धित चिकित्सालयों के चिकित्सकों के नम्बर आम जनता के लिए प्रदर्शित किये जाये। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जनपद में सम्बन्धित चिकित्सालयों के चिकित्सकों के नम्बर उपलब्ध कराये गये है। जिससे कोविड से सम्बन्धित मरीज फोन के माध्यम से सलाह ले सकते है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की प्रतिदिन बढ़ोत्तरी करते हुए आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा रही है। इसी क्रम में 682 मी0टन आॅक्सीजन की सप्लाई की गयी है। इसके अतिरिक्त आॅक्सीजन टैंकरों की समुचित व्यवस्था की जा रही है। भारत सरकार के द्वारा भी टैंकरों की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि जिन गन्ना मिलों में ऐथनाॅल बन रहा है वहां पर परिर्वतन करते हुए आॅक्सीजन गैस का उत्पादन किया जा सकता है। इसके साथ-साथ जो प्रदेश में नाइट्रोजन प्लांट है, उनमें भी आई.आई.टी कानपुर द्वारा सुझाव दिया गया है कि उनमंे संशोधन करके आॅक्सीजन गैस बनाने की व्यवस्था हो सकती है।

श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने सभी अधिकारियों तथा मुख्य चिकित्साधिकारियों से कहा है कि जनता के प्रति व्यवहार अच्छा रखे। उन्हें हर प्रकार से सहयोग प्रदान करे। कोई अगर आॅक्सीजन सैलेण्डर भरवाने जा रहा है तो उसे न रोका जाये। उन्होंने बताया कि कोविड नियंत्रण के लिए प्रदेश स्तर पर बनी टीम-़9 के तर्ज पर विकेन्द्रीकृत करते हुए जनपदों मे हर काम के लिए अलग अधिकारी नियुक्त किया जाये जिससे आम जनता को लाभ पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आज 94,559 कन्टेनमेंट जोन में 1303 थाना है जिसमें 2 लाख 45 हजार कोरोना पाॅजिटिव लोग है।

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में साप्ताहिक बंदी के दौरान औद्योगिक इकाइयां बंद नहीं रखी गयी है तथा स्थानीय प्रशासन को यह कहा गया है कि वे औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले लोगों के पहचान पत्र की उनके आने-जाने के पास है। उन्होंने बताया कि 72 हजार कोविड हेल्प डेस्क औद्योगिक इकाइयों में बनाये गये है। इसके अतिरिक्त उन्होंने बढ़े औद्योगिक इकाइयों को निर्देश दिये है कि वे अपने यहां कोविड केयर सेंटर बनाये। चिकित्सकों के नम्बर उपलब्ध हो जिससे काम करने वाले श्रमिकांे को किसी प्रकार की समस्या होने पर समय से ईलाज हो सके।

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद किये जाने हेतु 6000 क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि एक नई व्यवस्था के तहत कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्र खोलने की अनुमति दी गयी है। उन्होंने बताया कि किसान उत्पादक संगठन 150 केन्द्रों के माध्यम से संचालित किया जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों के द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्रों से जोड़कर गेहूं क्रय का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। यह व्यवस्था प्रदेश में पहली बार हो रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहू क्रय अभियान में अब तक 13,24,819.03 लाख मी0 टन से अधिक गेहूं खरीदा गया है। जो पिछले वर्ष से दोगुना अधिक है।

श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा कल वर्चुअल श्रमिक संगठनों से संवाद किया। मुख्यमंत्री जी ने कल घोषणा की थी, जिसमें उन्होंने पंजीकृत श्रमिकों अथवा प्रवासी श्रमिकों को 02 लाख रूपये का दुर्घटना बीमा तथा 05 लाख रूपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जायेगा। जिसका अनुपालन शुरू हो गया है। आज मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न व्यापारियों से संवाद करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश के प्रभुत्व वर्गों के प्रतिनिधियों से वार्ता की जा रही है। इन लोगों से वार्ता कर उनसे सलाह तथा कोविड-19 की जंग में सहयोग भी लिया जा रहा है। श्री सहगल ने लोगों से अपील है कि मास्क का प्रयोग करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। उन्होंने लोगों से किसी प्रकार की अफवाह में न आने की अपील की है। उन्होंने 18 से 44 वर्ष वाले लोगों से अपील की है कि वे अपना पंजीकरण साॅफ्टवेयर से कराते हुए वैक्सीनेशन अवश्य कराएं।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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