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उत्तर प्रदेश

बजट में लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए गए 130 में से 110 वायदों को समाहित किया गया: सीएम योगी

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लखनऊ। यूपी सरकार ने आज बजट 2023-24 विधानसभा में पेश किया। बजट के पेश होने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्रतिक्रया दी है। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट का आकार छह लाख 90 हजार करोड़ रुपये है। बजट का आकार प्रदेश की जरूरतों के अनुरूप है। यह लक्ष्य वित्तीय अनुशासन बनाने से प्राप्त हुआ है। प्रदेश में राजस्व कर में वृद्घि हुई है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमने जनता पर बिना कोई नया कर लगाए बजट का आकार बढ़ाया है। यह सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन को दर्शाता है। जनता पर महंगाई का बोझ नहीं डाला गया। सरकार ने अपना राजस्व बढ़ाने के साथ ही पेट्रोल-डीजल पर वैट कम किया है।

उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य उत्तरप्रदेश प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशन में आगे बढ़ रहा है। बजट हर बार किसी न किसी थीम पर आधारित रहा है,पहला बजट अन्नदाता किसान को समर्पित था,इसी तरह हर बार का बजट अलग अलग थीम पर था। 2021 22 का बजट स्वावलंबन से सशक्तिकरण को समर्पित था, 2022-23 का अंत्योदय कोआज का बजट उत्तरप्रदेश के त्वरित सर्वसमावेशी आत्मनिर्भर बजट है।

सीएम योगी ने कहा, “आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष का बजट प्रस्तुत करने के लिए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना एवं वित्त विभाग की पूरी टीम को हृदय से बधाई। अंत्योदय के प्रण व समग्र विकास के संकल्प को आकार देता यह बजट उ.प्र. को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “बजट में लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए गए 130 में से 110 वायदों को समाहित किया गया है, जिनके लिए 64 हज़ार करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है। यह बजट आत्मनिर्भर भारत की तर्ज़ पर आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की दिशा में लाया गया बजट है। 2023-24 आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव को प्रस्तुत करने वाला बजट है। वहीं बजट पेश होने से पहले मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष में आज प्रस्तुत होने जा रहा ‘नए उत्तर प्रदेश’ का बजट राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इतिहास में नए स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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