उत्तर प्रदेश
रियल एस्टेट की बड़ी कारोबारी है फरार लेडी डॉन शाइस्ता परवीन, STF कसेगा शिकंजा
प्रयागराज। मौत के घाट उतार दिए गए माफिया अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन का अरबों रुपये का रियल एस्टेट कारोबार हरियाणा तक फैला हुआ है। उमेश पाल हत्याकांड में नामजद होने के बाद से फरार 50 हजार रुपये की इनामी लेडी डॉन रियल एस्टेट की बड़ी कारोबारी है।
एसटीएफ को प्रयागराज से लेकर हरियाणा के गुरुग्राम तक फैलीं उसकी कई कंपनियों के बारे में पता चला है। इसकी पुष्टि भी हुई है कि अतीक के जेल जाने के बाद से वही काले कारोबार की कमान संभाले हुए है। एसटीएफ जल्द इन कंपनियों के दफ्तर सील करते हुए जब्तीकरण कर सकती है।
काली कमाई से पूर्वांचल भर में दर्जनों धनकुबेरों को खड़ा करने वाले माफिया अतीक के जेल जाने के बाद समूचा कारोबार शाइस्ता ही देख रही है। साझीदार कंपनियों के बिजनेस पार्टनरों से हिसाब लेने से लेकर कारोबार में निवेश और नई परियोजनाएं शुरू करने का काम भी वही करती है।
एसटीएफ की जांच में शाइस्ता के नाम से पंजीकृत रियल एस्टेट की कई ऐसी कंपनियों के बारे में पता चला है, जिनका संचालन हरियाणा के गुरुग्राम से किया जा रहा है। अतीक के नाम से फना एसोसिएटेड प्राइवेट लिमिटेड का संचालन भी गुरुग्राम से किए जाने की जानकारी एसटीएफ को मिली है।
मेसर्स जाफरी स्टेट लि. की मालकिन शाइस्ता
इसी नाम से दूसरी कंपनी शाइस्ता के नाम पंजीकृत है। गुरुग्राम से ही संचालित मेसर्स जाफरी स्टेट लिमिटेड का रियल एस्टेट का बड़ा कारोबार है, जिसकी मालकिन शाइस्ता ही है।
एसटीएफ ने जुटाई जानकारी
शाइस्ता के भाई फारुख और जकी के नाम से चार कंपनियों एमजे इंफ्रा लैंड एलएलपी, एमजे इंफ्रा ग्रीन प्रालि, एमजे इंफ्रा हाउसिंग और एमजे इंफ्रा स्टेट हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड का संचालन भी गुरुग्राम से ही किए जाने की जानकारी एसटीएफ ने जुटाई है।
प्रयागराज के बीरमपुर में सात सौ हेक्टेयर में फैली अलीना सिटी फेज-वन व फेज-टू, बख्शी मोढ़ा और दामूपुर में तीन सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली अहमद सिटी भी अतीक-शाइस्ता की बड़ी आवासीय परियोजनाओं के रूप में चिह्नित की गई है।
जब्त करने की तैयारी में एसटीएफ
सैदपुर बख्शी गांव में असाद सिटी, सैदपुर आवासीय योजना, सैदपुर आवासीय योजना करेंहदा, लखनपुर आवासीय योजना और साईं विहार आवासीय योजना रावतपुर को भी अतीक के स्वामित्व वाली परियोजनाएं हैं। एसटीएफ इन्हें जब्त करने की तैयारी में है।
रोशनबाग में निर्माणाधीन शॉपिंग कॉम्पलेक्स होगा जब्त
1989 में अतीक अहमद ने अपने जानी दुश्मन चांद बाबा की जिस रोशनबाग इलाके में हत्या की थी, वहीं पर उसका शॉपिंग कॉम्पलेक्स बन रहा है। इसे बनाने वाले बिल्डर को एसटीएफ ने उठा लिया है। करोड़ों रुपये के इस शॉपिंग कॉम्पलेक्स का पीडीए से मानचित्र भी पास है। इसे भी जब्त करने की तैयारी है।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ मेले में हीटर और ब्लोवर पर रहेगा प्रतिबंध
प्रयागराज। आगामी महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और अग्नि-मुक्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। मेले में आग की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से कई प्रतिबंध और दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं और संस्थाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पूर्व में हुई घटनाओं से सबक लेते हुए योगी सरकार ने इस बार कल्पवासियों के टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड जैसे अनधिकृत उपकरणों के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है। महाकुंभ 2025 में नियमों के सख्ती से पालन के साथ, सरकार का लक्ष्य एक सुरक्षित, व्यवस्थित और अग्नि-मुक्त आयोजन को सफल बनाना है।
विद्युत सुरक्षा को लेकर सख्ती
विद्युत विभाग ने मेले में बिजली के उपयोग को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि (यूपीपीसीएल) ने सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि महाकुंभ मेले में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड जैसे उपकरणों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कदम आग की घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है। पूर्व में देखा गया है कि मेले के दौरान हुई आग की अधिकतर घटनाओं में शॉर्ट सर्किट बड़ी वजह रही है जो हीटर या ब्लोवर के कारण उत्पन्न हुई।
कटिया पर होगी कार्रवाई
अधिशाषी अभियंता अनूप सिन्हा ने बताया कि हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के साथ साथ मेले में कटिया लगाकर बिजली के उपयोग पर भी सख्त प्रतिबंध रहेगा। ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, यदि किसी संस्था द्वारा विद्युत विभाग की वायरिंग में छेड़छाड़ की जाती है और उसके कारण कोई आगजनी की घटना होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस संस्था की होगी। ऐसी संस्थाओं को भविष्य में प्रतिबंधित भी किया जा सकता है।
सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य
संस्थाओं को निर्देश दिया गया है कि यदि वे स्वयं वायरिंग करते हैं, तो यह कार्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप होना चाहिए। वायरिंग के लिए एमसीबी और कंड्यूट पाइप का उपयोग अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, संस्था को अपनी वायरिंग के उपरांत विद्युत सुरक्षा से अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOC) प्राप्त करना होगा। सरकार के इन कदमों का उद्देश्य महाकुंभ 2025 को पूरी तरह सुरक्षित और अग्नि-मुक्त बनाना है। इस बार का महाकुंभ एक ऐसा आयोजन होगा, जहां सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन किया जाएगा, ताकि लाखों श्रद्धालु बिना किसी भय के धार्मिक आयोजन में भाग ले सकें।
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