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मुख्य समाचार

85 ट्यूबवेल से होगी पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र में 24 घंटे निर्बाध पानी की सप्लाई

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को स्वच्छ और सुगम बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश जल निगम नगरीय पूरे जोश और उत्साह के साथ कार्यरत है। सीएम योगी के निर्देशों के मुताबिक जिस तरह महाकुंभ नगरी ने आकार लेना शुरू कर दिया है, उसके साथ ही महाकुंभ क्षेत्र में सुविधा व्यवस्थाओं का भी इंतजाम शुरू हो गया है। इस दिशा में यूपी जल निगम नगरीय, प्रयागराज पूरे मेला क्षेत्र में 24 घंटे निर्बाध पानी सप्लाई के लिए 15 नये ट्यूबवेल लगा रहा है। इसके अतिरिक्त पुराने ट्यूबवेलों की मरम्मत कर लगभग 85 ट्यूबवेलों की मदद से पूरे मेला क्षेत्र को महाकुंभ के दौरान निर्बाध पानी की सप्लाई की जाएगी। जिससे मेला क्षेत्र में रहने वाले कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों को असुविधा का सामना न करना पड़े।

11 करोड़ रूपए की लागत से लग रहे हैं 15 नये ट्यूबवेल

महाकुंभ 2025 के दौरान 25 सेक्टरों में फैले मेला क्षेत्र में निर्बाध पानी सप्लाई का कार्य यूपी जल निगम नगरीय कर रहा है। सीएम योगी के निर्देशों के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र में 24 घंटे निर्बाध पानी की सप्लाई की जाएगी। इसके संबध में बताते हुए जल निगम नगरीय के अधिशासी अभियंता अमित राज ने बताया कि 45 दिनों के महाकुंभ आयोजन में निर्बाध पानी सप्लाई 85 ट्यूबवेलों की मदद से की जाएगी। इसके लिए जल निगम नगरीय, मेला क्षेत्र में 15 नये ट्यूबवेल लगा रहा है। महाकुंभ 2025 का मेला क्षेत्र अब तक के कुंभ मेलों की तुलाना में सबसे बड़ा है, जो कि 25 सेक्टर में फैला हुआ है। जिसके लिए शेष 70 ट्यूबवेलों की मरम्मत का कार्य चल रहा है। इनमें से अन्य 15 ट्यूबवेलों को पूरी तरह से रिन्यु किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि निर्बाध जलापूर्ति के लिए ये सारा कार्य 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

निर्बाध पानी सप्लाई के लिए लग रहे हैं 30 जनरेटर और स्टेबलाइजर

जल निगम नगरीय प्रयागराज के अधिशासी अभियंता अमितराज ने बताया कि महाकुंभ में 24 घंटे निर्बाध जलापूर्ति के लिए 11 करोड़ रुपये के बजट से ट्यूबवेलों की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही पानी सप्लाई के लिए 30 जनरेटर सेट और स्टेबलाइजर भी लगाये जायेंगे, जो मेला क्षेत्र में बने पम्पिंग प्लांटों से सभी 25 सेक्टरों में पानी सप्लाई का कार्य करेंगे। इसके साथ ही अधिशासी अभियंता ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में पानी सप्लाई के लिए पाईप का जाल भी बिछाया जाएगा। जिससे आखाड़ा-शिविरों, प्रशासन के टेंट, कल्पवासियों और पूरे मेला क्षेत्र में पानी सप्लाई की जाएगी। ये कार्य भी यूपी जल निगम नगरीय प्रयागराज ही कर रहा है, जो कि सीएम योगी के निर्देशों के मुताबिक 30 नवंबर तक पूरा हो जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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