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जम्मू-कश्मीर आतंकी हमला: बस में सवार यात्रियों ने बयां किया दिल दहला देने वाला मंजर, ‘लगा आज जिंदा नहीं बच पाऊंगा’

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जम्मू। जम्मू-कश्मीर के रियासी में शिवखोड़ी जा रही तीर्थयात्रियों की बस पर रविवार को हुए आतंकवादी हमले में 10 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बयान में कहा कि रविवार शाम करीब 6.10 बजे राजौरी जिले की सीमा से लगे रियासी जिले के पौनी इलाके में शिवखोड़ी से कटरा जा रही तीर्थ यात्रियों की बस को आतंकवादियों ने अपना निशाना बनाया। बस ड्राइवर ने अपना कंट्रोल खो दिया और बस खाई में जाकर गिर गई। स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने रात 8.10 बजे तक सभी यात्रियों को बाहर निकाल लिया। एसपी रियासी ने सभी लोगों को अलग-अलग अस्पताल में भेज दिया है।

बस में सवार यात्रियों ने आपबीती बताई। यात्रियों ने कहा कि बस पर आतंकियों ने 100 से भी ज्यादा फायर किए। उन्हीं में से एक घायल ग्रेटर नोएडा की 28 वर्षीय मीरा ने बताया कि वह बस के बीच में बैठी थी।अचानक से गोलियों की आवाज आई तो बस के अगले हिस्से में बैठे यात्रियों की चीखें सुनाई देने लगी। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाए, बस के चालक को गोली लगने से उसका नियंत्रण बस पर से खो गया और बस सड़क से नीचे गहरी खाई की तरफ लुढ़क गई। इससे यात्रियों के लिए दोहरी मुसीबत बन गई थी, क्योंकि एक तो बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई और बस के नीचे कुछ लोग दब गए थे। उस पर आतंकी खाई में गिरी बस और यात्रियों की तरफ फायर करते रहे। उस स्थिति में कोई किसी की मदद भी नहीं कर पा रहा था।

बस में सवार श्रद्धालु संतोष कुमार वर्मा ने भी दिल दहला देने वाले मंजर के गवाह हैं। उन्होंने इस घटना को खुद अपनी आंखों से देखा। उन्होंने बताया, “दर्शन कर हम वापस लौट रहे थे। पहाड़ के नीचे से जब गाड़ी गुजर रही थी, तभी अचानक से आतंकी आए और फायरिंग शुरू कर दी। हालांकि, मैं एक ही शख्स को फायरिंग करते हुए देख सका। लेकिन जहां तक मुझे पता है कि ये सभी लोग बीच सड़क पर खड़े होकर फायरिंग कर रहे थे। इसके बाद इन लोगों ने बस के ड्राइवर को भी गोली मारी। काफी देर तक यह फायरिंग करते रहे। वहीं, घटना के आधे घंटे बाद पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे, जिनकी सहायता से हम बाहर निकल सके।” बस में सवार एक अन्य श्रद्धालु राजेश ने भी इस दिल दहला देने वाली घटना को शब्दों में बयां किया। उन्होंने बताया, “हम 13-14 लोग बस में थे। दर्शन कर वापस लौट रहे थे, तभी कुछ लोग आए और अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। हालांकि, मैं देख नहीं सका था कि कितने लोग थे, लेकिन वो मंजर बहुत डरावना था।” बस में सवार एक अन्य श्रद्धालु ने बताया, “मैं गोली चलाने वालों को नहीं देख सका था। लेकिन मैंने एक झलक देखी थी कि वो लोग कैसे गोली चला रहे थे। इसके बाद मैंने खुद को बचाने की कोशिश की। लग रहा था कि जैसे आज मैं बच नहीं पाऊंगा।

आतंकी बिना रूके गोली चलाते रहे। इसके बाद बस पलटकर खाई में जा गिरी। इसके बाद बस में सवार सभी लोग इधर-उधर गिर गए। सभी चिल्ला रहे थे। मदद की गुहार लगा रहे थे। इसके बावजूद भी आतंकी फायरिंग रोकने का नाम नहीं ले रहे थे।” बता दें कि रविवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों से भरी बस पर आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिससे बस असंतुलित होकर खाई में जा गिरी। बस में कुल कितने लोग सवार थे। इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। तीर्थयात्री शिवखोड़ी मंदिर जा रहे थे, तभी घात लगाए बैठे आतंकियों ने फायरिंग कर दी। इस हमले में 10 लोगों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए। घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। मिली जानकारी के आधार पर आतंकियों को चिन्हित कर पाना मुश्किल है, लेकिन आतंकियों की इस करतूत के खिलाफ चौतरफा आक्रोश देखने को मिल रहा है।

नेशनल

संसद में धक्का-मुक्की के दौरान घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसद हुए अस्पताल से डिस्चार्ज

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नई दिल्ली। संसद परिसर में 19 दिसंबर को हुई धक्का-मुक्की की घटना में घायल हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से चार दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। बता दें कि 19 दिसंबर को संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी। इस धक्का-मुक्की के दौरान बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सिर में चोट आई थी और ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो गई थी।

संसद परिसर में धक्का-मुक्की के बाद घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसदों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसके दो दिन बाद यानी 21 दिसंबर को उन्हें एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि, “दोनों सांसदों की हालत अब काफी बेहतर है और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. शुक्ला एमएस ने पहले कहा था कि, ‘एमआरआई और सीटी स्कैन में चोट के संबंध में कुछ भी महत्वपूर्ण बात सामने नहीं आई है।

बता दें, कांग्रेस के राहुल गांधी पर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने भाजपा के सांसदों को धक्का मारा जिस वजह से वे घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में तुरंत भर्ती करवाया गया।जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर घायल सांसदों से बात की थी। इसके अलावा, उन्होंने सांसद मुकेश राजपूत से कहा, “पूरी देखभाल करना, जल्दबाजी नहीं करना और पूरा इलाज कराना।”

घटना को लेकर बीजेपी ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने धक्का देकर बीजेपी सांसदों को घायल कर दिया। बीजेपी ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार भी किया है जिसमें बीजेपी पर ये आरोप लगाया कि उनके सांसदों ने धक्का-मुक्की की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चोटिल होते-होते बचे। फिलहाल घायल सांसद डॉक्टरों की निगरानी में हैं और पूरी तरह से स्वस्थ होने तक आराम करेंगे।

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