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शहरों की रोड्स के विकास और रख-रखाव के साथ ही ‘नगरीय सड़क प्रबंधन प्रणाली’भी विकसित करेगा यूरिडा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बढ़ते नगरीकरण के कारण सड़कों पर आए अतिरिक्त वाहनों के बोझ को कम करने तथा आवागमन में सुगमता के लिए योगी सरकार ने हाल ही में कैबिनेट बैठक में शहरों की सड़कों को इंटरनेशनल लुक देने के लिए 500 करोड़ रुपए की मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (अर्बन) यानी‘सीएम ग्रिड्स योजना’को मंजूरी दी है। इस योजना को धरातल पर लाने और निकायों की सड़कों के विकास, वित्त पोषण और कार्यों की निगरानी के लिए सीएम योगी के निर्देश पर नगर विकास विभाग ने अर्बन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एजेंसी (यूरिडा) की स्थापना की है। नगर विकास विभाग ने यूरिडा की स्थापना के साथ ही उसके दायित्व भी तय कर दिए हैं। इसके तहत यूरिडा सड़कों के विकास एवं रखरखाव के साथ ही नगरीय सड़क प्रबंधन प्रणाली को भी विकसित करेगी। साथ ही जरूरी रिसोर्सेज को जुटाने से लेकर नगरीय निकायों की वित्तीय स्थिति को सुधारने और रोड इंफ्रास्ट्रक्चर में नई तकनीक के इस्तेमाल को भी सुनिश्चित करेगी। यूरिडा का कार्यालय स्थानीय निकाय निदेशालय, लखनऊ के भवन में स्थापित होगा। सीएम ग्रिड्स (अर्बन) की गतिविधियों की निगरानी के लिए एक जनरल बॉडी और उसके अधीन एक कार्यकारी समिति का भी गठन किया गया है।

ये होगा यूरिडा का मुख्य दायित्व

– शहरी सड़कों के लिए सभी परिसंपत्तियों के विकास एवं रख-रखाव के लिए ‘नगरीय सड़क प्रबंधन प्रणाली’ का विकास करना।

– शहरी सड़क के विकास एवं प्रबंधन के क्षेत्र में थिंक टैंक, नॉलेज रिर्सोसेज आर्गनाईजेशन एवं एडवाइजरी सपोर्ट के रूप में कार्य करना।

– सरकार, नगरीय निकायों और नागरिकों को शामिल करते हुए वैल्यू कैप्चरिंग के माध्यम से नगरीय निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार करना।

– नगरीय निकायों में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए उपयुक्त क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, सेमिनार इत्यादि का आयोजन करना।

– अनुसंधान संस्थानों की सहायता से सड़कों के विकास में नवीनतम एवं आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए पर्यावरण अनुकूल एवं कॉस्ट इफेक्टिव सड़कों के विकास हेतु प्रयास करना।

– सीएम ग्रिड्स (अर्बन) के मानक और दिशा-निर्देश तैयार कराना नगर निकायों के राजस्व संग्रहण में वृद्धि के आधार पर योजनान्तर्गत अनुदान उपलब्ध कराना।

– सीएम ग्रिड्स (अर्बन) के अन्तर्गत निर्माण / पुनर्निर्माण हेतु सड़कों का चयन करने हेतु “सड़क चयन मानदण्ड” तैयार कराना व उसमें संशोधन करना।

– प्रत्येक वित्तीय वर्ष की समाप्ति के छह माह के अन्दर चार्टर्ड अकाउंटेंट से सीएम-ग्रिड्स (अर्बन) के बैंक अकाउंट का ऑडिट कराना। नगरीय निकाय, सीएम-ग्रिड्स (अर्बन) के बैंक अकाउंट का मिलान विवरण और इसकी सटीकता पर चार्टर्ड अकाउंटेंट का प्रमाण-पत्र एजेन्सी को प्रस्तुत करेंगे।

प्रत्येक छमाही होगी आम सभा की बैठक

नगर विकास विभाग द्वारा सड़कों के विकास से संबंधित संचालित योजनाओं के साथ-साथ सीएम ग्रिड्स (अर्बन) योजना की प्रभावी मॉनिटरिंग, एसेसमेंट व रिव्यू के लिए एजेंसी की एक आमसभा का गठन किया गया है। इसमें मुख्य सचिव अध्यक्ष होंगे, जबकि नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव उपाध्यक्ष होंगे। प्रमुख सचिव/सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन, प्रमुख सचिव/सचिव, लोक निर्माण विभाग, सचिव, नगर विकास विभाग, निदेशक, स्थानीय निकाय निदेशालय सदस्य होंगे। वहीं विशेष सचिव, नगर विकास/ सीईओ यूरिडा इसके सदस्य सचिव होंगे। आमसभा के सदस्य सचिव द्वारा शहरी सड़क विकास से संबंधित योजनाओं की प्रगति व निष्पादन आदि से समय-समय पर एजेंसी की आमसभा को अवगत कराया जाएगा। आमसभा की बैठक प्रत्येक छमाही आहूत की जाएगी।

कार्यकारी समिति देखेगी प्लानिंग, टेंडरिंग समेत अन्य गतिविधियां

एजेंसी के अंतर्गत एक कार्यकारी समिति का गठन किया गया है, जिसमे अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग अध्यक्ष और निदेशक, स्थानीय निकाय निदेशालय उपाध्यक्ष होंगे। कार्यकारी समिति सीएम-ग्रिड्स (अर्बन) की समस्त गतिविधियों जैसे प्लानिंग, डिजाइनिंग, टेंडरिंग, मॉनीटरिंग एवं अनुरक्षण का प्रबंधन करेगी। साथ ही नगर विकास विभाग द्वारा संचालित सड़क निर्माण से संबंधित सभी योजनाओं का अनुश्रवण एवं मूल्यांकन करेगी। क्षमता निर्माण के लिए ऑनलाईन संगोष्ठियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन, सड़क निर्माण के मानक एवं दिशा-निर्देश जारी करना तथा उन्हें ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध कराना एवं सृजित परिसंपत्तियों के प्रबंधन व रख-रखाव के लिए प्रणाली का विकास करने के साथ ही रोड डायरेक्ट्री एवं रोड डाटा बैंक का निर्माण इसकी प्रमुख जिम्मेदारियों में शुमार होगा।

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नेशनल

संसद में धक्का-मुक्की के दौरान घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसद हुए अस्पताल से डिस्चार्ज

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नई दिल्ली। संसद परिसर में 19 दिसंबर को हुई धक्का-मुक्की की घटना में घायल हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से चार दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। बता दें कि 19 दिसंबर को संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी। इस धक्का-मुक्की के दौरान बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सिर में चोट आई थी और ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो गई थी।

संसद परिसर में धक्का-मुक्की के बाद घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसदों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसके दो दिन बाद यानी 21 दिसंबर को उन्हें एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि, “दोनों सांसदों की हालत अब काफी बेहतर है और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. शुक्ला एमएस ने पहले कहा था कि, ‘एमआरआई और सीटी स्कैन में चोट के संबंध में कुछ भी महत्वपूर्ण बात सामने नहीं आई है।

बता दें, कांग्रेस के राहुल गांधी पर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने भाजपा के सांसदों को धक्का मारा जिस वजह से वे घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में तुरंत भर्ती करवाया गया।जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर घायल सांसदों से बात की थी। इसके अलावा, उन्होंने सांसद मुकेश राजपूत से कहा, “पूरी देखभाल करना, जल्दबाजी नहीं करना और पूरा इलाज कराना।”

घटना को लेकर बीजेपी ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने धक्का देकर बीजेपी सांसदों को घायल कर दिया। बीजेपी ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार भी किया है जिसमें बीजेपी पर ये आरोप लगाया कि उनके सांसदों ने धक्का-मुक्की की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चोटिल होते-होते बचे। फिलहाल घायल सांसद डॉक्टरों की निगरानी में हैं और पूरी तरह से स्वस्थ होने तक आराम करेंगे।

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