अन्तर्राष्ट्रीय
चीनी सपने भारतीय सपनों से जुड़े : ली युआनचाओ
नई दिल्ली। चीन के उपराष्ट्रपति ली युआनचाओ का कहना है कि चीनी और भारतीय सपने एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने दोनों पड़ोसी देशों के बीच मजबूत होते संबंधों का भी जिक्र किया।
भारतीय अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, ली ने कहा कि भारत और चीन दोनों के पास उम्दा प्राचीन सभ्यताएं हैं। ली इन दिनों भारत के दौरे पर हैं।
भारतीय कवि रवींद्रनाथ टैगोर को उद्धृत करते हुए ली ने कहा कि भारत और चीन लंबे समय से दो भाइयों की तरह हैं, जिनके बीच आपस में खूब प्रेम है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले करीब 2,000 वर्षो में दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान की कई कथाएं एवं किंवदंतियां हैं।
उन्होंने कहा कि 1950 के दशक में भारत और चीन ने अन्य एशियाई देशों के साथ मिलकर शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पंचशील सिद्धांत की शुरुआत की, जो आगे चलकर अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को नियमित करने वाले मौलिक नियमों के रूप में सामने आया।
ली ने कहा, “हमने न सिर्फ 2.5 अरब लोगों के जीवनयापन में सुधार किया है, बल्कि हम विश्व के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के दो प्रमुख उत्प्रेरक बन गए हैं।”
ली ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग और अन्य चीनी नेता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य भारतीय नेताओं से कई अवसरों पर मुलाकात कर चुके हैं, जिस दौरान विकास के लिए अधिक निकट भागीदारी बनाने पर महत्वपूर्ण सहमति बनी है।
अन्तर्राष्ट्रीय
तनावमुक्त रहना चाहते हैं तो सोशल मीडिया से एक हफ्ते के लिए बना लें दूरी, शोध में हुआ खुलासा
नई दिल्ली। अगर आप भी तनावमुक्त और चिंतामुक्त रहना चाहते हैं तो सोशल मीडिया साइट्स फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम से दूरी बना लें। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि एक शोध में ये बात सामने आई है। साइबरसाइकोलॉजी, बिहेवियर एंड सोशल नेटवर्किं ग जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, सोशल मीडिया से मात्र एक सप्ताह की दूरी स्वास्थ्य के लिये बेहतर साबित होती है और इससे तनाव तथा व्यग्रता के लक्षणों में कमी आती है।
बाथ यूनिवर्सिटी के मुख्य शोधकर्ता जेफ लैम्बर्ट ने कहा,हम जानते हैं कि सोशल मीडिया का बहुत इस्तमेाल होता है। इसी वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को लेकर भी चिंता बढ़ी है। इस अध्ययन के माध्यम से हमने यह जानने की कोशिश कि क्या मात्र एक सप्ताह तक सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
उन्होंने कहा, हमने शोध में पाया कि कई प्रतिभागियों ने मात्र एक सप्ताह तक सोशल मीडिया न इस्तेमाल करने पर अपने मूड को बेहतर पाया और उनमें व्यग्रता के लक्षण भी कम दिखे। इससे पता चलता है कि सोशल मीडिया से एक छोटा सा ब्रेक भी स्वास्थ्य के लिये सकारात्मक हो सकता है।
शोध के लिये 18 से 72 साल की आयु के 154 प्रतिभागियों पर शोध किया गया। इनमें से कुछ को कहा गया कि वे पहले की तरह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते रहें जबकि कुछ को इसे पूरी तरह बंद करने के लिये कहा गया। शोध की शुरूआत में ही सबके तनाव, चिंता और स्वास्थ्य का स्कोर ले लिया गया था। एक सप्ताह के बाद पाया गया कि जिन प्रतिभागियों ने सोशल मीडिया से दूरी बनाई थी, उनका मानसिक स्वास्थ्य दूसरे समूह के प्रतिभागियों से बेहतर था।
जिन प्रतिभागियों को सोशल मीडिया से दूर रहने के लिये कहा गया था, वे भी औसतन 21 मिनट सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे जबकि दूसरा समूह औसतन सात घंटे सोशल मीडिया पर था।
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