उत्तराखंड
यूपीईएस के 17 वें दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने कही ये बड़ी बात
देहरादून। उत्तराखंड में शनिवार को यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) के 17 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति एम. वैंकैया नायडू ने कहा कि शिक्षा हमें संस्कारवान व सामर्थ्यवान बनाती है।
उपराष्ट्रपति ने दीक्षांत उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि कड़ी मेहनत व अनुशासन से ही सपने साकार होते हैं। परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है। हमें अपनी संस्कृति व परम्पराओं पर भी गर्व होना चाहिए। भारतीय संस्कृति का आधार सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया व वसुधैव कुटुम्बकम की भावना रही है। भारतीयों के डीएनए में ही सर्वधर्म सम्भाव है। हमारी अनेक भाषाएं, बोलियां हो सकती हैं परंतु देश एक ही है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपनी समृद्ध परम्पराओं को कायम रखना होगा इसके लिये युवाओं को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। हमारा युवा देश है हमारी आबादी का 50 प्रतिशत हिस्सा 25 वर्ष से कम आयु के युवाओं का है। हमारे ये युवा देश के स्थायी विकास तथा तकनीकि दक्षता के वाहक बनेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारा देश शिक्षा का केन्द्र रहा है। नालन्दा जैसे विश्वविद्यालय हमारे ज्ञान के आधार रहे हैं। लोकतन्त्र की मजबूती का आधार भी युवाओं के दक्षता विकास पर निर्भर है। समाज के बेहतर जीवन के लिये भी यह जरूरी है।
उन्होंने कहा कि यह हमारे शिक्षा संस्थाओं का दायित्व है कि वे युवाओं को बेहतर शिक्षा प्रदान कर उनके दक्षता विकास में मददगार बने। शिक्षा का मतलब केवल शिक्षित होना ही नही अपनी संस्कृति एवं परिवेश को मजबूती प्रदान करना भी है।
उन्होंने कहा कि चरक, सुश्रुत, चाणक्य, विवेकानन्द जैसे महापुरुषों ने देश को ज्ञान की समृद्ध विरासत सौंपी हैं। हमारे युवाओं को उनके आदर्शो पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने युवाओं से अपनी फिटनेस पर भी ध्यान देने का कहा। हमारी आधुनिक जीवन शैली हमे आरामतलब बना रही है। हमारे युवा अपनी परम्परा तथा अपने परम्परागत खान पान पर ध्यान दे। यह हम सबके लिये उपयोगी रहेगा। उन्होंने युवाओं से समृद्ध भारत के निर्माण में भी सहयोगी बनने को कहा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार ने नए भारत के निर्माण के लिए स्किल इंडिया, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत मिशन, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया कार्यक्रम प्रारम्भ किया हैं। युवाओं की इनमें महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिफ़ॉर्म, परफोर्म व ट्रांसफोर्म का मंत्र दिया है।
उन्होंने कहा कि हमें जीवन में कभी भी अपनी मां, अपनी जन्मभूमि, अपनी मातृभाषा व अपने मातृदेश, अपने गुरूजनों तथा संस्थान को नहीं भूलना चाहिए। वर्तमान युग, ज्ञान का युग है। विश्वविद्यालयों को ज्ञान का सृजन केंद्र बनना होगा। इसके लिए मौलिक व स्तरीय शोध को महत्व देना होगा।
हमारे युवा जागरूक व दक्ष बनें, हमारी शिक्षा व्यवस्था युवाओं में प्रगतिशील सोच विकसित करे और उन्हें सृजनात्मक, आत्मविश्वासी व स्व-निर्भर बनाए। युवाओं को राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभानी होगी। हमारी योग व आयुर्वेद की महान परम्परा रही है। इस विरासत का संरक्षण कर वैकल्पिक चिकित्सा, योग व आयुर्वेद में बड़ा योगदान दिया जा सकता है।
उत्तराखंड
फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा उत्तराखंड में फिल्म की शूटिंग के लिए इच्छुक, राज्य सरकार करेंगी सहयोग
देहरादून। फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा उत्तराखंड में फिल्म की शूटिंग के इच्छुक हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर अपनी यह इच्छा जाहिर की है। प्रकाश झा का कहना है कि फिल्म जगत के लोगों का उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग के लिए तेजी से रूझान बढ़ रहा है। कैंप कार्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा से भेंट के दौरान उन्हें आश्वस्त किया कि उन्हें राज्य में फिल्मांकन के लिए हर संभव सहयोग दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग के लिए कई आकर्षक डेस्टिनेशन हैं, जहां फिल्मों की शूटिंग की जा सकती है। उत्तराखंड में नई फिल्म नीति-2024 बनाई गई है। फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम से अनुमति भी दी जा रही है। हिंदी एवं संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की फिल्मों को अनुदान राशि राज्य में व्यय कुल धनराशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 3 करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता एवं प्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा देहरादून में आयोजित क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल के लिए आए हुए हैं। क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान प्रकाश झा ने कहा कि अपराध के बिना कोई कहानी संभव ही नहीं है। वे निर्माता-निर्देशक से पहले एक लेखक हैं। उन्होंने आठ सालों में गंगाजल 13 बार लिखी है।
फिल्म निर्माताओं को सब्सिडी
विदित हो कि उत्तराखंड में शूटिंग के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस दिया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार प्रदेश में बनने वाली फिल्मों की शूटिंग फीस माफ करती है, अगर 75 फीसदी शूटिंग उत्तराखंड में की जाती है तो हिंदी फिल्म निर्माताओं को उत्तराखंड में खर्च की गयी राशि का 30 प्रतिशत या तीन करोड़ तक की सब्सिडी दी जायेगी।
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