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अरविंद केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया भी खाली करेंगे सरकारी आवास, हरभजन सिंह के घर में होंगे शिफ्ट

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नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की तरह ही दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी अपना आवास खाली करेंगे। सरकारी आवास छोड़ने के बाद केजरीवाल और उनका परिवार 5, फिरोजशाह रोड पर शिफ्ट होने जा रहा है। आप संयोजक पार्टी सांसद अशोक मित्तल के घर में शिफ्ट होंगे। वहीं, दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी कल अपना घर खाली करने जा रहे हैं।

वे पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह को आवंटित सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास 32, डॉ. राजेंद्र सिंह रोड पर स्थित है। वे आज इस घर में गृह प्रवेश की पूजा कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल भी 5 फिरोजशाह रोड पर स्थित आप राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल के घर में कल शिफ्ट होंगे।

विधायकों को सरकारी घर नहीं मिलता

मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल अब न तो सीएम, डिप्टी सीएम या मंत्री हैं, अब वे दिल्ली के विधायक मात्र रह गए हैं। दिल्ली में विधायकों को सरकारी घर नहीं मिलता है। इसलिए दोनों ही विधायक आप आम आदमी पार्टी के सांसदों के आवास में रहेंगे। इसलिए मनीष सिसोदिया अब पूर्व क्रिकेटर और आम आदमी पार्टी के सांसद हरभजन सिंह के सरकारी आवास में शिफ्ट होंगे। यह बंगला राजेंद्र प्रसाद रोड पर स्थित है।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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