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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ मेला क्षेत्र में 15 दिसंबर तक इंस्टॉल होंगे सभी डेढ़ लाख टॉयलेट्स

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प्रयागराज। योगी सरकार महाकुंभ को स्वच्छ कुंभ बनाने के लिए संकल्पित है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में प्रयागराज मेला प्राधिकरण इस संकल्प को साकार करने में जुट गया है। इसमें सैनिटेशन पर खास तौर पर फोकस किया जा रहा है। महाकुंभ में 1.5 लाख से ज्यादा टॉयलेट्स और यूरिनल्स स्थापित किए जाने हैं। मेला प्रशासन ने 15 दिसंबर तक इन्हें स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए सभी वेंडर्स को इमपैनल्ड कर लिया गया है। उन्हें एलओए भी जारी कर दिया गया है। पूरा फोकस है कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक किसी भी सूरत में ओपन एरिया का उपयोग न करें। उन्हें सामुदायिक शौचालय का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

टॉयलेट्स की सफाई की होगी मॉनीटरिंग

विशेष कार्याधिकारी कुंभ मेला आकांक्षा राणा के अनुसार 15 दिसंबर तक सभी 1.5 लाख टॉयलेट्स और यूरिनल्स को स्थापित कर लिया जाएगा। इसके लिए एलओए जारी कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त जेट स्प्रे क्लीनिंग सिस्टम की भी स्थापना की जा रही है, जबकि सेसपूल ऑपरेशन प्लान भी तैयार किया गया है, ताकि सेप्टिक टैंक और सोक पिट के साथ ही अन्य विकल्प भी मौजूद रहें। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इन सभी टॉयलेट्स में साफ-सफाई और सुरक्षा की मॉनीटरिंग भी की जाएगी। इसके लिए क्यूआर कोड्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इतने व्यापक पैमाने पर टॉयलेट्स और यूरिनल इंस्टॉल करने के लिए अब तक कुल 55 वेंडर्स को इम्पैनल्ड किया जा चुका है।

पीक डे में भी पर्याप्त होंगे टॉयलेट्स और यूरिनल्स

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप स्वच्छ कुंभ के संकल्प को साकार करने के लिए सैनिटेशन पर विशेष फोकस किया जा रहा है। ये सारे टॉयलेट्स और यूरिनल्स मौनी अमावस्या को होने वाले प्रमुख स्नान में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए स्थापित किए जा रहे हैं। मौनी अमावस्या महाकुंभ में सबसे अधिक डेंस (भीड़) वाला अवसर होता है। इस दिन 4 से 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसको मानक मानते हुए ही टॉयलेट्स को स्थापित किया जा रहा है। स्टडी के अनुरूप 1.5 लाख टॉयलेट्स इतनी बड़ी संख्या के लिए पर्याप्त हैं। ऐसे में प्रमुख स्नान के अवसर पर टॉयलेट्स की कोई कमी नहीं होगी और सामान्य दिनों में भी यह संचालित किए जाते रहेंगे। श्रद्धालु 24 घंटे इनका उपयोग कर सकेंगे। इनकी साफ सफाई की भी पूरी व्यवस्था की गई है।

सोक पिट और सेप्टिक टैंक वाले टॉयलेट्स किए जाएंगे स्थापित

कुंभ मेला क्षेत्र में सोक पिट वाले 49 हजार कनाथ टॉयलेट्स भी स्थापित किए जाएंगे, जिसके लिए 9 वेंडर्स को इमपैनल्ड कर दिया गया है। इसी तरह सेप्टिक टैंक वाले 12 हजार एफआरपी टॉयलेट्स भी स्थापित किए जा रहे हैं। इसके लिए 10 वेंडर्स इम्पैनल्ड हैं। वहीं, 17 हजार सोक पिट वाले एफआरपी टॉयलेट्स भी इंस्टॉल किए जा रहे हैं, जिनकी जिम्मेदारी 8 वेंडर्स को दी गई है। इसके अतिरिक्त, 9 हजार प्रीफैब्रिकेटेड स्टील बेस्ड कम्युनिटी टॉयलेट्स (सेप्टिक टैंक) के लिए 7 वेंडर्स और 23 हजार प्रीफैब्रिकेटेड स्टील बेस्ड कम्युनिटी टॉयलेट्स (सोक पिट) के लिए 8 वेंडर्स इमपैनल्ड हैं। यही नहीं, 10 सीटर वाले 350 मोबाइल टॉयलेट्स भी स्थापित किए जाएंगे, जिसके लिए 3 वेंडर्स को इमपैनल्ड किया गया है। 15 हजार सीमेंटेड टॉयलेट्स के लिए 3 वेंडर्स इमपैनल्ड हैं। इसके साथ ही, 500 वीआईपी टॉयलेट्स के लिए भी वेंडर ऑनबोर्ड किया जा रहा है। 20 हजार एफआरपी बेस्ड यूरिनल्स भी इंस्टॉल किए जा रहे हैं, जिनके लिए 5 वेंडर्स इम्पैनल्ड हैं।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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