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‘हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन’ को गति देगी योगी सरकार, हर जिले में होगी 7 कर्मियों की भर्ती

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लखनऊ। योगी सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में लगातार नए आयाम स्थापित कर रही है। प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन’ और ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ को एक नई गति दी जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण और आर्थिक सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे प्रदेश में सामाजिक और आर्थिक बदलाव की नई राहें खुल रही हैं। योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए प्रदेश भर में जिलास्तर पर निर्धारित 07 कर्मियों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसे आगामी एक महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

‘हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन’ (HEW) और ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ (PMMVY) जैसी योजनाओं को मजबूती से लागू कर, राज्य सरकार महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में अग्रसर है। ‘हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन’ को लेकर भारत सरकार द्वारा 2022 में जारी नई गाइडलाइन्स को अपनाते हुए योगी सरकार ने सभी जिलों में सेवा केंद्रों का संचालन सुनिश्चित किया है। इन केंद्रों के माध्यम से महिलाओं को स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। योगी सरकार ने HEW के माध्यम से महिलाओं को राज्य और राष्ट्रीय स्तर की योजनाओं के बारे में जानकारी देने, उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की प्रक्रिया को और सुदृढ़ किया है। HEW कर्मियों को कौशल विकास, लैंगिक समानता, और घरेलू हिंसा से बचाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

HEW कर्मियों की नियुक्ति में अपनाई जाएगी आउटसोर्सिंग प्रक्रिया

HEW योजना में जिलास्तर पर निर्धारित 07 कर्मियों की भर्ती की जानी है। योगी सरकार ने योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए HEW और PMMVY कर्मियों की नियुक्ति में आउटसोर्सिंग प्रक्रिया अपनाई है। इन कर्मियों की भर्ती में पूर्ववर्ती महिला शक्ति केंद्र योजना तथा प्रधानमंत्री मात्र वन्दन योजना के अंतर्गत कार्य कर चुके कर्मियों को योग्यता व पात्रता के अनुरूप प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। यह प्रक्रिया जेम (GEM) पोर्टल के माध्यम से पूरी की जाएगी, जिससे नियुक्तियों में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके। इसके साथ ही, कर्मियों को उनके कार्य के लिए मानदेय का भुगतान जिला स्तर पर किया जाएगा।

महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य का रखा जा रहा ध्यान

प्रदेश में महिला और बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से 2017 से 2024 तक ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ (PMMVY) का संचालन किया गया। मार्च 2024 से इस योजना को बाल विकास सेवा और पुष्टाहार विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को वित्तीय सहायता प्रदान कर उनके पोषण और स्वास्थ्य का ध्यान रखना है।

PMMVY के माध्यम से महिलाओं को 5,000 रुपये की सहायता राशि तीन किस्तों में दी जाती है। इस योजना से लाखों महिलाओं को लाभ हुआ है, जिससे उनकी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिली है। योगी सरकार ने इस योजना को लागू करने में पारदर्शिता और कुशलता का विशेष ध्यान रखा है, ताकि हर लाभार्थी तक इसका लाभ पहुंचे।

एक महीने के भीतर भर्ती HEW कर्मियों के भर्ती का लक्ष्य

योगी सरकार की प्रतिबद्धता के कारण, इन योजनाओं का कार्यान्वयन बेहद प्रभावी तरीके से किया जा रहा है। विशेष रूप से, महिला शक्ति केंद्र (MSK) योजना के अंतर्गत कार्य कर चुके कर्मियों को प्राथमिकता देकर योजनाओं में निरंतरता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है। इसके अलावा, वर्तमान वित्तीय वर्ष में, केवल एक महीने के भीतर सेवा प्रदाता एजेंसियों के माध्यम से कर्मियों के चयन की प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।

‘हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन’ और ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ के माध्यम से योगी सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण, और आर्थिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने में जुटी है। प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों में इन योजनाओं के साथ-साथ अन्य पहलें भी शामिल हैं, जैसे कौशल विकास केंद्रों की स्थापना, महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना और उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना। योगी सरकार का यह प्रयास महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।

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वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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