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पूरे देश में आज ईद का जश्न, राष्ट्रपति-पीएम ने दी बधाई

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नई दिल्ली। पूरे देश में आज ईद का जश्न मनाया जा रहा है। दिल्ली की जामा मस्जिद से लेकर भोपाल के ईदगाह में ईद की नमाज अता की गई। नमाज के बाद लोगों ने गले मिलकर एक-दूसरे को ईद की बधाई भी दी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम नरेंद्र मोदी ने इस खुशी के मौके पर देशवासियों को बधाई दी है।

ईद पर राष्ट्रीय राजधानी की जामा मस्जिद से करीब डेढ़ लाख लोगों ने एक साथ नमाज अदा की। मस्जिद को इस मौके पर रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया गया है। जामा मस्जिद के आसपास के बाजारों में रविवार को पूरी रात रौनक रही। वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर यहां आसपास के इलाकों में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

देश के अन्य शहरों और इलाकों में भी ईद धूमधान में मनाए जाने की जानकारी मिली है। बड़े, बूढ़े-बच्चे सभी नए-नए कपड़े पहन कर मस्जिद पहुंचे। बच्चों में ईद को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साह है। ईद की पवित्र नमाज के बाद उन्हें ना सिर्फ ढेर सारे लजीज पकवानों का इंतजार रहता है बल्कि ईदी की भी चाहत रहती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के माध्यम से देशवासियों को ईद की मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि ऐसे पवित्र पर्व से खुशियां फैलाने और राष्ट्र को आगे ले जाने की प्रेरणा लेनी चाहिय।. उन्होंने आगे कहा कि ‘रमजान माह को बेहद भक्ति भाव से मनाया गया. अब यह ईद का समय है। ईद-उल-फितर के मौके पर सभी को मेरी शुभकामनाएं।’

वहीं राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ईद के शुभ मौके पर आशा व्यक्त की कि यह ईद सभी के जीवन में समृद्धि लाएगा और एकता और भाईचारे में हमारे विश्वास को सुदृढ़ करेगा, जो भारत की समग्र सांस्कृतिक विरासत रहा है।

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज

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नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’

उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।

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