Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल में 36 घंटों में हुई 31 लोगों की मौत, ये है वजह

Published

on

Loading

मुंबई। महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक सरकारी अस्पताल में बीते एक दिन से मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले 36 घंटों में यहां 31 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा 70 मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार मृतकों में 12 नवजात शिशु भी शामिल हैं। घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मरीजों के परिजनों ने भी अस्पताल में हंगामा किया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। दवाओं और स्टाफ की कमी को इसकी वजह बताया जा रहा है।

यह मामला नांदेड़ के शंकरराव चव्हाण शासकीय वैद्यकीय अस्पताल का बताया जा रहा है. लोगों के हंगामें के कारण अस्पताल में अफरातफरी का माहौल देखा जा रहा है। इस मामले में मेडिकल सुपरिटेंडेंट का कहना है कि इस क्षेत्र का यह सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। यहां पर लोग 70 से 80 किलोमीटर दूर इलाज कराने के लिए आते हैं। कई दूसरे अस्पतालों से रेफर मरीज भी यहां पर पहुंचते हैं. मेडिकल सुपरिटेंडेंट के अनुसार, अस्पताल आए मरीजों की उचित देखभाल हो रही है। अस्पताल अपनी क्षमता के हिसाब से इलाज कर रहा है. यहां पर उस हिसाब से यहां काफी ज्यादा तादात में मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि मरीजों के इलाज लापरवाही हुई है. लेकिन यह सही नहीं है. यहां पर कई ऐसा लोग भी हैं जो सड़क दुर्घटना में जख्मी हो गए हैं।

शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल के डीन डॉ. वॉकाडे के अनुसार, अस्पताल में जो दवाएं थीं, वह मरीजों को दी गई हैं। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जिन 31 लोगों की मौतें हुईं, वे कुछ समय से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। जिन 12 वयस्क मरीजों की मौत हुई, उनमें से चार हार्ट के मामले थे। एक शख्य की जहर खाने से मौत हुई. वहीं दो गैस्ट्रो और दो गुर्दे की बीमारी से जूझ रहे थे। एक महिला मरीज प्रेग्नेंसी संबंधी जटिलओं से परेशान थी। वहीं, तीन अन्य लोग अलग-अलग हादसों का शिकार हुए थे।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

कानपुर : 1992 के दंगो से बंद पड़े शिव जी के मंदिर को बीजेपी मेयर प्रमिला पांडेय ने खुलवाया

Published

on

Loading

कानपुर। यूपी के कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।

क्या है पूरा मामला?

कानपुर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय अचानक पूरे दलबल के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। मेयर ने क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।

वहीं साथ गई नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर साफ सफाई के निर्देश दिए गए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला तो दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला। मेयर ने बताया कि उनको कुरान का भी ज्ञान है। उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

अयोध्या में भी 32 साल बाद खुला शिव मंदिर

अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया है। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए आयोजित शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।

Continue Reading

Trending