Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

राजनीति

आम आदमी पार्टी के विधायक अब्दुल रहमान ने छोड़ी पार्टी, कांग्रेस में शामिल

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के विधायक अब्दुल रहमान ने आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सीलमपुर से आम आदमी पार्टी विधायक अब्दुल रहमान ने आम आदमी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर ली है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर उन्होंने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘आज मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। पार्टी ने सत्ता की राजनीति में उलझकर मुसलमानों के अधिकारों को नजरअंदाज किया, अरविंद केजरीवाल ने हमेशा जनता के मुद्दों से भागकर अपनी राजनीति की। इंसाफ और हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा।’ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए अब्दुल रहमान ने अपनी इस्तीफा पत्र को भी शेयर किया है। उन्होंने इस इस पत्र में बताया है कि मुसलमानों के प्रति पार्टी की बेरुखी के कारण उन्होंने यह फैसला लिया है।

अब्दुल रहमान ने लिखा पत्र

अब्दुल रहमान ने इस्तीफा देते हुए अपने पत्र में लिखा, ‘मैं अब्दुल रहमान विधायक, सीलमपुर विधानसभा, आज भारी मन से आम आदमी पार्टी की सदस्यता और पार्टी से इस्तीफा देने का निर्णय ले रहा हूं। यह निर्णय मेरे लिए आसान नहीं था, लेकिन पार्टी के नेतृत्व और नीतियों में जिस तरह से मुसलमानों और अन्य वंचित समुदायों की उपेक्षा की गई है, उसके बाद यह मेरा नैतिक कर्तव्य बन गया है।’ आगे उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की वजह मुसलमानों के प्रति पार्टी की बेरुखी को बताया है। उन्होंने आगे लिखा, ‘पार्टी की स्थापना के समय मैंने इसे एक ऐसी पार्टी माना था जो धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उठकर जनता की सेवा करेगी। लेकिन बीते वर्षों में आम आदमी पार्टी ने बार-बार यह साबित किया है कि वह केवल वोट बैंक की राजनीति कर रही है और जब किसी समुदाय के अधिकारों की रक्षा की बात आती है तो पार्टी चुप्पी साध लेती है।

क्या बोले अब्दुल रहमान

उन्होंने आगे लिखा, ‘दिल्ली दंगों के दौरान आपकी सरकार का रवैया बेहद निराशाजनक रहा। दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए न कोई ठोस कदम उठाए गए, न ही कोई सहानुभूति प्रकट की गई। दंगों में झूठे आरोपों में फंसाए गए हमारे साथी ताहिर हुसैन को न सिर्फ पार्टी से निष्कासित कर दिया गया, बल्कि उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया। दिल्ली के मरकज और मौलाना साद को कोरोना महामारी के दौरान निसाना बनाया गया। पार्टी ने इस मामले पर न तो कोई रुख अपनाया और न ही मुसलमानों के खिलाफ किए गए भ्रामक प्रचार का खंडन किया। हाल ही में संभल दंगों जैसे संवेदनशील मुद्दे पर आपने एक ट्वीट तक करना जरूरी नहीं समझा। पार्टी का दावा था कि वह ईमानदार और पारदर्शी राजनीति करेगी, लेकिन आज वह भी अन्य दलों की तरह सत्ता की राजनीति में उलझ चुकी है।’

 

 

Continue Reading

राजनीति

अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर लगाया झुग्गियों को तोड़ने का आरोप

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों की अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल चुनाव के वक्त झुग्गीवासियों से वोट मांगती है और फिर उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर देती है।

शकूरबस्ती में एक झुग्गी बस्ती का दौरा करने के बाद मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा, “बीजेपी झुग्गी-झोपड़ी वालों को सिर्फ चुनाव के समय याद करती है। यह अमीरों की पार्टी है। इनके लिए झुग्गी-झोपड़ी वाले कोई मायने नहीं रखते। ये लोग झुग्गीवासियों को कीड़े-मकौड़े समझते हैं। चुनाव से पहले वोट मांगते हैं और चुनाव के बाद उनकी ज़मीन हड़पने की सोचते हैं।

भाजपा पर झुग्गियों को तोड़ने का आरोप

केजरीवाल ने चेतावनी दी कि अगर भाजपा दिल्ली में सत्ता में आती है, तो झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़ने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी झुग्गीवासियों के अधिकारों के लिए लड़ती रहेगी और उन्हें बेघर नहीं होने देगी।

Continue Reading

Trending