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उत्तर प्रदेश

बिजली विभाग का निजीकरण करने पर भड़के अखिलेश यादव, कहा- सरकारी कर्मचारी और संविदा कर्मी दोनों बेरोजगार हो जाएंगे

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लखनऊ। दो बिजली कंपनियों को पीपीपी मॉडल पर चलाने को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश की बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर ली है। कुछ पूंजी घरानों को मनमाने दामों पर बिजली देने की छूट मिल जाएगी। जनता के शोषण उत्पीड़न से भाजपा को कुछ लेना देना नहीं। सरकारी कर्मचारी और संविदा कर्मी दोनों बेरोजगार हो जाएंगे।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के एजेंडे में नौकरी और रोजगार नहीं है। जहां-जहां भाजपा की सरकारें हैं, वहां एक-सा ही पैटर्न है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा जाएगी तो नौकरी आएगी। भाजपा सरकार युवाओं नौजवानों को ठगने का काम कर रही है, झूठे वादे करती है।

निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने की सभाएं

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले शनिवार को सभी जिलों में बिजली कर्मचारियों की सभाएं हुईं। कर्मचारियों ने निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में सबसे बड़े स्टेकहोल्डर उपभोक्ता और बिजली कर्मचारी हैं। आम उपभोक्ताओं और कर्मचारियों की राय के बना निजीकरण की कोई प्रक्रिया शुरू न की जाए। समिति ने मांग की कि खरबों रुपये की बिजली कंपनियों की संपत्तियों का मूल्यांकन करने के लिए एक समिति बनाई जाए, जिसमें बिजलीकर्मी भी हों। मूल्यांकन सार्वजनिक किए बिना निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करना संदेहास्पद है।

लखनऊ में राणा प्रताप मार्ग स्थित हाइडिल फील्ड हॉस्टल में हुई विरोध सभा में सभी कार्यालयों, शक्ति भवन, मध्यांचल मुख्यालय और लेसा के बिजलीकर्मी और अभियंता शामिल हुए। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि निजीकरण से कर्मचारियों को तो नुकसान होगा ही, उपभोक्ताओं और किसानों को भी इसके दुष्प्रभाव झेलने होंगे। प्रदेश में आगरा और ग्रेटर नोएडा में हुए निजीकरण की समीक्षा के बाद यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल में किस तरह की दिक्कतें होने वाली हैं। निजी कंपनियां मुनाफे के लिए काम करती हैं, जबकि सरकारी कंपनी सेवा के लिए काम करती है।

उत्तर प्रदेश

शाहजहांपुर: चाइनीज मांझे से सिपाही की गर्दन कटी, बीच रोड पर तड़प-तड़पकर हुई मौत, खून से लाल हो गई सड़क

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शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां ड्यूटी पर जा रहे सिपाही की गर्दन पतंग के चाइनीज मांझे से कट गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक सिपाही का नाम शाहरुख हसन है।

शाहरुख़ अपनी बाइक से विभागीय काम से जा रहे थे। इसी दौरान उनके गले में मांझा फंस गया और वह नीचे गिर गए। आनन-फानन में स्थानीय लोग उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद सिपाही को मृत घोषित कर दिया। मृतक सिपाही अभियोजन कार्यालय में तैनात थे और वह विभागीय काम से अजीजगंज स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज जा रहे थे। इसी दौरान गर्रा नदी पुल पर उनके गले में चाईनीज मांझे की डोर अटक गई। शाहरुख ने मांझे को बहुत हटाने की कोशिश की, लेकिन वह हटने की जगह और ज्यादा गले में धंसता चला गया।

वहां मौजूद एक चश्मदीद राकेश का कहना है कि वह दुकान पर बाहर की तरफ खड़ा था. तभी गर्रा पुल से ढलान की ओर रोड क्रॉस करते हुए सिपाही आ रहे थे तभी उसकी गर्दन मांझे में फंस गई जबकि मांजा एक बच्चा दूसरी साइड से खींच रहा था, जिससे उनकी गर्दन और कटतीं चली गई।

घटना की जानकारी मिलते ही डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह एवं एसपी राजेश एस सहित नगर मजिस्ट्रेट व अन्य अधिकारियों ने जिला अस्पताल पहुंच कर घटना की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने कहा है कि विशेष अभियान चलाकर चाइनीज मांझे की बिक्री करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील भी की है कि किसी भी तरह से पतंगबाजी के लिए चाइनीज मांझे का उपयोग न करें और न ही इसकी खरीद बिक्री करें।

गौरतलब है कि चाइनीज मांझे पर पहले से ही प्रतिबंध है, लेकिन इसके बावजूद इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है, जो अब जानलेवा साबित हो रहा है प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

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