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अन्तर्राष्ट्रीय

ईस्ट -एशिया समिट में पीएम मोदी ने मजबूती से रखी अपनी बात, दुनिया को पढ़ाया शांति का पाठ

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लाओ पीडीआर। विश्व पटल पर पीएम मोदी आज सबसे लोकप्रिय नेता हैं. यही वजह है कि वह जब किसी शिखर सम्मेलन में अपना संबोधन देते हैं तो पूरा विश्व उन्हें गंभीरता के साथ ना सिर्फ सुनता है बल्कि उनके सुझावों को अमल में लाने की कोशिश भी करता है. हर मंच पर अब पीएम मोदी अपने संबोधन से सभी को प्रभावित कर रहे हैं.

उनकी वजह से ही अब भारत को लेकर विश्व के दूसरे देशों के नजरिया भी औ बदला है. इसकी एक बानगी पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी दिखी. सूत्रों के अनुसार इस सम्मेलन में मौजूदा मेजबान और अगले सम्मेलन के मेजबान के तुरंत बात सम्मेलन को संबोधित करने के लिए पीएम मोदी को पहले नेता के तौर पर आमंत्रित किया गया. इसे भारत के बढ़ते रुतबे के तौर पर भी देखा जा रहा है.

पीएम मोदी ने संबोधन से पहले अपने एक्स पर किया धन्यवाद

धन्यवाद लाओ पीडीआर! आसियान के साथ संबंधों को मजबूत बनाए रखने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप, यह एक उपयोगी यात्रा रही। हम साथ मिलकर क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सतत विकास की दिशा में काम करना जारी रखेंगे। यहां आज के मुख्य अंश हैं

 

क्या बोले पीएम मोदी

पूर्वी एशिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह युद्ध का समय नहीं है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि म्यांमार की स्थिति पर हम आसियान दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं. हम फाइव प्वाइंट कन्सेन्सस का भी समर्थन करते हैं. एक पड़ोसी देश होने के नाते, भारत अपना दायित्व निभाता रहेगा.

 

 

पीएम मोदी ने इस मौके पर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे संघर्षों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि विश्व के अलग-अलग क्षेत्रों में चल रहे संघर्षों का सबसे नकारात्मक प्रभाव ग्लोबल साउथ के देशों पर हो रहा है. सभी चाहते हैं कि चाहे यूरेशिया हो या फिर पश्चिम एशिया, जल्द से जल्द इन इलाकों में शांति बहाल होनी चाहिए. ये कहीं से भी मानवता के लिए सही नहीं है.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान तूफान यागी से प्रभावित लोगों के प्रति भी गहरी संवेदना व्यक्त की है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारा मानना है कि समुद्री गतिविधियों को यूएनसीएलओएस के तहत ही संचालित की जानी चाहिए

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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